वाराणसी: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर मानसिक चिकित्सालय में शनिवार को मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्तियों के अधिकार पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इस दौरान डॉक्टर के साथ सिविल जज ने भी लोगों को जागरूक किया गया.
सिविल जज जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव डॉ. सुधा सिंह ने मानसिक रूप से अस्वस्थ रोगियों को उनके अधिकार के बारे में बताया. मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि यह लोग खुद को समाज का कटा हुआ समझते हैं. समाज के द्वारा भी इनके साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है. डॉ. सुधा सिंह ने कहा कि आज प्राधिकरण के द्वारा इनको इनके अधिकारों के बारे में बताया गया है.
उन्होंने बताया कि आमतौर पर धारा 309 में सुसाइड करने को लेकर दंड का प्रावधान है, लेकिन यदि व्यक्ति मानसिक रूप से अस्वस्थ है या किसी अवसाद में है और वह इस प्रकार का कदम उठाता है तो संविधान में उसके बचाव का भी प्रावधान दर्शाया गया है. मानसिक रूप से अस्वस्थ व्यक्ति इस प्रावधान का प्रयोग कर खुद की सुरक्षा कर सकता है. यह लोग भी आम लोगों की तरह अपना जीवन यापन कर सकते हैं.
वहीं इस बाबत जिला मानसिक चिकित्सालय के निर्देशक डॉ. अमरेंद्र सिंह ने बताया कि समाज के द्वारा मानसिक रूप से विक्षिप्त व्यक्तियों के साथ जिस प्रकार का बर्ताव किया जाता है, वह अनुचित है. यदि कोई मानसिक रोगी है तो उसे इलाज की आवश्यकता है न कि अमानवीय व्यवहार की. आज हम सभी को यही संदेश देना चाहेंगे कि यदि उनके घर में कोई मानसिक रोगी है तो डॉक्टर के पास जाकर उसका उचित इलाज कराएं. न कि उनके साथ अमानवीय व्यवहार करें.