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पानी के लिए मोहताज हो सकती है काशी की जनता! - वाराणसी मेें गर्मी

जिले में गर्मी के तांडव से गंगा नदी का जलस्तर घटता जा रहा है. पानी की कमी के चलते काशीवासियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आने वाले दिनों में बनारस में पानी नहीं बरसा, तो जलकल विभाग की तरफ से अलर्ट भी जारी किया जा सकता है.

गर्मी से घट रहा है गंगा का जलस्तर.
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Published : Jun 17, 2019, 7:09 PM IST

Updated : Jul 17, 2019, 1:13 PM IST

वाराणसी: तपती धूप और भीषण गर्मी का तांडव अपनी चरम सीमा पर है. भीषण गर्मी की ज्वाला ने देश की सबसे पवित्र नदी को अपनी आगोश में ले लिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं गंगा नदी की. जिसका जलस्तर दिनोंदिन गिरता जा रहा है और गंगा नदी तेजी के साथ घाट से दूर होती जा रही है.

गर्मी से घट रहा है गंगा का जलस्तर.

घाट पर लोगों को नहाने के लिए पानी की जगह केवल रेत दिखाई देती है. पीने के लिए पानी की मात्रा कम होती जा रही है. काशी के लोगों को आने वाले दिनों में पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. हालत यह है कि शहर के जलकल विभाग के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में स्थिति और ज्यादा गंभीर होने के अनुमान जाहिर किेये हैं.

आसमान से बरसते अंगारों ने शहर में पानी की सप्लाई करने वाली भदैनी वाटर स्टेशन के चार पंपों में से दो पंपों को बेकार बना दिया है. बचे हुए दो पंप भी काफी मुश्किल से चल रहे हैं. आने वाले दो तीन दिनों में बनारस में पानी नहीं बरसा तो हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं. ऐसे में काशी के लोगों की प्यास बुझानी मुश्किल हो सकती है.

गंगा के जलस्तर में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. अगर हम बीते छह दिनों की बात करें तो गंगा नदी का जलस्तर 58.29 मीटर से घटकर 57.99 मीटर तक पहुंच चुका है.

गंगा नदी में पानी नहीं है, जिसकी वजह से मशीन पानी नहीं उठा पा रही है. ऐसी स्थिति में पंप खराब होने का डर है.
संकठा प्रसाद, जलकल कर्मचारी

फिलहाल हालात से निपटने के लिये जलकल की तरफ से सिंचाई विभाग को कानपुर बैराज और उत्तराखंड से गंगा में पानी छोड़ने के लिये पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है.
नीरज गौड़, जीएम, जलकल विभाग

जल है तभी जीवन है. जरुरत है कि हम सब इस बात की अहमियत अभी से समझ लें और पूरी तन्मयता के साथ जल संरक्षण में जुट जाएं.
वाराणसी से ईटीवी भारत के लिये गोपाल मिश्रा की रिपोर्ट...

वाराणसी: तपती धूप और भीषण गर्मी का तांडव अपनी चरम सीमा पर है. भीषण गर्मी की ज्वाला ने देश की सबसे पवित्र नदी को अपनी आगोश में ले लिया है. जी हां, हम बात कर रहे हैं गंगा नदी की. जिसका जलस्तर दिनोंदिन गिरता जा रहा है और गंगा नदी तेजी के साथ घाट से दूर होती जा रही है.

गर्मी से घट रहा है गंगा का जलस्तर.

घाट पर लोगों को नहाने के लिए पानी की जगह केवल रेत दिखाई देती है. पीने के लिए पानी की मात्रा कम होती जा रही है. काशी के लोगों को आने वाले दिनों में पेयजल की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है. हालत यह है कि शहर के जलकल विभाग के अधिकारियों ने आने वाले दिनों में स्थिति और ज्यादा गंभीर होने के अनुमान जाहिर किेये हैं.

आसमान से बरसते अंगारों ने शहर में पानी की सप्लाई करने वाली भदैनी वाटर स्टेशन के चार पंपों में से दो पंपों को बेकार बना दिया है. बचे हुए दो पंप भी काफी मुश्किल से चल रहे हैं. आने वाले दो तीन दिनों में बनारस में पानी नहीं बरसा तो हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं. ऐसे में काशी के लोगों की प्यास बुझानी मुश्किल हो सकती है.

गंगा के जलस्तर में लगातार कमी दर्ज की जा रही है. अगर हम बीते छह दिनों की बात करें तो गंगा नदी का जलस्तर 58.29 मीटर से घटकर 57.99 मीटर तक पहुंच चुका है.

गंगा नदी में पानी नहीं है, जिसकी वजह से मशीन पानी नहीं उठा पा रही है. ऐसी स्थिति में पंप खराब होने का डर है.
संकठा प्रसाद, जलकल कर्मचारी

फिलहाल हालात से निपटने के लिये जलकल की तरफ से सिंचाई विभाग को कानपुर बैराज और उत्तराखंड से गंगा में पानी छोड़ने के लिये पत्र लिखा जा चुका है. लेकिन अभी तक इस मामले में कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला है.
नीरज गौड़, जीएम, जलकल विभाग

जल है तभी जीवन है. जरुरत है कि हम सब इस बात की अहमियत अभी से समझ लें और पूरी तन्मयता के साथ जल संरक्षण में जुट जाएं.
वाराणसी से ईटीवी भारत के लिये गोपाल मिश्रा की रिपोर्ट...

Intro:summary: वर्तमान में जो स्थिति है उसके मुताबिक शहर में पानी की सप्लाई देने के लिए गंगा में रा वॉटर इनटेक के लिए कम से कम 189 मीटर पानी की जरूरत होती है जो वर्तमान में 191 मीटर पर है और तेजी से कम हो रही है. इसलिए कुल मिलाकर हालात बहुत ही ज्यादा खराब हैं और यदि एक-दो दिन में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी नहीं हुई तो काशीवासी प्यासे रह सकते है.

वाराणसी: उत्तर भारत में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है और तेज गर्मी का सबसे बड़ा असर नगरी वाराणसी में देखने को मिला है यहां गर्मी की वजह से तेजी से कम हो रहे हैं गंगा के जलस्तर के कारण जहां घाटो पर खतरा मंडरा रहा है. वहीं अब आम पब्लिक को पानी की किल्लत का भी सामना करना पड़ रहा है हालात यह हो गए हैं कि जल कल विभाग की तरफ से गंगा में कम हो रहे वाटर लेवल के कारण लोगों से पानी बचाने की अपील करते हुए आने वाले दिनों में स्थिति के और गंभीर होने का अनुमान लगाया जा रहा है हालात कुछ ऐसे हो गए हैं कि अब पानी की सप्लाई करने वाले भदैनी वाटर स्टेशन पर मौजूद चार पंप में से 2 पंप ने काम करना भी बंद कर दिया है. इसके बाद अब यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आने वाले दिनों में गंगा किनारे बसे शहर बनारस में लोगों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

ओपनिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र


Body:वीओ-01 दरअसल गंगा के वाटर लेवल में लगातार कमी दर्ज की जा रही है अगर 8 जून से लेकर 13 जून तक गंगा के वाटर लेवल को लेकर आंकड़ों में बात की जाए तो 8 जून को 58.29, 9 जून को 58.28, 10 जून को 58.26, 11 जून को 58.24, 12 जून को 58.21 और 13 जून को 58.13 मीटर वाटर लेवल दर्ज किया गया है. जबकि 14 जून को 58.08, 15 जून 58.06 और 16 जून 57.99 मीटर वाटर लेवल दर्ज हुआ है. यानी कि 1 सप्ताह के अंदर में गंगा के वाटर लेवल में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है जिसकी वजह से हालात तेजी से बिगड़ रहे हैं और वाराणसी में पानी की आपूर्ति प्रभावित हो रही है वाराणसी के भदैनी वाटर स्टेशन पर गंगा से पानी खींच कर शहर में इसकी सप्लाई देने के लिए बनाए गए चार को में लगे चार पंप में से फिलहाल दो पंप काम कर रहे हैं जबकि दो पंप गंगा में पानी कम होने की वजह से काम करना बंद कर चुके हैं और बाकी दो पंप भी तेजी से कम हो रहे गंगा के जलस्तर की वजह से काफी मुश्किल से चलाए जा रहे हैं.

बाईट- संकठा प्रसाद, जलकल कर्मचारी


Conclusion:वीओ-02 इस बारे में जल कल के जीएम नीरज गौर का कहना है कि स्थिति अभी फिलहाल तो उतनी खराब नहीं है लेकिन यदि आने वाले एक-दो दिन में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी नहीं हुई और वाराणसी में पानी नहीं बरसा तो हालात और भी बेकाबू हो सकते हैं फिलहाल जलकल की तरह से सिंचाई विभाग को कानपुर बैराज और उत्तराखंड से गंगा में पानी छोड़ने के लिए लेटर लिखा जा चुका है जिसका अब तक कोई रिस्पांस नहीं आया है लेकिन माना जा रहा है एक-दो दिन में कुछ स्थिति बदली हुई दिखाई दे सकती है. वर्तमान में जो स्थिति है उसके मुताबिक शहर में पानी की सप्लाई देने के लिए गंगा में रो वॉटर इनटेक के लिए कम से कम 189 मीटर पानी की जरूरत होती है जो वर्तमान में 191 मीटर पर है और तेजी से कम हो रही है. इसलिए कुल मिलाकर हालात बहुत ही ज्यादा खराब हैं और यदि एक-दो दिन में गंगा के जलस्तर में बढ़ोतरी नहीं हुई तो काशीवासी प्यासे रह सकते है.

बाईट- नीरज गौड़, जीएम जल कल विभाग


क्लोजिंग पीटीसी- गोपाल मिश्र

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Last Updated : Jul 17, 2019, 1:13 PM IST
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