बनारस की फिजाओं में घुलने लगा गुलाल का रंग, लोकगीतों के जरिए सुनिए सियासी व्यंग

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Published : Mar 12, 2022, 9:38 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST

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वाराणसी : महादेव की नगरी काशी अपने अल्हड़ता और अक्खड़ मिजाज के लिए जानी जाती हैं. यहां की गली हो, घाट हो या फिर त्योहार, सभी का अपना अलग एक अंदाज होता है. अगर बात होली के पर्व की करें तो बाबा विश्वनाथ के दरबार से शुरू हुई होली और इसका रंग गलियों, घाट से होते हुए बनारस की फिजाओं में घूमता रहता है. कहते हैं काशी में कोई किसी को रंग लगाने से या फिर व्यंग करने से कभी पीछे नहीं हटता. ऐसे में इस बार रंग और व्यंग की खुमारी दोगुनी बढ़ गई है क्योंकि होली के साथ चुनावी जीत भी शामिल है. वहीं, ETV BHARAT की टीम बनारस के घाटों पर पहुंची. यहां संगीत की महफिल सजी हुई थी और होली के पारंपरिक गीत के साथ जोगीरा के धुन पर नेताओं को होली संग व्यंग वाली बोली भी खूब सुनाई गई. वीडियो में आप साफ तौर पर देख सकते है कि किस तरह से काशी नगरी होली के रंग में रंगी हुई है.
Last Updated : Feb 3, 2023, 8:19 PM IST

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