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'भारत पहला देश होगा जो स्कूल में सिखाएगा आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस' - आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस

रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट, डीम्ड यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित 'नई शिक्षा नीति-2020 और स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार' विषय पर आयोजित वेबिनार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से संबोधित करते हुए कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारत को शैक्षणिक केंद्र बनाने के स्वामी विवेकानंद के स्वप्न को साकार करेगी. भारत दुनिया का पहला देश होगा जो स्कूली शिक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस सिखाएगा.

Minister Nishank
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक
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Published : Oct 20, 2020, 9:40 AM IST

Updated : Oct 20, 2020, 10:54 AM IST

नई दिल्ली : देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मशीन लर्निंग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा देने वाला दुनिया का पहला देश भारत होगा, जो स्कूली शिक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिखाएगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ज्ञान के प्रत्येक शाखा को बच्चे तक कैसे पहुंचा सकते हैं यह भी नई शिक्षा नीति में शामिल है.

एक जानकारी के मुताबिक दुनिया के कई विकसीत देशों में स्कूल स्तर पर पहले से ही इस तरह के विषयों को शामिल किया जा चुका है और छात्र छोटी उम्र से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से चिर परिचित हो रहे हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री का यह दावा कि भारत विश्व का पहला देश होगा जो स्कूली स्तर पर ही छात्रों को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से परिचय कराएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से वेबिनार को संबोधित किया

नई शिक्षा नीति 2020
सामान्य रूप से इंटरनेट पर भी इस तरह की जानकारी मौजूद है कि अमेरिका और चीन जैसे देशों में स्कूल स्तर से ही बच्चों को इस तरह के विषयों से परिचित ही नहीं कराया जाता बल्कि सिखाया भी जाता है. शिक्षा मंत्री, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित 'नई शिक्षा नीति 2020 और स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार' विषयक वेबीनार में संस्थान के विविध पदाधिकारियों, महत्वपूर्ण शिक्षाविदों और विद्यार्थियों को संबोधित किया.

स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार
नई शिक्षा नीति पर आगे बात करते हुए निशंक ने कहा कि अब स्कूल स्तर से ही इंटर्नशिप, वोकेशनल और ट्रेनिंग के साथ मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था होगी क्योंकि वह समझते हैं कि अपनी भारतीय भाषाओं में शिक्षा से कैपेसिटी बिल्डिंग, करैक्टर बिल्डिंग और नेशन बिल्डिंग के लक्ष्य को पाया जा सकता है और स्वामी विवेकानंद यही कहते थे. यदि चरित्र का निर्माण ही नहीं होगा तो फिर राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता और छात्र के चरित्र के निर्माण को खड़ा करने के लिये हम लोगों ने भारत केंद्रित शिक्षा को बनाया है. मूल्य आधारित शिक्षा को आधार बनाया है.

अनुसाशनहीनता और हिंसा चिंता का विषय
विश्व में युवाओं के बीच बढ़ती अनुसाशनहीनता और हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय की डीजी के साथ हुई एक चर्चा का उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने इस बात को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी कि ये जो पूरे दुनिया में अनुसाशनहीनता हो रही है, हिंसा हो रही है और छात्र मनमाने तरीके से पढ़ तो रहा है, लेकिन वो संवेदनशीलता खत्म हो रही है जिस पर शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि दुनिया को एक बार फिर भारत के उसी शिक्षा पर जो मूल्य परक शिक्षा की बात करता है, जो मानव बनाने की बात करता है और देश के प्रधानमंत्री बार-बार इस बात को कहते हैं कि जहां हम एक अच्छा नागरिक तैयार करें, वहां हम विश्व के लिये महामानव भी पैदा करें. आज उस महामानव की जरूरत है.

नई शिक्षा नीति का प्रभाव
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति मानव को तैयार करेगी, मशीन को नहीं. इतना ही नहीं, नई शिक्षा नीति मानव से एक कदम आगे जा कर के दुनिया के लिये महामानव को भी बनाएगी, जो स्वामी विवेकानंद चाहते थे. नई शिक्षा नीति को शिक्षा मंत्री ने स्वामी विवेकानंद के मन के अनुरूप बताया. उन्होंने कहा उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.

पढ़ें: भारत ने एंटी-टैंक मिसाइल 'सैंट' का सफल परीक्षण किया

'न तो रुकना है, न ही थकना है'
निशंक ने भरोसा दिलाया है कि नई शिक्षा नीति 2020 न तो रुकने का नाम लेगी, न थकने का नाम लेगी, बल्कि ये जब तक भारत के अंतिम छोर के बच्चे तक आत्मविश्वास के साथ वहां पहुंच नहीं जाती, जब तक हम इसको क्रियान्वित नहीं कर लेते तब तक थकने और रुकने का तो विषय ही नहीं उठता है. तेजी से शिक्षा नीति को क्रियान्वयन तक ले जाने की जिम्मेदारी नेतृत्व की होती है और आज वह लीडरशिप हमारे पास मौजूद है.

नवनिर्मित भवन का वर्चूअल उद्घाटन
शिक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम के अलावा आज एनआईटी राउरकेला में एक नवनिर्मित भवन का वर्चूअल उद्घाटन किया और आईआईटी इंदौर के दीक्षांत समारोह में भी ऑनलाइन हिस्सा लिया.

नई दिल्ली : देश के शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मशीन लर्निंग से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शिक्षा देने वाला दुनिया का पहला देश भारत होगा, जो स्कूली शिक्षा से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिखाएगा. कृत्रिम बुद्धिमत्ता की ज्ञान के प्रत्येक शाखा को बच्चे तक कैसे पहुंचा सकते हैं यह भी नई शिक्षा नीति में शामिल है.

एक जानकारी के मुताबिक दुनिया के कई विकसीत देशों में स्कूल स्तर पर पहले से ही इस तरह के विषयों को शामिल किया जा चुका है और छात्र छोटी उम्र से ही आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से चिर परिचित हो रहे हैं. ऐसे में शिक्षा मंत्री का यह दावा कि भारत विश्व का पहला देश होगा जो स्कूली स्तर पर ही छात्रों को मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से परिचय कराएगा.

केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने वर्चुअल माध्यम से वेबिनार को संबोधित किया

नई शिक्षा नीति 2020
सामान्य रूप से इंटरनेट पर भी इस तरह की जानकारी मौजूद है कि अमेरिका और चीन जैसे देशों में स्कूल स्तर से ही बच्चों को इस तरह के विषयों से परिचित ही नहीं कराया जाता बल्कि सिखाया भी जाता है. शिक्षा मंत्री, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद एजुकेशनल एंड रिसर्च इंस्टीट्यूट द्वारा आयोजित 'नई शिक्षा नीति 2020 और स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार' विषयक वेबीनार में संस्थान के विविध पदाधिकारियों, महत्वपूर्ण शिक्षाविदों और विद्यार्थियों को संबोधित किया.

स्वामी विवेकानंद के शिक्षा संबंधी विचार
नई शिक्षा नीति पर आगे बात करते हुए निशंक ने कहा कि अब स्कूल स्तर से ही इंटर्नशिप, वोकेशनल और ट्रेनिंग के साथ मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था होगी क्योंकि वह समझते हैं कि अपनी भारतीय भाषाओं में शिक्षा से कैपेसिटी बिल्डिंग, करैक्टर बिल्डिंग और नेशन बिल्डिंग के लक्ष्य को पाया जा सकता है और स्वामी विवेकानंद यही कहते थे. यदि चरित्र का निर्माण ही नहीं होगा तो फिर राष्ट्र का निर्माण नहीं हो सकता और छात्र के चरित्र के निर्माण को खड़ा करने के लिये हम लोगों ने भारत केंद्रित शिक्षा को बनाया है. मूल्य आधारित शिक्षा को आधार बनाया है.

अनुसाशनहीनता और हिंसा चिंता का विषय
विश्व में युवाओं के बीच बढ़ती अनुसाशनहीनता और हिंसा पर चिंता व्यक्त करते हुए शिक्षा मंत्री ने विश्वविद्यालय की डीजी के साथ हुई एक चर्चा का उदाहरण दिया, जिसमें उन्होंने इस बात को लेकर भी चिंता व्यक्त की थी कि ये जो पूरे दुनिया में अनुसाशनहीनता हो रही है, हिंसा हो रही है और छात्र मनमाने तरीके से पढ़ तो रहा है, लेकिन वो संवेदनशीलता खत्म हो रही है जिस पर शिक्षा मंत्री ने जवाब दिया कि दुनिया को एक बार फिर भारत के उसी शिक्षा पर जो मूल्य परक शिक्षा की बात करता है, जो मानव बनाने की बात करता है और देश के प्रधानमंत्री बार-बार इस बात को कहते हैं कि जहां हम एक अच्छा नागरिक तैयार करें, वहां हम विश्व के लिये महामानव भी पैदा करें. आज उस महामानव की जरूरत है.

नई शिक्षा नीति का प्रभाव
शिक्षा मंत्री ने आगे कहा कि नई शिक्षा नीति मानव को तैयार करेगी, मशीन को नहीं. इतना ही नहीं, नई शिक्षा नीति मानव से एक कदम आगे जा कर के दुनिया के लिये महामानव को भी बनाएगी, जो स्वामी विवेकानंद चाहते थे. नई शिक्षा नीति को शिक्षा मंत्री ने स्वामी विवेकानंद के मन के अनुरूप बताया. उन्होंने कहा उठो, जागो और तब तक रुको नहीं जब तक तुम अपना लक्ष्य प्राप्त नहीं कर लेते.

पढ़ें: भारत ने एंटी-टैंक मिसाइल 'सैंट' का सफल परीक्षण किया

'न तो रुकना है, न ही थकना है'
निशंक ने भरोसा दिलाया है कि नई शिक्षा नीति 2020 न तो रुकने का नाम लेगी, न थकने का नाम लेगी, बल्कि ये जब तक भारत के अंतिम छोर के बच्चे तक आत्मविश्वास के साथ वहां पहुंच नहीं जाती, जब तक हम इसको क्रियान्वित नहीं कर लेते तब तक थकने और रुकने का तो विषय ही नहीं उठता है. तेजी से शिक्षा नीति को क्रियान्वयन तक ले जाने की जिम्मेदारी नेतृत्व की होती है और आज वह लीडरशिप हमारे पास मौजूद है.

नवनिर्मित भवन का वर्चूअल उद्घाटन
शिक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम के अलावा आज एनआईटी राउरकेला में एक नवनिर्मित भवन का वर्चूअल उद्घाटन किया और आईआईटी इंदौर के दीक्षांत समारोह में भी ऑनलाइन हिस्सा लिया.

Last Updated : Oct 20, 2020, 10:54 AM IST
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