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बारिश से गंगा जल स्तर प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर बढ़ रहा - केंद्रीय जल आयोग

वाराणसी समेत आसपास के जनपदों में बारिश से गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 60 मीटर से ऊपर है.

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गंगा का जलस्तर
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Published : Jul 3, 2022, 8:51 PM IST

वाराणसीः मानसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ी इलाकों में बरसात शुरू हो गई है. जिसके कारण पहाड़ी इलाकों का पानी मैदान की ओर बढ़ने लगा है. जिसका परिणाम बढ़ते गंगा के जलस्तर के रूप में नजर आ रहा है. वाराणसी में भी गंगा प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है. यहां रविवार शाम तक गंगा का जलस्तर लगभग 60 मीटर से ऊपर दर्ज किया गया है.

वाराणसी समेत आसपास के जनपदों में बारिश से अन्य नदियों का पानी गंगा में आने लगा है, जिसके कारण जलस्तर बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग की माने तो गंगा 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 60 मीटर से ऊपर है. हालांकि राहत की बात यह है कि गंगा में हो रही बढ़ोतरी बहुत ही मामूली है, जिसकी वजह से अभी तक गंगा के तटवर्ती इलाके प्रभावित नहीं हुए हैं. नाविकों का कहना है कि आषाढ़ और सावन में आमतौर पर गंगा घटती और बढ़ती रहती है. लेकिन सावन के बाद भाद्र में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जाती है.

पढ़ेंः सावधान! बारिश के मौसम में हादसे से बचने के लिए सोच-समझकर वाहन से भरें रफ्तार

गौरतलब है कि वाराणसी में अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ 1978 में आई थी, जब गंगा का जलस्तर 73.90 मीटर पर पहुंच गया था. यह वाराणसी में बाढ़ का सबसे अधिक पैमाना माना जाता है. वहीं, 2019 में गंगा खतरे के निशान को पार कर के 71.46 मीटर पर बह रही थी.

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वाराणसीः मानसून की दस्तक के साथ ही पहाड़ी इलाकों में बरसात शुरू हो गई है. जिसके कारण पहाड़ी इलाकों का पानी मैदान की ओर बढ़ने लगा है. जिसका परिणाम बढ़ते गंगा के जलस्तर के रूप में नजर आ रहा है. वाराणसी में भी गंगा प्रति घंटा 3 सेंटीमीटर की रफ्तार से बढ़ रही है. यहां रविवार शाम तक गंगा का जलस्तर लगभग 60 मीटर से ऊपर दर्ज किया गया है.

वाराणसी समेत आसपास के जनपदों में बारिश से अन्य नदियों का पानी गंगा में आने लगा है, जिसके कारण जलस्तर बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग की माने तो गंगा 3 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रही है. वर्तमान में गंगा का जलस्तर 60 मीटर से ऊपर है. हालांकि राहत की बात यह है कि गंगा में हो रही बढ़ोतरी बहुत ही मामूली है, जिसकी वजह से अभी तक गंगा के तटवर्ती इलाके प्रभावित नहीं हुए हैं. नाविकों का कहना है कि आषाढ़ और सावन में आमतौर पर गंगा घटती और बढ़ती रहती है. लेकिन सावन के बाद भाद्र में गंगा के जलस्तर में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की जाती है.

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गौरतलब है कि वाराणसी में अब तक की सबसे बड़ी बाढ़ 1978 में आई थी, जब गंगा का जलस्तर 73.90 मीटर पर पहुंच गया था. यह वाराणसी में बाढ़ का सबसे अधिक पैमाना माना जाता है. वहीं, 2019 में गंगा खतरे के निशान को पार कर के 71.46 मीटर पर बह रही थी.

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