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वाराणसी: सावन के पहले सोमवार पर सबसे पहले जल चढ़ाता है यदुवंशी समाज

सावन के पहले सोमवार पर देशभर के यादव बंधुओं की भीड़ बनारस में जुटेगी. यहां यादव बंधु गंगा स्नान कर सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक करेंगे.

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Published : Jul 19, 2019, 11:43 AM IST

कांसेप्ट इमेज.

वाराणसी: सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान परंपरा और धर्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. धर्म के साथ-साथ कई परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. ऐसी ही एक पुरानी परंपरा का निर्वहन काशी में सावन के पहले सोमवार पर पूरे देशभर से बनारस में जुट रहे यादव बंधुओं की तरफ से किया जाएगा.

सावन के पहले सोमवार परयादव बंधुओं की तरफ से गंगा से जल लेकर सभी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने जाएंगे. हजारों की संख्या में यादव बंधु हर साल इस खास कार्यक्रम में हिस्सा लेने देशभर से बनारस पहुंचते हैं.

सावन में काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग पर प्रथम अभिषेक करने का जो स्थान यदुवंशी समाज को हैं वो किसी को नहीं है. इस साल 22 जुलाई को सावन का प्रथम सोमवार हैं. इस दिन यादव समाज के बंधु गंगा स्नान कर सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक किया जाएगा.

सावन के पहले सोमवार को सुबह लगभग 7 बेज बजे यादव बंधुओं की तरफ से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाना है, जिसमें अलग-अलग घाटों से बड़ी संख्या में यादव बंधु बड़े-बड़े पात्रों में जल लेकर विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं. जिस समय यह मंदिर में प्रवेश करते हैं उस समय आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन रोका भी जाता है

पूरे देश भर से यादव बंधु एकत्रित हो रहे हैं. इस जलाभिषेक पूजन में उनके रहने, खाने की व्यवस्था का प्रबंध हमारी समिति द्वारा किया जाएगा. अतिथियों का स्वागत सत्कार करने के साथ ही उनका विशेष सम्मान भी किया जाएगा.
-मुकेश यादव, अध्यक्ष, भारतीय युवा यादव सभा

वाराणसी: सावन महीने की शुरुआत हो चुकी है और इस दौरान परंपरा और धर्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. धर्म के साथ-साथ कई परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. ऐसी ही एक पुरानी परंपरा का निर्वहन काशी में सावन के पहले सोमवार पर पूरे देशभर से बनारस में जुट रहे यादव बंधुओं की तरफ से किया जाएगा.

सावन के पहले सोमवार परयादव बंधुओं की तरफ से गंगा से जल लेकर सभी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने जाएंगे. हजारों की संख्या में यादव बंधु हर साल इस खास कार्यक्रम में हिस्सा लेने देशभर से बनारस पहुंचते हैं.

सावन में काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग पर प्रथम अभिषेक करने का जो स्थान यदुवंशी समाज को हैं वो किसी को नहीं है. इस साल 22 जुलाई को सावन का प्रथम सोमवार हैं. इस दिन यादव समाज के बंधु गंगा स्नान कर सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक किया जाएगा.

सावन के पहले सोमवार को सुबह लगभग 7 बेज बजे यादव बंधुओं की तरफ से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाना है, जिसमें अलग-अलग घाटों से बड़ी संख्या में यादव बंधु बड़े-बड़े पात्रों में जल लेकर विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं. जिस समय यह मंदिर में प्रवेश करते हैं उस समय आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन रोका भी जाता है

पूरे देश भर से यादव बंधु एकत्रित हो रहे हैं. इस जलाभिषेक पूजन में उनके रहने, खाने की व्यवस्था का प्रबंध हमारी समिति द्वारा किया जाएगा. अतिथियों का स्वागत सत्कार करने के साथ ही उनका विशेष सम्मान भी किया जाएगा.
-मुकेश यादव, अध्यक्ष, भारतीय युवा यादव सभा

Intro:वाराणसी: सावन की शुरुआत हो चुकी है और सावन के दौरान परंपरा और धर्म का अद्भुत संगम देखने को मिलता है. इस दौरान धर्म के साथ-साथ कई परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. ऐसी एक पुरानी परंपरा का निर्वहन काशी में सावन के पहले सोमवार के मौके पर होगा, जब देशभर से बनारस में जुट रहे यादव बंधुओं की तरफ से गंगा से जल लेकर सभी बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करने जाएंगे, हजारों की संख्या में यादव बंधु हर साल इस खास कार्यक्रम में हिस्सा लेने देशभर से बनारस पहुंचते है.Body:वीओ-01 सावन में काशी विश्वनाथ के ज्योतिर्लिंग पर प्रथम अभिषेक करने का जो स्थान यदुवंशी समाज को हैं वो किसी को नही. इस रीत पुरानी है और 22 जुलाई को सावन का प्रथम सोमवार हैं. इसदिन यादव समाज के बंधुओं द्वारा गंगा स्नान कर सर्वप्रथम काशी विश्वनाथ को जलाभिषेक किया जाएगा. भारतीय यादव सभा के मुकेश कुमार ने बताया कि पूरे देश भर से यादव बन्धु एकत्रित हो रहे इस जलाभिषेक पूजन में उनके रहने ,खाने की व्यवस्था का प्रबंध हमारी समिति द्वारा किया जाएगा. आये हुए अतिथियों का स्वागत सत्कार करने के साथ ही उनका विशेष सम्मान भी किया जाएगा.Conclusion:वीओ-02 फिलहाल सावन के पहले सोमवार को सुबह लगभग 7:00 बजे यादव बंधुओं की तरफ से बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक किया जाना है. जिसमें अलग-अलग घाटों से बड़ी संख्या में यादव बंधु बड़े-बड़े पात्रों में जल लेकर विश्वनाथ मंदिर पहुंचते हैं. जिस समय यह मंदिर में प्रवेश करते हैं उस समय आम दर्शनार्थियों के लिए दर्शन रोका भी जाता है और इनको दर्शन कराने के बाद आम भक्तों को दर्शन कराया जाता है. इस बार भी इसी परंपरा के निर्माण को शासन की तरफ से भी होगा जिसकी बैठक भी बीते दिनों संपन्न हो चुकी है.

बाईट- मुकेश यादव, अध्यक्ष, भारतीय युवा यादव सभा
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