हैदराबाद : कोरोना वायरस महामारी से पूरी दुनिया परेशान है. इस वायरस के प्रसार को रोकने के लिए तरह-तरह के उपाय किए जा रहे हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को कहा कि इस सप्ताह कोविड-19 के पुष्ट मामलों की संख्या परेशान करने वाली है. दुनियाभर के देशों को एक साथ इस वायरस के खिलाफ लड़ने का आह्वान किया.
वहीं दूसरी तरफ शोध से पता चलता है कि हमारे डिजिटल बुनियादी ढांचे को कोविड-19 और भविष्य के सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट के प्रभाव से निपटने के लिए मजबूत बनाने की आवश्यकता है.
इससे महामारी के रोकथाम के उपायों की सहायता के लिए नागरिकों के पलायन, रोग संचरण नमूने और स्वास्थ्य निगरानी से जुड़े आंकड़ों का विश्लेषण किया जा सकता है.
हालांकि, दुनियाभर में फैली इस महामारी को हमें यह देखने को मिला कि ऑनलाइन सेवाओं की व्यापक मांग, पारंपरिक उद्योगों के लिए इंटरनेट सेवाओं की आवश्यकता से विभिन्न प्रकार के उद्योगों के बीच तालमेल बढ़ा है.
रिपोर्ट के मुताबिक आंकड़ों के स्त्रोत महत्वपूर्ण हैं. वास्तिक समय में आंकड़ों से पता चलेगा कि कोरोना संक्रमित व्यक्ति किन-किन आबादी वाले क्षेत्रों का दौरा किया है, जहां पर यह महामारी फैल सकती है. वर्तमान में तेजी से बढ़ रही कोरोना महामारी से संक्रमितों की पहचान करना बहुत मुश्किल है.
वैश्विक स्तर पर तेजी से बढ़ रही इस महामारी के लिए यह जानकारी निगरानी और नियंत्रण रणनीतियों की योजना बनाने के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है.
कुछ शोधकर्ता और निजी संस्थाएं अपनी-अपनी राज्य सरकारों के साथ मिलकर एक डिजिटल स्वास्थ्य प्लेटफॉर्म विकसित कर रही हैं, जो स्थान, समय, संक्रमण वाले वायरस, जीवाणु रोग के प्रकार के अनुसार पता करेगी कि कौन से वायरस शहरों में लोगों के आवागमन से फैल रहे हैं.
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बता दें कि दुनियाभर के 180 से अधिक देशों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोग पाए जा रहे हैं. इस वायरस से दुनियाभर में 11 लाख लोग संक्रमित हैं. वहीं इस वायरस से 59 हजार से अधिक लोगों की मौतें हो चुकी हैं.
इस वायरस से स्वास्थ्य विभाग ही नहीं, अपितु परिवहन, शिक्षा, उद्योग आदि विभाग प्रभावित हैं.