रुद्रप्रयाग (उत्तराखंड): उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित मदमहेश्वर घाटी में फंसे 293 लोगों का रेस्क्यू कर लिया गया है. जिनमें से हेलीकॉप्टर से 190 और 103 लोगों को रस्सी के सहारे नदी पार कर रेस्क्यू किया गया. ये यात्री द्वितीय केदार भगवान मदमहेश्वर धाम को जोड़ने वाले बणतोली पुल के ध्वस्त हो जाने की वजह से फंस गए थे. सभी लोगों को रस्सियों और वैकल्पिक मार्गों से सुरक्षित स्थान पर लाया गया, जहां से हेलीकॉप्टर के जरिए उनका रेस्क्यू किया गया.
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मैनुअल तरीके व हैलीकॉप्टर से किया गया मद्महेश्वर घाटी में फंसे 293 लोगों का रेस्क्यू कार्य हुआ सम्पन्न, सुरक्षित निकले लोगों ने किया रेस्क्यू मे लगी टीमों, स्थानीय लोगों, प्रशासन व पुलिस के प्रति जताया आभार#rescue #UKPoliceHaiSaath #RudraprayagPolice #UttarakhandPolice pic.twitter.com/MTjN7ADmJ3
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दरअसल, बीती 13 अगस्त की रात को मदमहेश्वर (मद्महेश्वर) घाटी में अतिवृष्टि से गौंडार गांव के बणतोली में गार्डर पुल और मार्ग का कुछ हिस्सा बह गया था. जिसके चलते सैकड़ों तीर्थयात्री और स्थानीय लोग फंस गए थे. इनमें एक प्रेग्नेंट महिला भी फंस गई थीं. जिसके चलते उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. उन्होंने शासन प्रशासन से मदद की गुहार लगाई.
आरोप है कि पहले दिन प्रशासन की ओर से रेस्क्यू को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की गई. दूसरे दिन लोगों के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और डीडीआरएफ की टीमें बमुश्किल मौके पर पहुंची, लेकिन भारी बारिश और नदी का जलस्तर बढ़ा होने के कारण रेस्क्यू में परेशानी हुई. जब बारिश थमी और जलस्तर कम हुआ तो रेस्क्यू अभियान चलाया गया.
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15 अगस्त को 52 लोगों का रेस्क्यूः 15 अगस्त को मदमहेश्वर घाटी में फंसे 52 लोगों का रस्सियों के सहारे रेस्क्यू किया गया, लेकिन खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू अभियान रोकना पड़ा. जबकि, हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू के लिए मौसम ने साथ नहीं दिया. आज यानी 16 अगस्त को घाटी में फंसे लोगों के रेस्क्यू के लिए हेलीकॉप्टर की मदद ली गई. इसके लिए नानू नामक स्थान पर वैकल्पिक और अस्थाई हेलीपैड तैयार किया गया.
इस अस्थायी हेलीपैड तक लोगों को पैदल ही पहुंचाया गया. जहां से हेलीकॉप्टर के जरिए उन्हें रांसी गांव तक छोड़ा गया. यहां उन्हें सड़क मार्ग से उनके गंतव्यों तक भेजा गया. चमोली पुलिस के मुताबिक, मैनुअल तरीके और हेलीकॉप्टर के जरिए मद्महेश्वर घाटी में फंसे 293 लोगों का रेस्क्यू किया गया. इसके साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन संपन्न हो गया है. वहीं, सुरक्षित रेस्क्यू करने पर लोगों ने सभी रेस्क्यू टीमों, स्थानीय लोगों, पुलिस प्रशासन का आभार जताया है.
ऊखीमठ उप जिलाधिकारी जितेंद्र वर्मा ने बताया कि मदमहेश्वर घाटी में अतिवृष्टि हुई थी. जिसके चलते गौंडार के बणतोली में लोनिवि की ओर से निर्मित गार्डर पुल नदी में समा गया था. ऐसे में कई लोग फंस गए. जिनके रेस्क्यू के लिए अभियान चलाया गया. सुरक्षा के दृष्टिगत मदमहेश्वर घाटी में मेडिकल टीम और पुलिस के अधिकारियों को भी तैनात कर दिया गया था. अब स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है. सभी का सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर लिया गया है.
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