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राजीव गांधी हत्याकांड : जेल से बाहर आई नलिनी, एक माह की मिली है पैरोल

मद्रास हाईकोर्ट ने पूर्व प्रधानमंत्री राजवी गांधी की हत्या में शामिल नलिनी को एक माह की पैरोल पर जेल से रिहा किया है. नलिनी को अपनी बेटी की शादी में शामिल होने के लिए रिहा किया गया है. पढ़ें पूरी खबर....

नलिनी
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Published : Jul 25, 2019, 11:38 AM IST

Updated : Jul 25, 2019, 11:49 AM IST

हैदराबाद: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन जेल से बाहर आ गई है. नलिनी को एक माह की पैरोल पर जेल से बाहर आई है. नलिनी ने मद्रास कोर्ट से 6 माह पैरोल की मांग की थी.

नलिनी को कोर्ट से 30 दिन की पैरोल मिली है. नलिनी को अपनी बेटी की शादी के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत मिली है. बता दें नलिनी पिछले 27 साल से जेल में बंद है. नलिनी समेत सात अन्य लोग 1991 से जेल में सजा काट रहे हैं.

21 मई को 1991 को लिट्टे उग्रवादियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोहियों के संगठन लिट्टे ने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में राजीव पर आत्मघाती हमला किया था. उन पर यह हमला उस वक्त हुआ था जब वो श्रीपेरम्बदूर में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे.

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने नलिनी श्रीहरन की वक्त से पहले अपनी रिहाई को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति सी सर्वणन की पीठ ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 361 कहता है कि एक राज्य का राज्यपाल अपने कर्तव्यों के निर्वहन के संबंध में किसी भी अदालत के समक्ष जवाबदेह नहीं है या उससे सवाल नहीं पूछा जा सकता.

पढ़ें-लोकसभा में आज 'तीन तलाक' पर चर्चा, बिल पास कराने की तैयारी में सरकार

नलिनी को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिल नाडु सरकार ने उनकी सजा उम्रकैद कर दी थी.

हैदराबाद: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में दोषी नलिनी श्रीहरन जेल से बाहर आ गई है. नलिनी को एक माह की पैरोल पर जेल से बाहर आई है. नलिनी ने मद्रास कोर्ट से 6 माह पैरोल की मांग की थी.

नलिनी को कोर्ट से 30 दिन की पैरोल मिली है. नलिनी को अपनी बेटी की शादी के लिए जेल से बाहर आने की इजाजत मिली है. बता दें नलिनी पिछले 27 साल से जेल में बंद है. नलिनी समेत सात अन्य लोग 1991 से जेल में सजा काट रहे हैं.

21 मई को 1991 को लिट्टे उग्रवादियों ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या कर दी थी. श्रीलंका में शांति सेना भेजने से नाराज तमिल विद्रोहियों के संगठन लिट्टे ने तमिलनाडु के श्रीपेरम्बदूर में राजीव पर आत्मघाती हमला किया था. उन पर यह हमला उस वक्त हुआ था जब वो श्रीपेरम्बदूर में लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार कर रहे थे.

इससे पहले मद्रास उच्च न्यायालय ने नलिनी श्रीहरन की वक्त से पहले अपनी रिहाई को लेकर तमिलनाडु के राज्यपाल को निर्देश देने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया था. न्यायमूर्ति आर सुब्बैया और न्यायमूर्ति सी सर्वणन की पीठ ने कहा था कि संविधान का अनुच्छेद 361 कहता है कि एक राज्य का राज्यपाल अपने कर्तव्यों के निर्वहन के संबंध में किसी भी अदालत के समक्ष जवाबदेह नहीं है या उससे सवाल नहीं पूछा जा सकता.

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नलिनी को पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी लेकिन बाद में तमिल नाडु सरकार ने उनकी सजा उम्रकैद कर दी थी.

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Last Updated : Jul 25, 2019, 11:49 AM IST
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