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बांग्लादेश-पाक से भारत आए मुस्लिमों पर शिवसेना का विवादित बयान - पाक से भारत आए मुस्लिमों पर बोली शिवसेना

शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए मुस्लिमों को भारत से बाहर फेंक देना चाहिए और इस बात में कोई संदेह नहीं है.

pak bangladeshi muslims who entered country should be thrown out says shiv sena mouthpiece saamana
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे
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Published : Jan 25, 2020, 7:30 AM IST

Updated : Feb 18, 2020, 8:04 AM IST

नई दिल्ली : शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए मुस्लिमों को भारत से बाहर फेंक देना चाहिए और इस बात में कोई संदेह नहीं है. आपको बता दें, शिवसेना द्वारा जारी मुखपत्र 'सामना' में पार्टी ने ये बात कही है.

आपको बता दें कि शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बावजूद नागरिकता संशोधन अधिनियम पर लोकसभा में मोदी सरकार का साथ दिया था. हालांकि, बाद में राज्यसभा में शिवसेना ने वॉकआउट कर दिया और मोदी सरकार संसद से नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित कराने में कामयाब हो गई थी.

पढ़ें : ईटीवी भारत से बोले सुभाष कश्यप, 'सीएए पर विवाद से बच सकती थी सरकार'

नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्गानिस्तान में धर्म के आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम बनाया गया है.

सरकार का कहना है कि इसका हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है. इस कानून में सिर्फ नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.

नई दिल्ली : शिवसेना ने कहा कि पाकिस्तान और बांग्लादेश से आए मुस्लिमों को भारत से बाहर फेंक देना चाहिए और इस बात में कोई संदेह नहीं है. आपको बता दें, शिवसेना द्वारा जारी मुखपत्र 'सामना' में पार्टी ने ये बात कही है.

आपको बता दें कि शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी से अलग होने के बावजूद नागरिकता संशोधन अधिनियम पर लोकसभा में मोदी सरकार का साथ दिया था. हालांकि, बाद में राज्यसभा में शिवसेना ने वॉकआउट कर दिया और मोदी सरकार संसद से नागरिकता संशोधन अधिनियम पारित कराने में कामयाब हो गई थी.

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नागरिकता कानून को लेकर मोदी सरकार का कहना है कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ्गानिस्तान में धर्म के आधार पर उत्पीड़न का शिकार हुए अल्पसंख्यकों यानी हिंदू, सिख, ईसाई, जैन, पारसी और बौद्ध समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम बनाया गया है.

सरकार का कहना है कि इसका हिंदुस्तान के मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है. इस कानून में सिर्फ नागरिकता देने का प्रावधान किया गया है.

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Last Updated : Feb 18, 2020, 8:04 AM IST

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