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भारत बायोटेक ने बनाई कोरोना वैक्सीन, जुलाई से होगा ह्यूमन ट्रायल

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Published : Jun 29, 2020, 10:54 PM IST

Updated : Jun 30, 2020, 12:14 PM IST

भारत बायोटेक ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद व नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (NIV) के सहयोग से कोरोना के लिए भारत की पहली COVAXIN ™ वैक्सीन को सफलतापूर्वक विकसित किया है.

कोरोना वैक्सीन
कोरोना वैक्सीन

हैदराबाद : अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर कोविड-19 के लिए भारत के पहले वैक्सीन कैंडिडेट, कोवैक्सीन (COVAXIN ™) को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है. उन्होंने बताया कि अगले महीने से इसका ह्यूमन ट्रायल भी शुरू किया जाएगा.

कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया गया. घरेलू, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित किया गया और विनिर्मित किया गया.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने फेस 1 और फेस 2 ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है. इसके पहले कंपनी ने प्रीक्लीनिकल स्टडीज से प्राप्त परिणाम सौंपे थे.

ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल अगले महीने पूरे भारत में शुरू होने वाले हैं.

भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, डॉ. कृष्णा एला ने कहा, 'हम कोविड-19 के खिलाफ भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन, कोवैक्सीन की घोषणा कर गौरवान्वित हैं.'

इस वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है. सीडीएससीओ के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को स्वीकृति मिल पाई. हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने इस प्लेटफार्म की दिशा में हमारी खुद की प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया.

राष्ट्रीय विनियामकीय प्रोटोकॉल्स से गुजरते हुए कंपनी ने व्यापक प्री-क्लीनिकल स्टडीज को पूरा करने में अपने उद्देश्य को गति दी. इन अध्ययनों के परिणाम शानदार रहे हैं और अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी इम्यून रेस्पॉन्सेस प्रदर्शित किए हैं.

बता दें, जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक कंपनी वैश्विक बायोटेक उद्योग का हब है. साथ ही भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इनसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है. दुनियाभर में टीकों की चार बिलियन से अधिक खुराक देने के बाद, भारत बायोटेक ने नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है.

कंपनी व्यापक बहु-केंद्र नैदानिक ​​परीक्षणों का संचालन करने में कुशल है. इसने वैश्विक स्तर पर तीन लाख से अधिक विषयों में 75 से अधिक परीक्षण पूरे किए हैं.

हैदराबाद : अग्रणी वैक्सीन निर्माता भारत बायोटेक ने सोमवार को घोषणा की कि उसने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ विरोलॉजी (एनआईवी) के साथ मिलकर कोविड-19 के लिए भारत के पहले वैक्सीन कैंडिडेट, कोवैक्सीन (COVAXIN ™) को सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है. उन्होंने बताया कि अगले महीने से इसका ह्यूमन ट्रायल भी शुरू किया जाएगा.

कंपनी की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि सार्स-सीओवी-2 स्ट्रेन को पुणे स्थित एनआईवी में अलग किया गया और उसे भारत बायोटेक को हस्तांतरित किया गया. घरेलू, इनएक्टिवेटेड वैक्सीन को हैदराबाद के जीनोम वैली में स्थित भारत बायोटेक के बीएसएल-3 (बायो-सेफ्टी लेवल 3) हाई कंटेनमेंट फैसिलिटी में विकसित किया गया और विनिर्मित किया गया.

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया, सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (सीडीएससीओ), स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने फेस 1 और फेस 2 ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल शुरू करने की अनुमति दे दी है. इसके पहले कंपनी ने प्रीक्लीनिकल स्टडीज से प्राप्त परिणाम सौंपे थे.

ह्यूमन क्लीनिकल ट्रायल अगले महीने पूरे भारत में शुरू होने वाले हैं.

भारत बायोटेक के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक, डॉ. कृष्णा एला ने कहा, 'हम कोविड-19 के खिलाफ भारत के पहले घरेलू स्तर पर विकसित वैक्सीन, कोवैक्सीन की घोषणा कर गौरवान्वित हैं.'

इस वैक्सीन के विकास में आईसीएमआर और एनआईवी की सहभागिता महत्वपूर्ण रही है. सीडीएससीओ के सक्रिय समर्थन और मार्गदर्शन से इस परियोजना को स्वीकृति मिल पाई. हमारे आर एंड डी और विनिर्माण टीमों ने इस प्लेटफार्म की दिशा में हमारी खुद की प्रौद्योगिकियों की तैनाती में अथक परिश्रम किया.

राष्ट्रीय विनियामकीय प्रोटोकॉल्स से गुजरते हुए कंपनी ने व्यापक प्री-क्लीनिकल स्टडीज को पूरा करने में अपने उद्देश्य को गति दी. इन अध्ययनों के परिणाम शानदार रहे हैं और अत्यंत सुरक्षित और प्रभावी इम्यून रेस्पॉन्सेस प्रदर्शित किए हैं.

बता दें, जीनोम वैली स्थित भारत बायोटेक कंपनी वैश्विक बायोटेक उद्योग का हब है. साथ ही भारत बायोटेक का वैक्सीन बनाने में पुराना अनुभव है. इससे पहले कंपनी ने पोलियो, रेबीज, रोटावायरस, जापानी इनसेफ्लाइटिस, चिकनगुनिया और जिका वायरस के लिए भी वैक्सीन बनाई है. दुनियाभर में टीकों की चार बिलियन से अधिक खुराक देने के बाद, भारत बायोटेक ने नवाचार का नेतृत्व करना जारी रखा है.

कंपनी व्यापक बहु-केंद्र नैदानिक ​​परीक्षणों का संचालन करने में कुशल है. इसने वैश्विक स्तर पर तीन लाख से अधिक विषयों में 75 से अधिक परीक्षण पूरे किए हैं.

Last Updated : Jun 30, 2020, 12:14 PM IST
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