वाराणसी: जिले में पंडित दीनदयाल उपाध्याय शोध पीठ, महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वाधान में वेबिनार का आयोजन किया गया. वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए भारत की विदेश नीति विषय पर इस वेबिनार में चर्चा की गई.
काशी विद्यापीठ में वेबिनार का आयोजन
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार के मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता राज्यसभा सांसद एमजे अकबर ने कहा कि विदेश नीति विदेश राजनीति नहीं है. अपितु यह एक नीति है, जिससे हम अपने पड़ोसियों एवं दूसरे राष्ट्र के साथ व्यवहार और संबंध बनाते हैं. पड़ोसी देशों को लेकर उन्होंने कहा कि पड़ोसी वह नहीं है, जिसके साथ हमारी भौतिक सीमा लगती हैं. आज के समय में पड़ोसी वे हैं, जिन तक हमारी सीधी पहुंच है. उन्होंने यह भी कहा कि भारत की विदेश नीति एक नए दौर में पहुंच चुकी है और अब वह एकपक्षीय नहीं बल्कि बहुपक्षीय हो गई है. संभावनाओं के नए दौर खुले हैं और बढ़ते आवगमन के दौर में सुंदर देश भी सुस्पष्ट विदेश नीति के कारण निकटस्व पड़ोसी बन गए हैं.
'वसुधैव कुटुम्बकम् हमारी पहचान'
अंतरराष्ट्रीय वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए महत्मा गांधी काशी विद्यापीठ वाराणसी के कुलपति प्रोफेसर टीएन सिंह ने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् अर्थात पूरा विश्व ही हमारा अपना है. इसके साथ उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान श्रीराम के द्वारा लंका पर विजय प्राप्त करने के बाद भी वहां का शासन विभीषण को सौंप देना, यही उदारता है. यह हमारी सभ्यता और संस्कृति में सार्वभौमिक स्वीकार्यता की नीति को प्रकाशित करता है.
अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी का संचालन आयोजन डॉ. पारिजात सौरभ एवं संयोजक डॉ. केके सिंह ने किया. अतिथियों का औपचारिक स्वागत प्रोफेसर निरंजन सहाय और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. ऊर्जस्विता सिंह ने किया.