आजादी की वर्षगांठ पर बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध आल्हा गायन का हुआ आयोजन
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झांसी:आजादी की 75 वीं वर्षगांठ को लेकर झांसी जनपद में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. इसी कड़ी में झांसी के राजकीय संग्रहालय में मंगलवार को वीर रस के आल्हा गायन का आयोजन किया गया. बुन्देलखण्ड के प्रसिद्ध ऐतिहासिक पात्रों आल्हा और ऊदल के जीवन पर आधारित काव्य आल्हा के वीर रस के गायन से आज भी लोग रोमांचित हो उठते हैं. आल्हा गायकों की मंडली ने वीर रस से ओतप्रोत आल्हा का गायन कर सभागार में मौजूद लोगों को रोमांचित किया. कार्यक्रम के दौरान झाँसी के कई विभागों के अफसर, कलाप्रेमी व संस्कृतिकर्मी मौजूद रहे. इस दौरान इन लोक कलाकारों को सम्मानित भी किया गया. इन कलाकारों को बेहतर मंच प्रदान करने का भी आश्वासन दिया गया. आजादी के अमृत महोत्सव एवं चौरी चौरा शताब्दी समारोह के तहत वीर रस से ओतप्रोत आल्हा गायन का आयोजन किया गया. चिरगांव के बावरी गांव के गायकों व कलाकारों की मंडली ने यह कार्यक्रम प्रस्तुत किया. मंडली में बतौर गायक जयंती यादव व राजेन्द्र पूरी गोस्वामी ने आल्हा के विभिन्न प्रसंगों का गायन किया जबकि वाद्य यंत्रों पर उमा शंकर यादव, चेतराम अहिरवार और पप्पू वंशकार ने साथ दिया. कार्यक्रम में मौजूद उत्तर प्रदेश संगीत नाटक अकादमी के उप सभापति धन्नू लाल गौतम ने कहा कि स्थानीय कलाकारों को मंच देने के लिए ऐसे कार्यक्रम नियमित तौर पर होते रहने चाहिए और सरकार की ओर से कलाकारों को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के प्रयास किये जा रहे हैं.