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असम सरकार ने महिलाओं का कर्ज माफ करने के लिए सूक्ष्मवित्त कंपनियों के साथ समझौता किया

असम सरकार ने मंगलवार को 12,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी योजना के लिए सूक्ष्मवित्त कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इससे लाखों महिला कर्जदारों को राहत मिलेगी.

हेमंत बिस्व सरमा
हेमंत बिस्व सरमा
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Published : Aug 25, 2021, 6:58 AM IST

गुवाहाटी : असम सरकार ने एक प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए मंगलवार को 12,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी योजना के लिए सूक्ष्मवित्त कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इससे छोटी राशि के कर्ज लेने वाली लाखों महिला कर्जदारों को राहत मिलेगी.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि असम सरकार के वित्त विभाग ने असम सूक्ष्मवित्त प्रोत्साहन एवं राहत योजना (एएमएफआईआरएस) 2021 को लागू करने के लिए सूक्ष्मवित्त संस्थानों (एमएफआई) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

विज्ञप्ति के मुताबिक, 'कुल मिलाकर 38 एमएफआई और बैंकों ने राज्य सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जो 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगा.'

ये भी पढ़ें - जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव से पहले बहाल हो उसका राज्य का दर्जा : जदयू

मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इस मौके पर कहा कि इस साल जून तक राज्य में 14 लाख सूक्ष्मवित्त कर्जदार थे और नई योजना में 12,000 करोड़ रुपये का ऋण पोर्टफोलियो शामिल होगा, जिसमें राज्य सरकार के लगभग 7,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

उन्होंने कहा कि यह योजना कम आय वाले गरीब परिवारों की आर्थिक रूप से मदद करने के साथ ही सूक्ष्मवित्त की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी. सरमा ने साथ ही कहा कि यह योजना ग्राहकों को जिम्मेदारी के साथ उधार लेने और समय पर कर्ज चुकाने के लिए प्रेरित करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

गुवाहाटी : असम सरकार ने एक प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए मंगलवार को 12,000 करोड़ रुपये की कर्ज माफी योजना के लिए सूक्ष्मवित्त कंपनियों के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए. इससे छोटी राशि के कर्ज लेने वाली लाखों महिला कर्जदारों को राहत मिलेगी.

एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि असम सरकार के वित्त विभाग ने असम सूक्ष्मवित्त प्रोत्साहन एवं राहत योजना (एएमएफआईआरएस) 2021 को लागू करने के लिए सूक्ष्मवित्त संस्थानों (एमएफआई) के साथ एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए.

विज्ञप्ति के मुताबिक, 'कुल मिलाकर 38 एमएफआई और बैंकों ने राज्य सरकार के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए, जो 31 मार्च 2023 तक लागू रहेगा.'

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मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने इस मौके पर कहा कि इस साल जून तक राज्य में 14 लाख सूक्ष्मवित्त कर्जदार थे और नई योजना में 12,000 करोड़ रुपये का ऋण पोर्टफोलियो शामिल होगा, जिसमें राज्य सरकार के लगभग 7,200 करोड़ रुपये खर्च होंगे.

उन्होंने कहा कि यह योजना कम आय वाले गरीब परिवारों की आर्थिक रूप से मदद करने के साथ ही सूक्ष्मवित्त की निरंतरता सुनिश्चित करने में मदद करेगी. सरमा ने साथ ही कहा कि यह योजना ग्राहकों को जिम्मेदारी के साथ उधार लेने और समय पर कर्ज चुकाने के लिए प्रेरित करेगी.

(पीटीआई-भाषा)

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