शब-ए-कद्र: रोजेदारों ने की रातभर इबादत, एक हज़ार महीनों से ज्यादा मिलता है सवाब
लखनऊ: रमज़ान का पाक महीना अब अपने तीसरे और आखिरी पड़ाव में पहुंच गया है. इसमें शब-ए-कद्र की अहम रातें भी आती हैं. शुक्रवार की रात से शनिवार की सुबह फज्र की नमाज़ तक मस्जिदों और घरों में लोगों ने कुरान की तिलावत की और नमाज़ अदा की. इस्लामी मान्यता के अनुसार शब-ए-कद्र की रात में इबादत करने का सवाब एक हजार महीनों से भी ज्यादा होता है. मुस्लिम धर्मगुरु और ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि रमज़ान उल मुबारक के आखिरी अशरे का आगाज़ आज से हो गया है. अल्लाह ने अपनी मुकद्दस किताब कुरान करीम को इसी माह रमज़ान की शब-ए-कद्र रातों में नाजिल फरमाया है. इस शब-ए-कद्र में इबादत का सवाब एक हजार महीनों से ज्यादा का होता है. हदीस से साबित होता है कि शब-ए-कद्र रमज़ान की आखिरी अशरे की ताक रातों में से एक रात है. मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा की यह पाक रातें रमजान की 21, 23, 25, 27 और 29 है. हम सबको इन रातों में जागकर अल्लाह की ज्यादा से ज्यादा इबादत करनी चाहिए.