वाराणसी: पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश का असर अब मैदानी इलाकों में भी दिखने लगा है. बीते कुछ दिनों से पहाड़ी इलाकों में बादल फटने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ रही है. जिसकी वजह से गंगा का जलस्तर 5 दिनों में दोगुने रफ्तार में बढ़ रहा है. जिसका सीधा असर वाराणसी में भी देखने को मिल रहा है. धर्म नगरी वाराणसी में घाटों का संपर्क जल्द टूटने वाला है. क्योंकि 5 दिनों के अंदर वाराणसी में गंगा का जलस्तर 3.19 मीटर तक बढ़ गया है. जिसकी वजह से गंगा अब घाटों की तरफ रुख कर रही है. तेजी से गंगा घाटों की सीढ़ियां चढ़ती हुई अब मुख्य घाटों तक आने पर अमादा है. हालात ये हैं कि गंगा किनारे कई मंदिर पानी में डूब चुके हैं और गंगा के बढ़ने का सिलसिला अभी भी जारी है. गंगा में बढ़ाव 3 सेमी प्रति घंटे की रफ्तार से हो रहा है.
केंद्रीय जल आयोग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों पर गौर करें तो वाराणसी में गंगा का वर्तमान जलस्तर 62.52 मीटर नोट किया गया है. 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में 2.04 मीटर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जो बीते 15 दिनों में अब तक की सबसे तेज जल स्तर की बढ़ोतरी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि पहाड़ों पर हो रही बारिश के साथ ही मैदानी इलाकों में भी हो रही बारिश का सीधा असर गंगा के जलस्तर में देखने को मिल रहा है.
गंगा के जलस्तर में हो रही बढ़ोतरी के बाद नाविकों को भी अब डर सताने लगा है. क्योंकि कोविड-19 के दौर में कई दिनों तक नौकाओं का संचालन बंद था. हाल ही में नौका संचालन शुरू हुआ और एक बार फिर से जलस्तर में हो रही तेजी से बढ़ोतरी की वजह से जल्द ही प्रशासनिक स्तर पर इस पर फिर से रोक लगाए जाने की संभावनाएं भी बढ़ गई हैं. यही वजह है कि नाविक समाज के लोग भी गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी से परेशान हैं. वहीं गंगा के तेजी से बढ़ रहे कदम की वजह से घाटों पर जीवन यापन करने वाले पुजारी से लेकर अन्य लोग भी और सुरक्षित ठिकानों की तलाश में जुट गए हैं.
ऐसे बढ़ा गंगा का जलस्तर
30 जुलाई 62.52 मीटर
29 जुलाई 60.48 मीटर
28 जुलाई 59.69 मीटर
27 जुलाई 59.47 मीटर
26 जुलाई 59.33 मीटर
इसे भी पढे़ं- वाराणसी: बाढ़ नियंत्रण को लेकर क्या है NDRF की तैयारी, जानिए