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पंचायत चुनाव: घर की दहलीज लांघ महिलाओं ने 'विकास' पर लगाई मुहर

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Published : Apr 19, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Apr 19, 2021, 7:08 PM IST

वाराणसी में महिलाओं ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया. इस दौरान महिलाओं ने लंबे-लंबे घूंघट ओढ़ रखे थे. उनसे जब इसके बारे में पूछा गया, तो उनका कहना था कि हमें अपनी संस्कृति और परंपरा को नहीं भूलना चाहिए.

वाराणसी पंचायत चुनाव में 233 ग्राम प्रधान महिलाएं होंगी
वाराणसी पंचायत चुनाव में 233 ग्राम प्रधान महिलाएं होंगी

वाराणसी : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं का उत्साह देखते ही बना. वाराणसी में इस बार 233 गांवों में ग्राम प्रधान बनने के लिए महिलाएं संघर्ष कर रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने भी चूल्हा-चौका और खेत-खलिहान छोड़कर अपने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ कर गुजरने की खातिर अपने मताधिकार का प्रयोग करने की ठानी.

महिला मतदाताओं में उत्साह

गांव की सरकार में महिलाओं का दखल

दरअसल वाराणसी में पंचायत चुनाव में 233 गांव ऐसे हैं जिनकी ग्राम प्रधान महिलाएं चुनीं जाएंगी. पंचायती राज निदेशालय की तरफ से जिलेवार ग्राम प्रधानों के आरक्षण का खाका तैयार करने के बाद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए 8, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 46, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 66 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 116 सीटें आरक्षित की गई हैं.

बड़ों के सम्मान के साथ घूंघट संग संदेश देने की कोशिश

मतदान करने आई महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि उन्हें अपने क्षेत्र का विकास चाहिए. अच्छी सड़कें चाहिए. अच्छा पानी चाहिए. उनके बच्चों के लिए शिक्षा चाहिए.

इसे भी पढ़ें-प्राचीन संस्कृति और धरोहरों से परिपूर्ण है ये बनारस

वाराणसी : जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दौरान महिलाओं का उत्साह देखते ही बना. वाराणसी में इस बार 233 गांवों में ग्राम प्रधान बनने के लिए महिलाएं संघर्ष कर रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं ने भी चूल्हा-चौका और खेत-खलिहान छोड़कर अपने क्षेत्र के विकास के लिए कुछ कर गुजरने की खातिर अपने मताधिकार का प्रयोग करने की ठानी.

महिला मतदाताओं में उत्साह

गांव की सरकार में महिलाओं का दखल

दरअसल वाराणसी में पंचायत चुनाव में 233 गांव ऐसे हैं जिनकी ग्राम प्रधान महिलाएं चुनीं जाएंगी. पंचायती राज निदेशालय की तरफ से जिलेवार ग्राम प्रधानों के आरक्षण का खाका तैयार करने के बाद अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए 8, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 46, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 66 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 116 सीटें आरक्षित की गई हैं.

बड़ों के सम्मान के साथ घूंघट संग संदेश देने की कोशिश

मतदान करने आई महिलाओं का साफ तौर पर कहना है कि उन्हें अपने क्षेत्र का विकास चाहिए. अच्छी सड़कें चाहिए. अच्छा पानी चाहिए. उनके बच्चों के लिए शिक्षा चाहिए.

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Last Updated : Apr 19, 2021, 7:08 PM IST
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