नई दिल्ली : भारत चीन के बीच चल रहे गतिरोध के बीच भारतीय वायु सेना प्रमुख आर के एस भदौरिया ने पूर्वी सेक्टर में दौरे पर पहुंचे, उन्हें ऑपरेशनल स्थिति और लड़ाकू इकाइयों की परिचालन की तैयारियों से अवगत कराया गया. इस दौरान भदौरिया ने वहां सेवारत वायु सेना के लड़ाकों से मुलाकात कर उनसे बात की.
उन्होंने स्टेशन कर्मियों द्वारा सभी परिकल्पनाओं में कुशलता बनाए रखने की दिशा में किए गए प्रयासों की सराहना की और उनसे आग्रह किया कि वह पूरी लगन के साथ अपना कर्तव्य निभाते रहें.
वायुसेना की पूर्वी कमान का मुख्यालय शिलांग में है, जो सिक्किम और अरूणाचल प्रदेश में एलएसी से लगे संवेदनशील इलाकों और क्षेत्र के कई अन्य हिस्सों में हवाई रक्षा की देखभाल करता है।
थल सेना और वायुसेना ने करीब 3,400 किमी लंबी एलएसी पर सभी अहम ठिकानों पर सतर्कता बढ़ा दी है.पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग झील के दक्षिणी तट पर यथा स्थिति में बदलाव करने की चीन की हालिया कोशिश के बाद ऐसा किया गया है.
इससे पहले लद्दाख के पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र में संवेदनशील हालात के बीच सेना प्रमुख नरवणे लद्दाख दौरे पर पहुंचे सैन्य सूत्रों के मुताबिक सेना प्रमुख वरिष्ठ फील्ड कमांडर्स के साथ बैठक करेंगे.
सेना के सूत्रों ने कहा कि सेना प्रमुख को एलएसी पर बने ताजा हालात की जानकारी दी जाएगी.
इससे पहले बुधवार को सरकारी सूत्रों ने बताया कि पैंगोंग त्सो इलाके के दक्षिणी तट पर सामरिक रूप से महत्वपूर्ण तीन महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों पर भारत ने अपनी स्थिति मजबूत कर ली है. इससे भारत पूरे इलाके की बेहतर तरीके से निगरानी कर सकता है.
सूत्रों के मुताबिक वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से सटी भारतीय सीमा के अंदर पैंगोंग झील के उत्तरी तट पर भी एहतियाती उपायों के तहत सैनिकों की तैनाती में कुछ बदलाव किए गए हैं. स्थिति संवेदनशील बनी हुई है.
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सूत्रों ने यह भी बताया कि सोमवार और मंगलवार को छह घंटे से अधिक समय तक इसी तरह की वार्ता हुई, लेकिन कोई 'ठोस नतीजा' नहीं निकला. उन्होंने बताया कि भारत ने पूर्वी लद्दाख में सामरिक रूप से महत्वपूर्ण कई पर्वत चोटियों और स्थानों पर उपस्थिति बढ़ा कर पिछले कुछ दिनों में रणनीतिक बढ़त हासिल की है.