नीम हकीम चिकित्सक कर रहे लोगों के जीवन से खिलवाड़, बिना रजिस्ट्रेशन के ही हो रहा इलाज - बीएएमएस डिग्री धारक हकीम
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बस्ती मंडल में बड़ी संख्या में बीयूएमएस और बीएएमएस डिग्री धारक हकीम व वैद्य बिना पंजीकरण के ही प्रैक्टिस कर रहे हैं. विभागीय अधिकारियों के मुताबिक ऐसे लोगों की संख्या 200 से अधिक हो सकती है. क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी डॉ. वीके श्रीवास्तव ने बताया कि ऐसे लोगों को झोला छाप की श्रेणी में मानते हुए जल्द ही उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी अधिकारी कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार बस्ती जनपद में 28 और संतकबीरनगर में कुल 14 क्लीनिक पंजीकृत हैं. इसमें बीएएमएस व बीयूएमएस दोनों तरह के चिकित्सक शामिल हैं. इधर, शासन इस बात को लेकर भी काफी सख्त है कि बिना पंजीकरण के कोई भी क्लीनिक व अस्पताल संचालित नहीं होनी चाहिए. इसके लिए शासन की ओर से 1994 में ही गाइडलाइन जारी किया गया था. शासन की ओर से इस संबंध में समय-समय पर पत्र भी आते रहते हैं. विभाग का कहना है कि अब बिना पंजीकरण के कहीं भी क्लीनिक या आयुर्वेदिक-यूनानी अस्पताल संचालित होते हैं तो तत्काल कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए कार्य योजना तैयार की जा रही है. बता दें कि क्षेत्रीय आयुर्वेदिक एवं यूनानी विभाग में क्लीनिक व अस्पताल का पंजीकरण निशुल्क है. डॉ. वीके श्रीवास्तव का कहना है कि इसके लिए किसी तरह की फीस नहीं लगती है. चिकित्सक को डिग्री व शपथपत्र सहित अन्य औपचारिकताएं पूरी करानी होती है. एक बार पंजीकरण होने के बाद हर साल रिन्यूअल कराना होता है.