नई दिल्ली : कांग्रेस सेवा दल की एक पुस्तक में वीर सावरकर और नाथूराम गोडसे के बीच कथित संबंध को लेकर किए गए उल्लेख पर विवाद खड़ा होने के बाद संगठन के प्रमुख लालजी देसाई ने शुक्रवार को कहा कि संगठन को सावरकर के 'माफी मांगने और दो राष्ट्र के उनके सिद्धांत' को लेकर आपत्ति है. कांग्रेस के फ्रंटल संगठन के प्रमुख देसाई ने यह भी कहा कि यह पुस्तक एक साल पहले की है और इसमें 'फ्रीडम एट मिडनाइट' नामक किताब का हवाला दिया गया है, हालांकि इस पर मीडिया का ध्यान अब गया है.
इस पुस्तक से जुड़े विवाद के बारे में पूछे जाने पर देसाई ने कहा, 'हमने एक साल पहले अपने राष्ट्रीय अधिवेशन में यह पुस्तक निकाली थी. इस पर मीडिया का ध्यान अब गया है. हमने कोई टिप्पणी नहीं की. हमने 'फ्रीडम एट मिडनाइट' में जो लिखा है, उसी का हवाला दिया है.'
उन्होंने कहा, 'सावरकर के बारे में हमारी जो राय पहले थी, वही अब भी है. उनके 11 बार माफी मांगने वाली बात पूरी दुनिया जानती है. कोई भी क्रांतिकारी गोली खाता है, लेकिन माफी नहीं मांगता है. इस बात को लेकर हमें दिक्कत है. दो राष्ट्र जो सिद्धांत दिया था, उसको लेकर भी हमें आपत्ति है.'
संजय राउत की प्रतिक्रिया
शिवसेना नेता संजय राउत ने कांग्रेस सेवादल द्वारा दामोदर सावरकर पर सवाल उठाए जाने वाली पुस्तक को लेकर बयान दिया है. राउत ने कहा कि सावरकर एक महान इंसान थे और महान रहेंगे. राउत ने कहा कि एक वर्ग द्वारा सावरकर के खिलाफ बोली गई बातें, सिर्फ उनके दिमाग में गंदगी दर्शाती है.
उमा भारती की तीखी प्रतिक्रिया
वरिष्ठ भाजपा नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री उमा भारती ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस का ही कोई वजूद नहीं है, तो कांग्रेस सेवा दल का क्या वजूद रहेगा. उमा भारती ने कांग्रेस पर वार करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी का चरित्र घिनौना हो चुका है.
सावरकर के परपोते ने की निंदा
विनायक सावरकर के परपोते ने भी इस पर सवाल उठाए और निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस शुरू से ही सावरकर पर आरोप लगाती रही है. इतने घटिया आरोप लगातर नीचे स्तर तक गिर जाएगी मुझे कभी नहीं लगा था.
स्वामी चक्रपाणि महाराज भी हुए नाराज
अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अध्यक्ष स्वामी चक्रपाणि ने भी कांग्रेस सेवादल की पुस्तिका को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि ये पूर्व महासभा अध्यक्ष सावरकर के खिलाफ हास्यास्पद आरोप हैं. जाहिर तौर पर हमने यह भी सुना है कि राहुल गांधी .$^*.. हैं.
क्या है विवाद
गौरतलब है कि अखिल भारतीय कांग्रेस सेवादल ने गुरुवार को भोपाल में आयोजित राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में 'वीर सावरकर कितने वीर' नाम से एक किताब वितरित की है, जिसमें राजनीतिक हिंदूवादी विचारधारा के जनक कहे जाने वाले विनायक दामोदर सावरकर पर सवाल उठाया गया है.
किताब का दावा
दरअसल, सेवा देल ने भोपाल में अपने प्रशिक्षण शिविर में 'वीर सावरकर कितने वीर' नाम पुस्तक का वितरण किया है. इसमें डॉमिनिक लैपिएर और लैरी कॉलिन की किताब 'फ्रीडम एट मिडनाइट' का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि 'सावरकर और महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के बीच समलैंगिक संबंध थे.'
वहीं, भाजपा ने इसकी कड़ी निंदा करते हुए कहा कि कांग्रेस मतिभ्रम की स्थिति में है, इसलिए राष्ट्रभक्तों का अपमान कर रही है. किताब में आरोप लगाया गया है कि सावरकर ने तत्कालीन ब्रिटिश हुकूमत से पैसे लिए थे.
इसी बीच, मध्य प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एवं सांसद राकेश सिंह ने कांग्रेस सेवा दल के कार्यक्रम में सावरकर को लेकर बांटे गए साहित्य पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'कांग्रेस मतिभ्रम के दौर से गुजर रही है. वह समझ नहीं पा रही कि किसका विरोध करें और किसका समर्थन करें.'
उन्होंने कहा कि इस दौर में कांग्रेस के नेता उन राष्ट्र भक्तों को निशाना बनाने से नहीं चूक रहे, जो राष्ट्रभक्त विशेष रूप से बहुसंख्यक आबादी के हितचिंतक रहे हैं.
आपको बता दें कि इससे पहले भी सावरकर को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर से अलग-अलग प्रतिक्रियाएं आती रही हैं. पार्टी के कुछ नेता मानते हैं कि सावरकर देशभक्त थे, हालांकि, उनकी विचारधारा को लेकर सहमत नहीं हैं. इससे ठीक उलट, कई ऐसे नेता हैं, जो सावरकर के खिलाफ हमेशा ही टिप्पणी करते रहे हैं.