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काशी में हर घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ रहा गंगा का जलस्तर, नाविकों-पुरोहितों के रोजगार पर संकट

वाराणसी में गंगा नदी का जलस्तर हर घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ रहा है. जिसके चलते नाविकों और पुरोहितों के रोजगार पर संकट आ गया है. घाट पर खड़े होने और पूजा पाठ के लिए भी कोई जगह नहीं बची है.

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पुरोहितों के रोजगार पर संकट
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Published : Jul 13, 2023, 6:11 PM IST

वाराणसी में हर घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ रही गंगा

वाराणसी: प्रदेश के साथ अन्य राज्यो में लगातार हो रही बारिश से वाराणसी में गंगा नदी उफान पर है. बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा का जलस्तर सामान्य से करीब 3 मीटर ऊपर पहुंच गया है. ऐसे में घाट किनारे बने मंदिर पानी में डूब गए हैं. वहीं, घाट की सीढ़ियों पर पानी आने के कारण पंडित-पुरोहितों को काफी परेशानी हो रही है. इसके साथ ही बाढ़ के कारण इन लोगों के रोजगार पर भी संकट आ गया है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर जाने में परेशानी हो रही है.

घाट के किनारे मंदिर पानी में डूबे.
घाट के किनारे मंदिर पानी में डूबे.
बता दें कि गंगा के घाट पर मंदिर होने के कारण यहां पर काफी संख्या में लोग आते हैं. घाट किनारे सैकड़ों की संख्या में लोग रोजाना पूजा-पाठ कराने के लिए भी आते हैं. लेकिन घाट पर गंगा का पानी आने के कारण इन सब को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जहां एक और मंदिर पानी में डूबे हुए हैं तो दूसरी ओर घाट पर लगी सीढ़ियों पर भी पानी भर गया है. घाट पर खड़े होने और पूजा-पाठ के लिए कोई जगह नहीं बची है. जहां पर जगह है वहां से मंदिर काफी दूरी पर स्थित है.
लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर.
लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर.
दशाश्वमेध घाट हालात खराब: दशाश्वमेध घाट की हालत ये है कि मंदिर में पूजा करने के लिए कमर से ऊपर पानी में जाना पड़ रहा है. लोगों के पास सीढ़ियों पर पूजा-पाठ करने के लिए जगह नहीं बची है. यहां तक जो लोग सीढ़ियों पर फूल-माला बेचते थे, उनके रोजगार पर भी संकट आ गया है. लोग पूजा करने के लिए मंदिर जा नहीं रहे तो उनकी बिक्री बहुत कम हो गई है. वहीं पंडित-पुरोहितों का भी यही हाल है. उन्हें पूजा कराने के लिए घाट पर दिक्कत हो रही है. पानी की वजह से उन्हें अपना आसन घाट के ऊपर और फिर नीचे लेकर आना पड़ रहा है.
पानी में खड़े होकर पूजा करते श्रद्धालु.
पानी में खड़े होकर पूजा करते श्रद्धालु.
इसे भी पढ़े-कोर्ट ने कबीर मठ के महंत विवेकदास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश, जानिए क्या है मामला

रोजी-रोटी खतरे में चल रही: दशाश्वमेध घाट पर बैठने वाले पुरोहित पं. अमर उपाध्याय ने बताया कि घाट पर सारे मंदिर जलमग्न हो गए हैं. सारे मंदिर डूब गए हैं. हमें यहां से सारा सामान अपना हटाना पड़ता है. सामान को बार-बार घाट से ऊपर फिर घाट पर लेकर आना पड़ता है. एक और पुरोहित ने कहा कि इस समय रोजी-रोटी खतरे में चल रही है. अपने पटरे, पत्थर सब हटाकर ले जाना पड़ता है. पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है. जिसका रोजगार गंगा से जुड़ा है, सबको दिक्कत हो रही है. वो चाहे नाविक हों, फूल-माला वाले हों, सभी को परेशानी हो रही है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाविकों और पंडितों की मुश्किलें बढ़ीं.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाविकों और पंडितों की मुश्किलें बढ़ीं.
खतरे के निशान से 9 मीटर नीचे है गंगा: घाट पर रह रहे नाविकों का कहना है कि गंगा के जलस्तर बढ़ने की वजह से वाराणसी के घाट का आपसी संपर्क जल्द ही टूट सकता है. गंगा का जलस्तर अगर लगातार बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में नाव का संचालन बंद करना पड़ेगा. बता दें कि जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. अभी जलस्तर 61.33 मीटर पर पहुंच गया है.गौरतलब हो कि, वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से लगभग 9 मीटर नीचे बह रही है. बात गंगा के चेतावनी लेवल की करें तो यह 70.26 है, वहीं डेंजर लेवल 71.26 है. अभी तक वाराणसी में गंगा 73.78 मीटर तक सबसे ज्यादा बढ़ी है.यह भी पढ़े-अलीगढ़ में बाढ़ से परेशान लोग, प्रशासन पर झूठे आश्वासन का आरोप

वाराणसी में हर घंटे 1 सेंटीमीटर बढ़ रही गंगा

वाराणसी: प्रदेश के साथ अन्य राज्यो में लगातार हो रही बारिश से वाराणसी में गंगा नदी उफान पर है. बैराजों से छोड़े जा रहे पानी के कारण गंगा का जलस्तर सामान्य से करीब 3 मीटर ऊपर पहुंच गया है. ऐसे में घाट किनारे बने मंदिर पानी में डूब गए हैं. वहीं, घाट की सीढ़ियों पर पानी आने के कारण पंडित-पुरोहितों को काफी परेशानी हो रही है. इसके साथ ही बाढ़ के कारण इन लोगों के रोजगार पर भी संकट आ गया है. यहां आने वाले श्रद्धालुओं को भी मंदिर जाने में परेशानी हो रही है.

घाट के किनारे मंदिर पानी में डूबे.
घाट के किनारे मंदिर पानी में डूबे.
बता दें कि गंगा के घाट पर मंदिर होने के कारण यहां पर काफी संख्या में लोग आते हैं. घाट किनारे सैकड़ों की संख्या में लोग रोजाना पूजा-पाठ कराने के लिए भी आते हैं. लेकिन घाट पर गंगा का पानी आने के कारण इन सब को काफी परेशानी झेलनी पड़ रही है. जहां एक और मंदिर पानी में डूबे हुए हैं तो दूसरी ओर घाट पर लगी सीढ़ियों पर भी पानी भर गया है. घाट पर खड़े होने और पूजा-पाठ के लिए कोई जगह नहीं बची है. जहां पर जगह है वहां से मंदिर काफी दूरी पर स्थित है.
लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर.
लगातार बढ़ रहा है गंगा का जलस्तर.
दशाश्वमेध घाट हालात खराब: दशाश्वमेध घाट की हालत ये है कि मंदिर में पूजा करने के लिए कमर से ऊपर पानी में जाना पड़ रहा है. लोगों के पास सीढ़ियों पर पूजा-पाठ करने के लिए जगह नहीं बची है. यहां तक जो लोग सीढ़ियों पर फूल-माला बेचते थे, उनके रोजगार पर भी संकट आ गया है. लोग पूजा करने के लिए मंदिर जा नहीं रहे तो उनकी बिक्री बहुत कम हो गई है. वहीं पंडित-पुरोहितों का भी यही हाल है. उन्हें पूजा कराने के लिए घाट पर दिक्कत हो रही है. पानी की वजह से उन्हें अपना आसन घाट के ऊपर और फिर नीचे लेकर आना पड़ रहा है.
पानी में खड़े होकर पूजा करते श्रद्धालु.
पानी में खड़े होकर पूजा करते श्रद्धालु.
इसे भी पढ़े-कोर्ट ने कबीर मठ के महंत विवेकदास के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश, जानिए क्या है मामला

रोजी-रोटी खतरे में चल रही: दशाश्वमेध घाट पर बैठने वाले पुरोहित पं. अमर उपाध्याय ने बताया कि घाट पर सारे मंदिर जलमग्न हो गए हैं. सारे मंदिर डूब गए हैं. हमें यहां से सारा सामान अपना हटाना पड़ता है. सामान को बार-बार घाट से ऊपर फिर घाट पर लेकर आना पड़ता है. एक और पुरोहित ने कहा कि इस समय रोजी-रोटी खतरे में चल रही है. अपने पटरे, पत्थर सब हटाकर ले जाना पड़ता है. पेट के लिए सब कुछ करना पड़ता है. जिसका रोजगार गंगा से जुड़ा है, सबको दिक्कत हो रही है. वो चाहे नाविक हों, फूल-माला वाले हों, सभी को परेशानी हो रही है.

गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाविकों और पंडितों की मुश्किलें बढ़ीं.
गंगा का जलस्तर बढ़ने से नाविकों और पंडितों की मुश्किलें बढ़ीं.
खतरे के निशान से 9 मीटर नीचे है गंगा: घाट पर रह रहे नाविकों का कहना है कि गंगा के जलस्तर बढ़ने की वजह से वाराणसी के घाट का आपसी संपर्क जल्द ही टूट सकता है. गंगा का जलस्तर अगर लगातार बढ़ता रहा तो आने वाले दिनों में नाव का संचालन बंद करना पड़ेगा. बता दें कि जल आयोग के मुताबिक गंगा का जलस्तर 1 सेंटीमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से बढ़ रहा है. अभी जलस्तर 61.33 मीटर पर पहुंच गया है.गौरतलब हो कि, वाराणसी में गंगा खतरे के निशान से लगभग 9 मीटर नीचे बह रही है. बात गंगा के चेतावनी लेवल की करें तो यह 70.26 है, वहीं डेंजर लेवल 71.26 है. अभी तक वाराणसी में गंगा 73.78 मीटर तक सबसे ज्यादा बढ़ी है.यह भी पढ़े-अलीगढ़ में बाढ़ से परेशान लोग, प्रशासन पर झूठे आश्वासन का आरोप
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