नई दिल्ली : निजी क्षेत्र के एक्सिस बैंक ने शनिवार को कहा कि संकटग्रस्त अडाणी समूह को दिया गया कर्ज, उसके कुल ऋण का 0.94 प्रतिशत है. बैंक ने शेयर बाजार से कहा, 'हम बैंक के ऋण मूल्यांकन ढांचे के अनुसार नकदी आवक, सुरक्षा और देनदारियों को चुकाने की क्षमता के आधार पर कर्ज देते हैं. इस आधार पर हम अडाणी समूह को दिए गए कर्ज के साथ सहज हैं.' शेयर बाजार को दी जानकारी में कहा गया है कि अडाणी समूह को दिया गया कर्ज मुख्य रूप से बंदरगाहों, पारेषण, बिजली, गैस वितरण, सड़क और हवाईअड्डों जैसे क्षेत्रों में काम कर रही कंपनियों के लिए है.
बैंक के बताया कि शुद्ध कर्ज के प्रतिशत के रूप में फंड-आधारित बकाया 0.29 प्रतिशत है, जबकि गैर-निधि आधारित बकाया 0.58 प्रतिशत है. इसमें आगे कहा गया कि 31 दिसंबर 2022 तक बैंक के शुद्ध अग्रिमों के मुकाबले निवेश 0.07 प्रतिशत है. एक्सिस बैंक ने कहा कि उसके पास 31 दिसंबर, 2022 तक 1.53 प्रतिशत के मानक परिसंपत्ति कवरेज के साथ एक मजबूत बहीखाता है. वहीं मुंबई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि अडाणी समूह के 20,000 करोड़ रुपये का एफपीओ वापस लेने से देश की वृहत आर्थिक बुनियाद और अर्थव्यवस्था की छवि प्रभावित नहीं हुई है.
उन्होंने कहा कि पिछले दो दिनों में ही आठ अरब अमेरिकी डॉलर की विदेशी मुद्रा आई है. सीतारमण ने कहा, '...हमारा व्यापक आर्थिक बुनियादी आधार या हमारी अर्थव्यवस्था की छवि, इनमें से कोई भी प्रभावित नहीं हुई है. हां, एफपीओ (अनुवर्ती-सार्वजनिक पेशकश) आते रहे हैं और एफआईआई बाहर निकलते रहते हैं.' उन्होंने कहा कि अडाणी मामले में नियामक अपना काम करेंगे. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास बाजारों की स्थिरता सुनिश्चित करने के साधन हैं.
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(इनपुट-भाषा)