नई दिल्ली : भारत और चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच भारत को जल्द ही राफेल विमान मिलने वाले हैं. रक्षा सूत्रों ने बताया कि भारत-चीन सीमा विवाद के कारण फ्रांस समय से पहले ही जुलाई में इन विमानों की डिलीवरी करने जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक जुलाई में अंबाला वायुसेना स्टेशन पर छह राफेल विमान पहुंचेंगे.
उल्का मिसाइलों से लैस और 150 किलोमीटर की दूरी तक दुश्मन को निशाना बनाने वाले राफेल विमान के आने से भारतीय वायु सेना की ताकत बढ़ेगी.
सरकारी सूत्रों ने बताया, 'वर्तमान स्थिति और फ्रांस में भारतीय वायुसेना के पायलटों के प्रशिक्षण के आधार पर कहा जा सकता है कि जुलाई के अंत तक छह राफेल मिल सकते हैं. यह विमान अपने सभी उपकरणों के साथ भारत पहुंचेगा और कुछ ही दिनों में जंग के लिए तैयार हो जाएगा.'
बता दें, अंबाला के वायुसेना स्टेशन पर चार राफेल और पायलटों को प्रशिक्षित करने के लिए तीन ट्विन-सीटर ट्रेनर विमान लाने की योजना है. सूत्रों ने बताया कि इन विमानों के लिए दूसरा वायुसेना स्टेशन पश्चिम बंगाल के हशिमारा को बनाया है.
सूत्रों ने कहा कि भारत आने वाले विमानों की संख्या आवश्यकता के अनुसार ज्यादा भी हो सकती है. इसका निर्णय फ्रांस में पहले से ही तैनात पायलटों की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया जाएगा.
भारतीय वायुसेना के अधिकारियों ने कहा कि जुलाई में विमानों के आने की तारीख को कई बातों को ध्यान में रखकर तय किया जाएगा.
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सात भारतीय पायलटों के पहले बैच ने भी एक फ्रांसीसी एयरबेस में अपना प्रशिक्षण पूरा कर लिया है, जबकि दोनों देशों द्वारा लॉकडाउन के उपायों में ढील देने के बाद दूसरा बैच फ्रांस जा रहा है.
सूत्रों का कहना है कि पहले लड़ाकू विमान को उड़ाने की योजना तैयार कर ली गई है. पहला राफेल विमान फ्रांस के पायलट के साथ 17 गोल्डेन एरोज के कमांडिंग ऑफिसर उड़ाएंगे.