नई दिल्ली : भारत में कोरोना महामारी से अब तक 4700 से अधिक मौतें हो चुकी हैं. कोरोना के प्रसार को रोकने के लिए गत 25 मार्च से केंद्र सरकार ने चार चरणों में लॉकडाउन भी लागू किया. हालांकि, आर्थिक मोर्चे पर पेश आ रही चुनौतियों को देखते हुए पाबंदियों में कई तरह की ढील भी दी गई. इसी बीच चौथे चरण का लॉकडाउन 31 मई को समाप्त होने से ठीक पहले पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को अपराह्न एक अहम बैठक की.
सरकारी सूत्रों के अनुसार बैठक में शाह ने लॉकडाउन बढ़ाने के बारे में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों की राय से प्रधानमंंत्री को अवगत कराया.
बता दें कि लॉकडाउन 4.0 की समाप्ति से एक दिन पूर्व देश में 7,466 नए संक्रमितों का नया रिकॉर्ड देखने को मिला तो इस दौरान और 175 मरीजों की मौत हो गई. इसके साथ ही भारत में संक्रमण के कुल पुष्ट मामलों की संख्या अब 1,65,799 तक पहुंच गई है जबकि कुल मृतकों का आंकड़ा 4,706 हो गया है.
केंद्र सरकार राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को लेकर अपनी भूमिका को सीमित करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में एक जून से कड़े प्रतिबंध लगाने या अतिरिक्त छूट देने पर निर्णय लेने की छूट दे सकती है. अधिकारियों ने शुक्रवार को यह जानकारी दी.
केंद्र सरकार हालांकि देश में सबसे ज्यादा प्रभावित 30 नगरपालिका क्षेत्रों में कोविड-19 निरूद्ध क्षेत्रों में कड़े प्रतिबंधों को जारी रखने के लिए राज्य के अधिकारियों को सलाह दे सकती है.
ये 30 नगरपालिका क्षेत्र महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, दिल्ली, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पंजाब और ओडिशा से है.
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, 'इस बात की पूरी संभावना है कि एक जून से प्रतिबंध लगाने या छूट देने के संबंध में केंद्र की बहुत सीमित भूमिका होगी. राज्य और केंद्र शासित प्रदेश स्थानीय स्तर पर इस तरह के मुद्दों पर निर्णय लेंगे.'
केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के परिचालन के साथ-साथ मॉल और सिनेमा हॉल को बंद रखना जारी रख सकती है. इसके अलावा सार्वजनिक स्थानों पर लोगों द्वारा फेस मास्क पहनना अनिवार्य करने और हर स्थान पर सामाजिक दूरी बनाये रखने के नियमों का पालन करने का आदेश दे सकती है.
स्कूलों को फिर से खोलने या मेट्रो ट्रेन सेवाओं को फिर से शुरू करने पर राज्यों को निर्णय लेने की अनुमति दी जा सकती है.
लॉकडाउन शुरू होने के बाद 25 मार्च से बंद धार्मिक स्थलों पर निर्णय लेने की अनुमति राज्यों को दी जा सकती है.
बता दें कि कोरोना वायरस से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 24 मार्च को 21 दिन का राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन लगाने की घोषणा की थी. इसे पहली बार तीन मई को और फिर इसे 17 मई को बढ़ाया गया था. चौथे चरण में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाया गया था.
केंद्र सरकार मुंबई, दिल्ली, कोलकाता और चेन्नई समेत 30 शहरों में कोविड-19 की स्थिति को लेकर विशेष रूप से चिंतित है.
कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने गुरुवार को इन 30 शहरों में से 13 के नगरपालिका आयुक्तों और जिलाधिकारियों के साथ एक बैठक की थी और वायरस से निपटने के लिए उनके कार्यों का जायजा लिया था.
ये 13 शहर चेन्नई, दिल्ली/नई दिल्ली, अहमदाबाद, ठाणे, पुणे, हैदराबाद, कोलकाता/हावड़ा, इंदौर, जयपुर, जोधपुर, चेंगलपट्टू और तिरुवल्लूर हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को सभी मुख्यमंत्रियों से बात की थी और राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन को 31 मई के बाद बढ़ाए जाने पर उनके विचार जाने थे.
एक अन्य अधिकारी ने कहा कि मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान गृह मंत्री ने राज्यों से उनकी चिंता के विषयों के बारे में जानकारी ली थी और यह जाना था कि एक जून से वे और किन क्षेत्रों को खोलना चाहते हैं.
शाह के साथ बातचीत के बाद गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने कहा था कि उनका मानना है कि लॉकडाउन को और 15 दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है.
केंद्र सरकार बड़े शहरों या वायरस प्रभावित क्षेत्रों से प्रवासी श्रमिकों और अन्य लोगों के पहुंचने के बाद बिहार, झारखंड, ओडिशा, असम और कर्नाटक जैसे राज्यों में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों को भी ध्यान में रख रही है.
(पीटीआई-भाषा इनपुट)