नई दिल्ली : वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा शनिवार को 2020-21 का बजट पेश किया गया. इस बजट में अलग अलग क्षेत्रों के लिए एलान किए गए हैं. इस कारण कई चाजे महंगी हो जाएंगी हैं और कुछ सस्ती. आइए एक नजर डालते हैं कि बजट के बाद क्या क्या चीजें महंगी होंगी और कौन सा सामान सस्ता.
फुटवियर
आज पेश किए गए बजट में फुटवियर पर सीमा शुल्क में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है. इस कारण जो सीमा शुल्क पहले 25 फीसदी था , वह बढ़कर 35 प्रतिशत हो गया है.
फर्नीचर
फुटवियर के साथ साथ फर्नीचर पर सीमा शुल्क 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है, जिसके कारण आने वाले दिनों में फर्नीचर प्रोडक्टस पर महंगे हो जाएंगे.
सिगरेट तंबाकू
बजट के बाद जिन चीजों के महंगे होने की उम्मीद है उनमें सिगरेट और तम्बाकू उत्पादक भी शामिल हैं. हालांकि इन चीजों के शुल्क दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
पेट्रोल- डीजल
इतना ही नहीं बजट आने के बाद पेट्रोल- डीजल सहित, सोना, काजू, सिंथेटिक रबर, ऑप्टिकल फाइबर, स्टेनलेस प्रोडक्ट, लाउडस्पीकर, वीडियो रिकॉर्डर, पीवीसी और टाइल्स भी महंगे होने की संभावना है.
मेडिकल डिवाइस
इन सबके अलावा लोगों की जेब पर एसी, सीसीटीवी कैमरा, गाड़ी के हॉर्न जैसा सामानों के साथ साथ मेडिकल डिवाइस भी लोगों की जेब भर भार डाल सकते हैं.
दीवारों पर टंगने वाले पंखे
दीवारों पर टंगने वाले पंखों, कप प्लेट जैसे टेबल (टेबलवेयर) और किचन में उपयोग होने वाले उत्पादों पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा की. दिवारों पर लगने वाले पंखों पर सीमा शुल्क 7.5 प्रतिशत से 20 प्रतिशत जबकि टेबल और किचन में उपयोग होने वाले चीनी सेरेमिक, क्ले आयरन, इस्पात और तांबा के बने उत्पादों पर सीमा शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है.
वाणिज्यिक वाहन के पुर्जे
कैटालिटिक कनर्वटर, इलेक्ट्रिक वाहनों को छोड़कर वाणिज्यिक वाहनों के कल-पुर्जों पर भी सीमा शुल्क बढ़ाया गया है.
यह सामान हुआ सस्ता
जहां एक तरफ बजट में कुछ सामान पर शुल्क बढ़ा दिया गया तो वहीं दूसरी ओर कुछ चीजों पर शुल्क कम कर दिया गया है. जिन प्रोडक्टस से शुल्क हटाया गया उनमें से पीटीए पर डंपिगरोधी शुल्क शामिल है, जिसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है. इसके अलावा न्यूज प्रिंट और हल्के कोटेड पेपर से शुल्क 10 प्रतिशत से घटाकर 5 फीसद कर दिया गया है.
कच्चा सामान इसके अलावा फ्यूज, रसायन और प्लास्टिक जैसे कई कच्चे सामान पर सीमा शुल्क कम किया गया है.
टीडीएस में कटौती
बजट में ई-वाणिज्य कंपनियों को ई-वाणिज्य प्रतिभागियों को किये जाने वाले सभी भुगतान पर टीडीएस में कटौती की व्यवस्था का प्रस्ताव किया गया है। पैन / आधार के साथ श्ह कटौती एक प्रतिशत जबकि इसके बिना 5 प्रतिशत करनी होगी.