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वाराणसी DM और सीडीओ ने किया कंट्रोल रूम का निरीक्षण, 25 कर्मचारियों के मोबाइल बंद मिले - Varanasi Zero Tolerance news

वाराणसी में जीरो टॉलरेंस नीति पर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी जिला कंट्रोल रूम का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान 25 कर्मचारियों के मोबाइल फोन ही ऑफ मिले. जिसपर उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी किया गया है.

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वाराणसी में जीरो टॉलरेंस नीति पर जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी जिला कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया
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Published : Jul 20, 2022, 7:28 PM IST

वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) को लेकर अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं. कभी भ्रष्टाचार तो कभी जन शिकायतों के निस्तारण और सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को वाराणसी के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने विकास भवन में बनाए गए कंट्रोल रूम में पहुंचकर औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों में फोन करके कर्मचारियों की लोकेशन ली. जिसमें पंचायती राज विभाग के 25 कर्मचारियों के मोबाइल फोन ही ऑफ मिले जबकि और कुछ कर्मचारी ड्यूटी से ही नदारद पाए गए हैं. इन कर्मचारियों पर एक्शन की तैयारी की जा रही है.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने विकास भवन के जिला कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने डिस्प्ले बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया. जिसपर की गयी आवश्यक कार्रवाई का साप्ताहिक और मासिक डाटा व आवश्यक सूचनाएं प्रदर्शित की जा सके. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस कंट्रोल रूम से कोरोना डार्क जोन मानिटरिंग, तहसील और ब्लॉक के फील्ड लेवल अधिकारियों, डाक्टरों और अध्यापकों की उपस्थिति सहित विभिन्न विभागों के लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ आदि की क्रास चेकिंग फोन काल से चेक की जाती है.

इस मामले में विकास भवन के द्वितीय तल पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. कंट्रोल रूम से प्रतिदिन जनपद में समस्त विभागों के जैसे शिक्षा, ग्राम विकास, पंचायती राज, ग्रामीण अभियंत्रण, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों के कार्यालय एवं फील्ड स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से 12:00 के बीच उपस्थिति ली जाती है. जो कर्मचारी अपने कार्यालय एवं कार्य क्षेत्र में अनुपस्थित पाए जाते हैं. उनको मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पहले चेतावनी जारी की जाती है. इसके बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है.

यह भी पढ़ें-मथुरा में प्रसाद वितरण के दौरान मची भगदड़, साधु की मौत

इसके अतिरिक्त शासन द्वारा संचालित विभिन्न लाभार्थी परक परियोजनाओं जैसे आवास, शौचालय निर्माण के अलावा किसान सम्मान निधि और पेंशन के पात्र लाभार्थियों का रेंडम चेकिंग की जाती है. बुधवार को कंट्रोल रूम से कुल 508 काल की गई. जिसमें 332 शिक्षा, 75 पंचायती राज एवं स्वास्थ्य विभाग के 66 कर्मचारियों को कॉल की गई. जिसमें शिक्षा विभाग को कुल चार अध्यापकों से बात नहीं हुई. इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया कि 4 अध्यापक सीएल पर हैं. जबकि चिकित्सा विभाग में भी दो कर्मचारी अवकाश पर पाए गए. लेकिन पंचायती राज विभाग में 25 कर्मचारियों का मोबाइल फोन ही बंद पाया गया. जिसपर उनके द्वारा कहा गया कि उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा.

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वाराणसी: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार जीरो टॉलरेंस नीति (Zero Tolerance Policy) को लेकर अलग-अलग दिशा में काम कर रहे हैं. कभी भ्रष्टाचार तो कभी जन शिकायतों के निस्तारण और सरकारी कर्मचारियों पर नकेल कसने के निर्देश दिए जा रहे हैं. इसी कड़ी में बुधवार को वाराणसी के जिलाधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी ने विकास भवन में बनाए गए कंट्रोल रूम में पहुंचकर औचक निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने अलग-अलग विभागों में फोन करके कर्मचारियों की लोकेशन ली. जिसमें पंचायती राज विभाग के 25 कर्मचारियों के मोबाइल फोन ही ऑफ मिले जबकि और कुछ कर्मचारी ड्यूटी से ही नदारद पाए गए हैं. इन कर्मचारियों पर एक्शन की तैयारी की जा रही है.

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा और मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक गोयल ने विकास भवन के जिला कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया. इस दौरान उन्होंने डिस्प्ले बोर्ड लगवाने का निर्देश दिया. जिसपर की गयी आवश्यक कार्रवाई का साप्ताहिक और मासिक डाटा व आवश्यक सूचनाएं प्रदर्शित की जा सके. मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि इस कंट्रोल रूम से कोरोना डार्क जोन मानिटरिंग, तहसील और ब्लॉक के फील्ड लेवल अधिकारियों, डाक्टरों और अध्यापकों की उपस्थिति सहित विभिन्न विभागों के लाभार्थियों को मिलने वाले लाभ आदि की क्रास चेकिंग फोन काल से चेक की जाती है.

इस मामले में विकास भवन के द्वितीय तल पर एक कंट्रोल रूम बनाया गया है. कंट्रोल रूम से प्रतिदिन जनपद में समस्त विभागों के जैसे शिक्षा, ग्राम विकास, पंचायती राज, ग्रामीण अभियंत्रण, लोक निर्माण विभाग एवं अन्य विभागों के कार्यालय एवं फील्ड स्तरीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों की प्रतिदिन सुबह 10:00 बजे से 12:00 के बीच उपस्थिति ली जाती है. जो कर्मचारी अपने कार्यालय एवं कार्य क्षेत्र में अनुपस्थित पाए जाते हैं. उनको मुख्य विकास अधिकारी द्वारा पहले चेतावनी जारी की जाती है. इसके बाद उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है.

यह भी पढ़ें-मथुरा में प्रसाद वितरण के दौरान मची भगदड़, साधु की मौत

इसके अतिरिक्त शासन द्वारा संचालित विभिन्न लाभार्थी परक परियोजनाओं जैसे आवास, शौचालय निर्माण के अलावा किसान सम्मान निधि और पेंशन के पात्र लाभार्थियों का रेंडम चेकिंग की जाती है. बुधवार को कंट्रोल रूम से कुल 508 काल की गई. जिसमें 332 शिक्षा, 75 पंचायती राज एवं स्वास्थ्य विभाग के 66 कर्मचारियों को कॉल की गई. जिसमें शिक्षा विभाग को कुल चार अध्यापकों से बात नहीं हुई. इस विद्यालय के प्रधानाध्यापक द्वारा बताया गया कि 4 अध्यापक सीएल पर हैं. जबकि चिकित्सा विभाग में भी दो कर्मचारी अवकाश पर पाए गए. लेकिन पंचायती राज विभाग में 25 कर्मचारियों का मोबाइल फोन ही बंद पाया गया. जिसपर उनके द्वारा कहा गया कि उनके विरुद्ध स्पष्टीकरण जारी किया जाएगा.

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