वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में 20 सितंबर से शोध प्रविधि कार्यशाला चल रही है. मंगलवार को 13वां दिन शोध विषय के अध्ययन और उसकी चुनौतियां पर केंद्रित रहा. इस कार्यशाला में प्रतिभागियों में मौलिक प्रश्नों की अनिवार्यता के साथ ही शोध विधि बताई गई.
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शोध विषय का अध्ययन और उसकी चुनौतियां
बीएचयू उर्दू विभाग में 20 सितंबर से शुरू हुए 'शोध विषय का अध्ययन और उसकी चुनौतियां' कार्यशाला में छात्र-छात्राओं ने शोध के मूल तत्व को जाना है. आज के समय में समाज के हित पर शोध नहीं हो रहे हैं. छात्रों को बताया गया कि आपके शोध में मौलिक बातों का उल्लेख होना चाहिए. शोध पूर्ण रूप से समाज के हित के लिए होना चाहिए. शोध कार्यशाला में सैकड़ों की संख्या में छात्र-छात्राएं मौजूद रहे और उन्होंने शोध की बारीकियों को जाना.
कार्यशाला में बताई गई शोध की प्रमुख बातें
बहुत से छात्रों को यही नहीं पता होता कि शोध कार्य कैसे किया जाए. जब आपको यही नहीं पता होगा कि जाना कहां है तो आप एक बेहतर शोध कार्य नहीं कर पाएंगे. किसी अर्जित परंपरा को विस्तार देना भी अनुसंधान होता है. एक शोधार्थी को अपने शोध के शीर्षक का विभाजन करना चाहिए. शोध विज्ञान की तर्ज पर होना चाहिए.