नई दिल्ली : नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने एक नया विवाद खड़ा करते हुए दावा किया है कि 'वास्तविक' अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं. इसको लेकर अयोध्या में पुजारियों ने नेपाली प्रधानमंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि ओली ने यह बयान चीन के दबाव में दिया है. वहीं, कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा ओली ने
कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ओली के बयान पर कहा कि ऐसा लग रहा है कि उन्होंने अपनी मानसिक संतुलन खो दिया है या तो वह रट्टू तोते की तरह चीन द्वारा लिखी गई लाइन दोहरा रहे हैं. सिंघवी ने अपने ट्वीट में नेपाल के नए मानचित्र को लेकर कहा कि पहले तो उन्होंने उन क्षेत्रों पर दावा कि जिनपर नेपाल ने कभी दावा नहीं किया था. अब वह अयोध्या को लेकर नए दावे कर रहे हैं.
राम मंदिर ट्रस्ट के सदस्य महंत दीनेंद्र दास ने ओली की आलेचना करते हुए कहा कि भगवान राम आयोध्या में सरयू नदी के तट पर पैदा हुए थे. भगवान राम अयोध्या के निवासी थे. यह सच है कि देवी सीता (राम की पत्नी) नेपाल की थीं. हालांकि, भगवान राम को लेकर किया गया यह दावा गलत है.
राम दल ट्रस्ट के अध्यक्ष कल्कि राम दास महाराज ने कहा कि पहले नेपाल एक हिंदू राष्ट्र हुआ करता था, लेकिन अब वह चीन और पाकिस्तान के लिए कार्य कर रहा है. उन्होंने कहा कि धार्मिक ग्रंथों में उल्लेख किया गया है कि 'जिसकी उत्तर दिशा में सरयू प्रवाहित होती है, वह अयोध्या है' और नेपाल में सरयू नाम की कोई नदी नहीं बहती, वह यह दावा कैसे कर सकते हैं कि भगवान राम नेपाल के थे.
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उन्होंने ओली को चुनौती देते हुए कहा कि एक माह के भीतर उनको सत्ता से बेदखल कर दिया जाएगा.
एक अन्य महंत परमहंस आचार्य ने कहा कि ओली खुद नेपाली नहीं हैं, वह अपने देश के इतिहास के बारे में नहीं जानते. ओली नेपाल को धोखा दे रहे हैं. चीन ने दो दर्जन से अधिक नेपाली गावों पर कब्जा कर लिया है. उसे दबाने के लिए वह भगवान राम का नाम ले रहे हैं.
परमहंस आचार्य ने कहा कि भगवान राम पूरे ब्रह्मांड के हैं. वह अयोध्या में पैदा हुए थे. ओली अपने लोगों के साथ विश्वासघात कर रहे हैं और नेपाल के लोगों को उनका विरोध करना चाहिए, अन्यथा इसके परिणाम घतक होंगे. उन्होंने जो कुछ कहा उससे फर्क नहीं पड़ता.