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विश्व मधुमेह जागृति दिवस विशेष : अपनी दिनचर्या का रखें ध्यान, नहीं हो सकते हैं मधुमेह के शिकार

विश्व मधुमेह जागृति दिवस (world diabetes awareness day) 27 जून को मनाया जाता है. इसका उद्देश्य लोगों में मधुमेह (diabetes) के प्रति जागरूकता फैलाना है. शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल की वरिष्ठ फिजीशियन परामर्शदाता डॉ. घनश्याम पाठक ने बताया कि सही खानपान और सही दिनचर्या से इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है.

विश्व मधुमेह जागृति दिवस विशेष
विश्व मधुमेह जागृति दिवस विशेष
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Published : Jun 27, 2021, 12:55 PM IST

Updated : Jun 27, 2021, 2:41 PM IST

वाराणसी: वर्तमान समय में लोगों की दिनचर्या काफी अस्त-व्यस्त हो गई है. जिसकी वजह से लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी मधुमेह भी है. कोरोना काल के दौरान मधुमेह रोगियों को और भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. 27 जून को पूरे विश्व में मधुमेह जागृति दिवस (world diabetes awareness day) मनाया जाता है. जिससे लोग मधुमेह के बारे में जागरुक हो सकें और इससे होने वाली अन्य बीमारियों के बारे में जानकर सचेत रह सकें. मधुमेह कैसे होता है, क्या लक्षण और किस प्रकार से सतर्क रहना चाहिए तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.

भारत में बढ़ रहा मधुमेह का खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भारत में यह बीमारी एक विकराल रूप लेती जा रही हैं. वर्ष 2025 तक भारत में दुनिया के सबसे अधिक लगभग 5 करोड़ 70 लाख मधुमेह के रोगी होंगे. हर साल इस बीमारी के कारण प्रतिवर्ष लाखों मधुमेह रोगियों की असमय मृत्यु हो जाती है. ऐसे में मधुमेह को लेकर लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक हो जाती है.

विश्व मधुमेह जागृति दिवस विशेष
क्या होता है मधुमेह
शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. घनश्याम पाठक ने बताया कि जब शरीर में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति को हम मधुमेह कहते हैं. इंसुलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन के कारण शरीर में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित होती है. जब किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने की दिक्कत होती है, तब ऐसी स्थिति में शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं होती और व्यक्ति मधुमेह के शिकार हो जाते हैं. डॉ. पाठक बताया कि मधुमेह का असर न सिर्फ शरीर के अंगों पर होता है, बल्कि इसके कारण शरीर में कई सारी बीमारियां घर कर लेती हैं. जिससे किडनी की समस्या और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
मधुमेह के प्रकार
डॉ. पाठक ने बताया कि टाइप वन, टाइप टू प्रकार के मधुमेह होते हैं. टाइप वन मधुमेह प्रायः बचपन या युवावस्था में होता है. इसमें अग्नाशय ग्रंथि से बहुत कम मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न होती है, इसके रोगी को नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज के नियंत्रण के अलावा जीवित रहने के लिए इंसुलिन लेनी पड़ती है. वहीं टाइप 2 मधुमेह 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को होता है. पीड़ित मरीजों में लगभग 90 प्रतिशत टाइप 2 मधुमेह के रोगी होते हैं.

इसे भी पढ़ें-27 जून: आज ही के दिन लगा था दुनिया का पहला एटीएम, जानिए कब और कहां

मधुमेह के लक्षण

  • पेट मे दर्द
  • कमजोरी
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना
  • वजन में बदलाव
  • सामान्य से अधिक प्यास लगना
  • थकान
  • चिड़चिड़ापन


मधुमेह का इलाज
डॉ. पाठक ने बताया कि मधुमेह की जांच की जा सकती है. बच्चों में यदि मधुमेह है तो इसका एकमात्र इलाज है इंसुलिन इंजेक्शन और 45 वर्ष से ऊपर जिन लोगों को यह समस्या है उनके लिए अन्य दवाएं हैं जो प्रयोग में दी जाती हैं. इसके साथ ही मरीज व आम व्यक्ति दोनों को खान पान व दिनचर्या को संयमित रखने की जरूरत है.

संयमित रखें दिनचर्या
डॉ. पाठक ने बताया कि मधुमेह से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है. इससे न सिर्फ मधुमेह से बचा जा सकता है बल्कि शरीर में घर करने वाली अन्य बीमारियों से भी निजात मिलती है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति का खानपान नियमित होना चाहिए.

ध्यान देने योग्य बातें

  • व्यक्ति को शारीरिक श्रम करना चाहिए.
  • कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए, भोजन में मीठे का प्रयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए.
  • सब्जियों में ताजे फल, साबुत अनाज, वसा के स्त्रोत को भोजन में शामिल करना चाहिए.
  • दिन में तीन समय खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाना चाहिए.
  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए.
  • व्यक्ति को तनाव से दूर रहना चाहिए और नींद भरपूर लेनी चाहिए.
  • इसके साथ ही मधुमेह के रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रोकली, बंद गोभी और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए.
  • फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद इत्यादि को शामिल करना चाहिए. यह ध्यान रखने की जरूरत है कि व्यक्ति जिस फल का सेवन करें उसमें शर्करा की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए.

मधुमेह के बारे में तथ्य

  • वर्ष 2014 : विश्व में 422 मिलियन लोग (11 में 1 व्यक्ति) मधुमेह से पीड़ित.
  • वर्ष 2015 : भारत में मधुमेह के 69.1 मिलियन मामले (वयस्क जनसंख्या का 8.7 प्रतिशत मधुमेह पीड़ित)
  • विश्व स्तर पर मधुमेह मृत्यु का 9वां प्रमुख कारण है, जिससे प्रतिवर्ष 2.1 मिलियन मृत्यु होती हैं.
  • मधुमेह से पीड़ित हर पांच महिलाओं में से दो प्रजनन अवस्था में हैं.

वाराणसी: वर्तमान समय में लोगों की दिनचर्या काफी अस्त-व्यस्त हो गई है. जिसकी वजह से लोगों में बीमारियों का खतरा बढ़ गया है. इन्हीं बीमारियों में से एक बीमारी मधुमेह भी है. कोरोना काल के दौरान मधुमेह रोगियों को और भी अधिक सतर्क रहने की जरूरत है. 27 जून को पूरे विश्व में मधुमेह जागृति दिवस (world diabetes awareness day) मनाया जाता है. जिससे लोग मधुमेह के बारे में जागरुक हो सकें और इससे होने वाली अन्य बीमारियों के बारे में जानकर सचेत रह सकें. मधुमेह कैसे होता है, क्या लक्षण और किस प्रकार से सतर्क रहना चाहिए तो चलिए इसके बारे में जानते हैं.

भारत में बढ़ रहा मधुमेह का खतरा

विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार देश भारत में यह बीमारी एक विकराल रूप लेती जा रही हैं. वर्ष 2025 तक भारत में दुनिया के सबसे अधिक लगभग 5 करोड़ 70 लाख मधुमेह के रोगी होंगे. हर साल इस बीमारी के कारण प्रतिवर्ष लाखों मधुमेह रोगियों की असमय मृत्यु हो जाती है. ऐसे में मधुमेह को लेकर लोगों में जागरूकता बेहद आवश्यक हो जाती है.

विश्व मधुमेह जागृति दिवस विशेष
क्या होता है मधुमेह
शिव प्रसाद गुप्त अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. घनश्याम पाठक ने बताया कि जब शरीर में इंसुलिन का पहुंचना कम हो जाता है, तो खून में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है. ऐसी स्थिति को हम मधुमेह कहते हैं. इंसुलिन का काम शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलना होता है और इसी हार्मोन के कारण शरीर में शुगर की मात्रा भी नियंत्रित होती है. जब किसी व्यक्ति के शरीर में भोजन को एनर्जी में बदलने की दिक्कत होती है, तब ऐसी स्थिति में शरीर में शुगर की मात्रा नियंत्रित नहीं होती और व्यक्ति मधुमेह के शिकार हो जाते हैं. डॉ. पाठक बताया कि मधुमेह का असर न सिर्फ शरीर के अंगों पर होता है, बल्कि इसके कारण शरीर में कई सारी बीमारियां घर कर लेती हैं. जिससे किडनी की समस्या और दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है.
मधुमेह के प्रकार
डॉ. पाठक ने बताया कि टाइप वन, टाइप टू प्रकार के मधुमेह होते हैं. टाइप वन मधुमेह प्रायः बचपन या युवावस्था में होता है. इसमें अग्नाशय ग्रंथि से बहुत कम मात्रा में इंसुलिन उत्पन्न होती है, इसके रोगी को नियमित रूप से रक्त ग्लूकोज के नियंत्रण के अलावा जीवित रहने के लिए इंसुलिन लेनी पड़ती है. वहीं टाइप 2 मधुमेह 45 वर्ष से ऊपर के व्यक्ति को होता है. पीड़ित मरीजों में लगभग 90 प्रतिशत टाइप 2 मधुमेह के रोगी होते हैं.

इसे भी पढ़ें-27 जून: आज ही के दिन लगा था दुनिया का पहला एटीएम, जानिए कब और कहां

मधुमेह के लक्षण

  • पेट मे दर्द
  • कमजोरी
  • सिर दर्द
  • चक्कर आना
  • वजन में बदलाव
  • सामान्य से अधिक प्यास लगना
  • थकान
  • चिड़चिड़ापन


मधुमेह का इलाज
डॉ. पाठक ने बताया कि मधुमेह की जांच की जा सकती है. बच्चों में यदि मधुमेह है तो इसका एकमात्र इलाज है इंसुलिन इंजेक्शन और 45 वर्ष से ऊपर जिन लोगों को यह समस्या है उनके लिए अन्य दवाएं हैं जो प्रयोग में दी जाती हैं. इसके साथ ही मरीज व आम व्यक्ति दोनों को खान पान व दिनचर्या को संयमित रखने की जरूरत है.

संयमित रखें दिनचर्या
डॉ. पाठक ने बताया कि मधुमेह से बचाव के लिए जीवन शैली में बदलाव करना बेहद जरूरी है. इससे न सिर्फ मधुमेह से बचा जा सकता है बल्कि शरीर में घर करने वाली अन्य बीमारियों से भी निजात मिलती है. उन्होंने बताया कि सबसे ज्यादा जरूरी है कि व्यक्ति का खानपान नियमित होना चाहिए.

ध्यान देने योग्य बातें

  • व्यक्ति को शारीरिक श्रम करना चाहिए.
  • कम कैलोरी वाला भोजन खाना चाहिए, भोजन में मीठे का प्रयोग बिल्कुल बंद कर देना चाहिए.
  • सब्जियों में ताजे फल, साबुत अनाज, वसा के स्त्रोत को भोजन में शामिल करना चाहिए.
  • दिन में तीन समय खाने की बजाय थोड़ा-थोड़ा करके खाना खाना चाहिए.
  • धूम्रपान और शराब का सेवन बंद कर देना चाहिए.
  • व्यक्ति को तनाव से दूर रहना चाहिए और नींद भरपूर लेनी चाहिए.
  • इसके साथ ही मधुमेह के रोगियों को अपने भोजन में करेला, मेथी, पालक, तुरई, शलगम, बैंगन, परवल, लौकी, मूली, फूलगोभी, ब्रोकली, बंद गोभी और अन्य पत्तेदार हरी सब्जियों को शामिल करना चाहिए.
  • फलों में जामुन, नींबू, आंवला, टमाटर, पपीता, खरबूजा, कच्चा अमरूद इत्यादि को शामिल करना चाहिए. यह ध्यान रखने की जरूरत है कि व्यक्ति जिस फल का सेवन करें उसमें शर्करा की मात्रा बहुत कम होनी चाहिए.

मधुमेह के बारे में तथ्य

  • वर्ष 2014 : विश्व में 422 मिलियन लोग (11 में 1 व्यक्ति) मधुमेह से पीड़ित.
  • वर्ष 2015 : भारत में मधुमेह के 69.1 मिलियन मामले (वयस्क जनसंख्या का 8.7 प्रतिशत मधुमेह पीड़ित)
  • विश्व स्तर पर मधुमेह मृत्यु का 9वां प्रमुख कारण है, जिससे प्रतिवर्ष 2.1 मिलियन मृत्यु होती हैं.
  • मधुमेह से पीड़ित हर पांच महिलाओं में से दो प्रजनन अवस्था में हैं.
Last Updated : Jun 27, 2021, 2:41 PM IST
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