ग्वालियर : मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, 'ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर में कांग्रेस जीवित हो गई है.'
उन्होंने कहा कि सिंधिया के जाने के बाद ग्वालियर अंचल में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों में नई ऊर्जा और जान आ गई है. हम सिंधिया की चुनौती स्वीकार करते हैं, अब कांग्रेसी कार्यकर्ता और जनता तय कर ले तो कांग्रेस को कोई पराजित नहीं कर सकता है.
'भाजपा में चार मुख्यमंत्री, पांचवे नरोत्तम मिश्रा'
15 महीने की कांग्रेस सरकार में 'दो मुख्यमंत्री' होने संबंधी आरोपों पर दिग्विजय सिंह ने कहा कि अब भाजपा में 'चार मुख्यमंत्री' हैं.
एक अन्य सवाल के जवाब में दिग्विजय ने इस बात से इनकार किया कि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिला.
उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार ने माफियाओं, मिलावटखोरों और अन्य घोटालेबाजों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी. ऐसे लोगों ने ही भय खाकर तत्कालीन सरकार को गिरा दिया.
सिंधिया पर निशाना
प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष बृजमोहन परिहार की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने पहुंचे दिग्गी राजा ने कहा कि वह लोकतांत्रिक व्यवस्था में विश्वास की राजनीति पसंद करते हैं.
भाजपा के सदस्यता अभियान कार्यक्रम से संबंधित सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि इसमें बड़ी-बड़ी बातें की जा रही थीं, लेकिन ऐसी बातें करने वाले तो राजनीति में अपनी विश्वसनीयता खो चुके हैं और उनके भाजपा में जाने के बाद ग्वालियर में कांग्रेस जीवित हो गई है.
भाजपा के सदस्यता अभियान पर उठाए सवाल
दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि यहां भाजपा के सदस्यता अभियान को आयोजित करने की अनुमति प्रदान कर दी गई, जबकि कांग्रेस के साथ भेदभाव किया जा रहा है. जब गणेश पंडालों और धार्मिक आयोजनों की अनुमति नहीं है तो सदस्यता अभियान को अनुमति क्यों दी गई.
उन्होंने राज्य में 27 सीटों पर विधानसभा उपचुनाव के लिए पार्टी प्रत्याशी के चयन के संबंध में पूछे जाने पर कहा कि चयन प्रक्रिया जारी है.
उन्होंने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ सभी कार्यकर्ताओं से चर्चा कर रहे हैं. पहले चुनाव आयोग को भी तय कर लेना चाहिए कि उपचुनाव कब होंगे, कांग्रेस उम्मीदवार तो तय हो जाएंगे.
27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव पर गरमाई राजनीति
मध्य प्रदेश में 27 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भी राजनीति गरमा गई है. कांग्रेस और भाजपा के नेता एक दूसरे पर तीखे हमले कर रहे हैं.
वहीं कुछ दिन पहले ही ग्वालियर क्षेत्र के कई कांग्रेसी नेताओं ने सिंधिया की मौजूदगी में भाजपा का दामन थाम लिया था. माना जा रहा है कि आगामी उपचुनावों में कांग्रेस को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है.