नई दिल्ली : भारत की पूर्व पहलवान और ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक ने अपने ऑफिशियल एक्स अकाउंट (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें उन्होंनें भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पहलवानों की मदद करने की अपील की है. वीडियो में साक्षी ने कहा है कि उन्हें धमकी दी जा रही है क्योंकि उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के खिलाफ आवाज उठाई थी'.
बृजभूषण से जुड़े लोगों से मिल रही हैं धमकियां
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने पहले डब्ल्यूएफआई और इसके पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ विरोध जताया था, जिन पर यौन उत्पीड़न का आरोप है. इसके बाद सरकार ने डब्ल्यूएफआई को निलंबित कर दिया था, लेकिन मलिक का कहना है कि संगठन ने अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं. उनका दावा है कि डब्ल्यूएफआई ने काम बंद करने के अदालती आदेशों की अनदेखी की है.
WFI ने अपनी गतिविधियां शुरू कर दी हैं
साक्षी मलिक ने वीडियो में कहा, 'आदरणीय प्रधानमंत्री और खेल मंत्री, मैं आपको नमस्कार करती हूं. पिछले साल कुश्ती महासंघ के चुनावों के बाद, सभी ने बृजभूषण सिंह के दबदबे और दादागिरी को देखा, जिसने मुझे बहुत परेशान किया और मुझे कुश्ती से दूर रहने के लिए मजबूर किया. इसके बाद, सरकार ने महासंघ को निलंबित कर दिया. हालांकि, महासंघ ने अपनी गतिविधियां फिर से शुरू कर दी हैं'.
मोदी जी हमारी कुश्ती को बचा लीजिए
मलिक ने कहा कि डब्ल्यूएफआई अब युवा एथलीटों पर दबाव बना रहा है. उन्होंने डब्ल्यूएफआई के संचालन जारी रखने पर उनके भविष्य को लेकर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा, 'अदालत ने सवाल उठाया कि सरकार द्वारा प्रतिबंध लगाए जाने के बाद महासंघ अपना काम कैसे जारी रख सकता है. उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी, लेकिन डब्ल्यूएफआई ने किसी भी आदेश का पालन नहीं किया. जब अदालत ने उन्हें फिर से फटकार लगाई, तो महासंघ ने युवा एथलीटों को आगे कर दिया. मैं समझती हूं कि ये युवा एथलीट किस मुश्किल स्थिति में हैं; उनका करियर महासंघ पर निर्भर करता है'.
उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री जी, अगर आपको लगता है कि बृजभूषण के प्रभुत्व वाले महासंघ के तहत इन लड़कियों का भविष्य सुरक्षित है, तो आपको निलंबन हटा देना चाहिए. अन्यथा, एक स्थायी समाधान खोजने की जरूरत है'.