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उत्तराखंड में 11 आईएफएस अधिकारी पाए गए कोरोना संक्रमित, बनाया गया कंटेनमेंट जोन

देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (एफआरआई) में एक बार फिर कोरोना बम फूटा है. 25 नवंबर को परिसर में एक साथ 11 आईएफएस अधिकारी कोरोना संक्रमित पाये गये हैं. जिसके बाद उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

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Published : Nov 25, 2021, 4:09 PM IST

Updated : Nov 25, 2021, 10:37 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. कोरोना के कम होते मामलों के बीच देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में 11 आईएफएस (Indian Forest Service) अधिकारी कोरोना पॉजिटिव (corona infected) पाए गए हैं. उधर, IFS अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ गई है. इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग भी अपनी निगरानी तेज कर रहा है.

11 आईएफएस अधिकारी (Indian Forest Service) के कोरोना पॉजिटिव (corona positive) पाए जाने के बाद एसडीएम ने एफआरआई को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. साथ ही एसडीएम ने इस क्षेत्र को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए. वहीं, जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने दिए निर्देश.

यहां बनाया गया कंटेनमेंट जोन

पहला कंटेनमेंट जोन इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई में बनाया गया है. जबकि, दूसरा कंटेनमेंट जोन जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को घोषित किया गया है. यहां 5 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार (DM R Rajesh Kumar) ने कोरोना केस मिलने के बाद एसडीएम को उक्त क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएमओ को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कर नियमित मॉनिटरिंग कराने को कहा है. वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी को इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं समेत खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं.

डीएम आर राजेश कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल, एफआरआई को से पूर्ण रूप से कंटेनमेंट जोन (containment zone) बनाया गया है और सभी स्थानीय लोग अपने घरों में ही रहेंगे.

सभी अधिकारी आइसोलेट

पॉजिटिव पाये गये सभी अधिकारी एफआरआई (Forest Research Institute) में मिड टर्म ट्रेनिंग के लिए आए हैं. गौर हो कि एफआरआई में ट्रेनिंग के लिए आए 48 अधिकारियों का ये दल पहले लखनऊ ट्रेनिंग पर था, उसके बाद दिल्ली पहुंचा और दिल्ली से देहरादून रवाना हुआ. देहरादून आने से पहले दिल्ली में इस दल के कोविड सैंपल लिये गए थे. इसके बाद ये दल देहरादून पहुंचा. देहरादून पहुंचने के बाद सभी 48 अधिकारियों को आइसोलेट कर दिया गया था.

वहीं, बीते रोज (24 नवंबर) को दिल्ली में लिए गए सैंपल में आठ अधिकारी संक्रमित पाए गए, जिसके बाद देहरादून में इस दल के सभी सदस्यों का फिर से सैंपल लिया गया, जिसमें तीन और अधिकारी भी संक्रमित पाए गए. इस तरह कुल 11 अधिकारी संक्रमित हुए हैं. इसके बाद अब एफआरआई बाकी लोगों के भी सैंपल ले रही है जो भी इन लोगों के संपर्क में आए थे, जबकि इन 48 अधिकारियों को पहले ही आइसोलेट कर दिया गया था.

पिछले साल भी FRI से ही आया था पहला मामला

प्रदेश में पिछले साल 2020 में भी कोरोना का सबसे पहले मामला एफआरआई से ही सामने आया था. तब भी यहां ट्रेनिंग कर रहे आईएफएस अफसरों में कोरोना की पुष्टि हुई थी. अब कोरोना के कम होते मामलों के बीच एक बार फिर से एफआरआई में कोरोना के मामले सामने आये हैं. जिससे सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं.

मार्च में सील हुआ था एफआरआई

राष्ट्रीय वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में प्रशिक्षु अधिकारी को विदेश की ट्रेनिंग से लौटने पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. वहीं, संक्रमित अफसर के संपर्क में आने वाले दो अन्य ट्रेनी अधिकारियों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. ऐसे में तीन केस सामने आने के बाद सरकार ने 19 मार्च 2020 में 1200 एकड़ से फैले एफआरआई परिसर को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया था. संस्थान पूरी तरह सील होने के बाद ढाई हजार से अधिक कर्मचारी, अधिकारी और 1600 फैमिली क्वॉर्टर में रहने वाले परिवार FRI के अंदर फंस गए थे.

उत्तराखंड में कोरोना के आंकड़े

प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 3,44,148 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 3,30,401 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. रिकवरी रेट 96.01% है. प्रदेश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 7,407 पहुंच गया है. ऐसे में डेथ रेट 2.15% है.

पढ़ेंः स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड के नए 'बोत्सवाना' वेरिएंट को लेकर चेताया

देहरादून : उत्तराखंड में कोरोना से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आई है. कोरोना के कम होते मामलों के बीच देहरादून के वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में 11 आईएफएस (Indian Forest Service) अधिकारी कोरोना पॉजिटिव (corona infected) पाए गए हैं. उधर, IFS अधिकारियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद उत्तराखंड सरकार की चिंता बढ़ गई है. इस मामले में अब स्वास्थ्य विभाग भी अपनी निगरानी तेज कर रहा है.

11 आईएफएस अधिकारी (Indian Forest Service) के कोरोना पॉजिटिव (corona positive) पाए जाने के बाद एसडीएम ने एफआरआई को माइक्रो कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. साथ ही एसडीएम ने इस क्षेत्र को कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए. वहीं, जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को भी माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाया गया है.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार ने दिए निर्देश.

यहां बनाया गया कंटेनमेंट जोन

पहला कंटेनमेंट जोन इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल एफआरआई में बनाया गया है. जबकि, दूसरा कंटेनमेंट जोन जी-2 बी-19 तिब्बतन कॉलोनी सहस्त्रधारा रोड, कुल्हाल को घोषित किया गया है. यहां 5 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जिलाधिकारी आर राजेश कुमार (DM R Rajesh Kumar) ने कोरोना केस मिलने के बाद एसडीएम को उक्त क्षेत्रों में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और प्रभावी सर्विलांस कराने के निर्देश दिए हैं. साथ ही सीएमओ को इन क्षेत्रों में सैंपलिंग कर नियमित मॉनिटरिंग कराने को कहा है. वहीं, जिला पूर्ति अधिकारी को इन क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुओं समेत खाद्यान्न की आपूर्ति करने के निर्देश दिए गए हैं.

डीएम आर राजेश कुमार ने बताया कि इंदिरा गांधी नेशनल एकेडमी ओल्ड हॉस्टल, एफआरआई को से पूर्ण रूप से कंटेनमेंट जोन (containment zone) बनाया गया है और सभी स्थानीय लोग अपने घरों में ही रहेंगे.

सभी अधिकारी आइसोलेट

पॉजिटिव पाये गये सभी अधिकारी एफआरआई (Forest Research Institute) में मिड टर्म ट्रेनिंग के लिए आए हैं. गौर हो कि एफआरआई में ट्रेनिंग के लिए आए 48 अधिकारियों का ये दल पहले लखनऊ ट्रेनिंग पर था, उसके बाद दिल्ली पहुंचा और दिल्ली से देहरादून रवाना हुआ. देहरादून आने से पहले दिल्ली में इस दल के कोविड सैंपल लिये गए थे. इसके बाद ये दल देहरादून पहुंचा. देहरादून पहुंचने के बाद सभी 48 अधिकारियों को आइसोलेट कर दिया गया था.

वहीं, बीते रोज (24 नवंबर) को दिल्ली में लिए गए सैंपल में आठ अधिकारी संक्रमित पाए गए, जिसके बाद देहरादून में इस दल के सभी सदस्यों का फिर से सैंपल लिया गया, जिसमें तीन और अधिकारी भी संक्रमित पाए गए. इस तरह कुल 11 अधिकारी संक्रमित हुए हैं. इसके बाद अब एफआरआई बाकी लोगों के भी सैंपल ले रही है जो भी इन लोगों के संपर्क में आए थे, जबकि इन 48 अधिकारियों को पहले ही आइसोलेट कर दिया गया था.

पिछले साल भी FRI से ही आया था पहला मामला

प्रदेश में पिछले साल 2020 में भी कोरोना का सबसे पहले मामला एफआरआई से ही सामने आया था. तब भी यहां ट्रेनिंग कर रहे आईएफएस अफसरों में कोरोना की पुष्टि हुई थी. अब कोरोना के कम होते मामलों के बीच एक बार फिर से एफआरआई में कोरोना के मामले सामने आये हैं. जिससे सभी की चिंताएं बढ़ गई हैं.

मार्च में सील हुआ था एफआरआई

राष्ट्रीय वन अनुसंधान संस्थान (Forest Research Institute) में प्रशिक्षु अधिकारी को विदेश की ट्रेनिंग से लौटने पर कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. वहीं, संक्रमित अफसर के संपर्क में आने वाले दो अन्य ट्रेनी अधिकारियों को भी कोरोना पॉजिटिव पाया गया था. ऐसे में तीन केस सामने आने के बाद सरकार ने 19 मार्च 2020 में 1200 एकड़ से फैले एफआरआई परिसर को कुछ दिनों के लिए सील कर दिया था. संस्थान पूरी तरह सील होने के बाद ढाई हजार से अधिक कर्मचारी, अधिकारी और 1600 फैमिली क्वॉर्टर में रहने वाले परिवार FRI के अंदर फंस गए थे.

उत्तराखंड में कोरोना के आंकड़े

प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 3,44,148 मामले सामने आ चुके हैं. इनमें से 3,30,401 मरीज स्वस्थ हो चुके हैं. रिकवरी रेट 96.01% है. प्रदेश में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा 7,407 पहुंच गया है. ऐसे में डेथ रेट 2.15% है.

पढ़ेंः स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड के नए 'बोत्सवाना' वेरिएंट को लेकर चेताया

Last Updated : Nov 25, 2021, 10:37 PM IST
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