आगरा में कूड़े का ढेर बन रहीं 121 साल पुरानी ब्रिटिशकालीन बेशकीमती मूर्तियां, स्काॅटलैंड के शिल्पकारों ने अष्टधातु से बनाई थीं - garbage in Agra
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आगरा: जनपद में ब्रिटिशकाल की बेशकीमती अष्टधातु की 7 मूर्तियां रखरखाव के अभाव में धूल फांक रही हैं. करोड़ों रुपये कीमत की ये मूर्तियां साल 1901 में क्वीन विक्टोरिया के सम्मान में स्काॅटलैंड से भारत लाई गई थीं. इन मूर्तियों में एक क्वीन विक्टोरिया की मूर्ति है और दूसरी उनके धर्मगुरू की है. तीसरी मूर्ति ब्रिटिश योद्धा की और खूबसूरत मछलियों की मूर्तियों के 4 सेट हैं. इन मूर्तियों के आजादी के बाद नेहरू पार्क में रखा गया था और बाद में इन्हें आगरा पुलिस लाइन में रखवा दिया गया. इन मूर्तियों को देखने के लिए लोगों की लाइन लगा करती थी. इतिहासकार राजकुमार राजे बताते हैं कि महारानी विक्टोरिया को 1876 में भारत की महारानी का खिताब दिया गया था. उनका जब आगरा में दौरा था तो उनके सम्मान में स्कॉटलैंड में इन मूर्तियों के सेट को तैयार किया गया था और आगरा के विक्टोरिया पार्क में स्थापित कराया गया था. राजकुमार राजे के अथक प्रयासों के बाद पालीवाल पार्क स्थित म्यूजियम में मूर्तियों को रखवाया गया. फिलहाल ये मूर्तियां नगर निगम के अंतर्गत जॉन पब्लिक लाइब्रेरी में रखी गई हैं. लेकिन, वक्त की मार ने आज इन करोड़ों की मूर्तियों को कूड़े के ढेर में पहुंचा दिया है. आज इन मूर्तियों की देखरेख करने वाला भी कोई नहीं है.