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आगरा में बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर बेच रहे थे नकली घी; पांच राज्यों के शहरों में हो रही थी सप्लाई, ऐसे हुआ खुलासा - AGRA NEWS

पुलिस ने छापा मारकर फैक्ट्री का किया पर्दाफाश, पांच लोग धरे गए.

जांच करते अधिकारी
जांच करते अधिकारी (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 2, 2025, 9:15 PM IST

आगरा : आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने नकली घी बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. इस फैक्ट्री में लंबे समय से देश के 18 बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर घी की पैकिंग की जाती थी. जिसके बाद यूपी के अलग-अलग जिलों के साथ ही राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में इसकी सप्लाई की जाती थी. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यूरिया, पॉम ऑयल और परफ्यूम समेत अन्य चीजों से नकली घी बनाया जाता था. महज 180 रुपये में नकली घी बनकर तैयार हो जाता था, जो बाजार में 650 रुपये 700 प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था. पुलिस के साथ ही खाद्य विभाग की टीम ने फैक्ट्री में बन रहे घी के सैंपल लिए हैं. जिनकी जांच कराई जाएगी. पुलिस ने मौके से पांच लोगों को पकड़ा है.

मामला ताजगंज थाना क्षेत्र के राजपुर चुंगी का है, जहां पर लंबे समय से नकली घी बनाने की शिकायत मिल रही थी. इसके बारे में खाद्य विभाग की टीम को कोई जानकारी नहीं थी. लगातार शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने फैक्ट्री में छापा मारा है. पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाया. मौके से करीब 2500 किलो रॉ मटेरियल और नकली घी बरामद किया है. कई बड़ी कंपनियों के नाम के स्टिकर भी मिले हैं. पुलिस ने फैक्ट्री से मैनेजर समेत पांच कारीगरों को हिरासत में लिया है. सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं. पुलिस को फैक्ट्री से मिले दस्तावेज में बड़े स्तर पर ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है, जिसकी छानबीन की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में कारीगरों और मैनेजर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने पुलिस को बताया कि जो नकली घी बनाते थे. उसमें वनस्पति घी, पॉम ऑयल, एसेंस और यूरिया मिलाया जाता था. नकली घी बनाने के लिए ये सभी पदार्थ मिलाकर एक बड़े कंटेनर में उबाले जाते थे. नकली बने घी को डिमांड के मुताबिक, 15 लीटर की टीन में भरके पैक किया जाता था. जैसे ही किसी का ऑर्डर आता था, उस ऑर्डर के हिसाब से इन पर लेबल चिपका दिए जाते थे. फैक्ट्री में 18 अलग-अलग ब्रांडों का नकली घी बनाकर उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में भेजा जाता था.



डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि पुलिस को फैक्ट्री में तीन गोदाम मिले हैं. एक गोदाम में नकली घी तो दूसरे गोदाम में रॉ मटेरियल था. तीसरे गोदाम में नकली घी बनाकर रखा था. यहीं से घी को सप्लाई किया जाता था. पहले टीन पर स्टिकर नहीं लगाते थे. ऑर्डर के हिसाब से कंपनी का स्टिकर लगाया जाता था. जिस फैक्ट्री में छापा मारा है, उसके मालिक का नाम नीरज अग्रवाल है. ये फैक्ट्री एक नाम से रजिस्टर्ड है. मालिक ने खुद के एक ब्रांड का रजिस्ट्रेशन करा रखा है. इसका लाइसेंस ग्वालियर से बना है. फैक्ट्री से रिफाइंड, पाम ऑयल, वनस्पति तेल, यूरिया और घी का एसेंस (परफ्यूम) मिला है. जिससे ही नकली घी बनाया जाता था.


इन पांच राज्यों में जाता था नकली घी : डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि लगातार इस फैक्ट्री से हर दिन माल बाहर भेजा जाता था. गुरुवार को फैक्ट्री से एक ब्रांड के नाम पर तैयार करके 50 टीन नकली घी ट्रक से मेरठ भेजा गया है. पुलिस की एक टीम ट्रक पकड़ने गई है. फैक्ट्री से मिले दस्तावेज में मिले हिसाब-किताब के मुताबिक, नकली घी बड़ी मात्रा में मेरठ, जयपुर, प्रयागराज, वाराणसी, हरियाणा का सिरसा, लखीमपुर, पूर्णिया बिहार, आगरा, गाजीपुर, बिजनौर के नजीबाबाद, रुद्रपुर, जम्मू, पारसपुर भेजा जाता था. ये सब एक डायरी में लिखा है.

यह भी पढ़ें : बच्चों को देशी घी खिलाने से पहले ये पढ़ें: ब्रांडेंड कंपनियों से एक्सपायरी घी खरीद नई पैकिंग में बेचते थे, ऐसे हुआ खुलासा - Action by food safety department - ACTION BY FOOD SAFETY DEPARTMENT

आगरा : आगरा कमिश्नरेट पुलिस ने नकली घी बनाने की फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है. इस फैक्ट्री में लंबे समय से देश के 18 बड़े ब्रांड का स्टिकर लगाकर घी की पैकिंग की जाती थी. जिसके बाद यूपी के अलग-अलग जिलों के साथ ही राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और उत्तराखंड में इसकी सप्लाई की जाती थी. पुलिस की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि यूरिया, पॉम ऑयल और परफ्यूम समेत अन्य चीजों से नकली घी बनाया जाता था. महज 180 रुपये में नकली घी बनकर तैयार हो जाता था, जो बाजार में 650 रुपये 700 प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा था. पुलिस के साथ ही खाद्य विभाग की टीम ने फैक्ट्री में बन रहे घी के सैंपल लिए हैं. जिनकी जांच कराई जाएगी. पुलिस ने मौके से पांच लोगों को पकड़ा है.

मामला ताजगंज थाना क्षेत्र के राजपुर चुंगी का है, जहां पर लंबे समय से नकली घी बनाने की शिकायत मिल रही थी. इसके बारे में खाद्य विभाग की टीम को कोई जानकारी नहीं थी. लगातार शिकायत के बाद स्थानीय पुलिस ने फैक्ट्री में छापा मारा है. पुलिस ने खाद्य विभाग की टीम को मौके पर बुलाया. मौके से करीब 2500 किलो रॉ मटेरियल और नकली घी बरामद किया है. कई बड़ी कंपनियों के नाम के स्टिकर भी मिले हैं. पुलिस ने फैक्ट्री से मैनेजर समेत पांच कारीगरों को हिरासत में लिया है. सभी के मोबाइल जब्त कर लिए गए हैं. पुलिस को फैक्ट्री से मिले दस्तावेज में बड़े स्तर पर ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है, जिसकी छानबीन की जा रही है.

पुलिस के मुताबिक, पूछताछ में कारीगरों और मैनेजर ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने पुलिस को बताया कि जो नकली घी बनाते थे. उसमें वनस्पति घी, पॉम ऑयल, एसेंस और यूरिया मिलाया जाता था. नकली घी बनाने के लिए ये सभी पदार्थ मिलाकर एक बड़े कंटेनर में उबाले जाते थे. नकली बने घी को डिमांड के मुताबिक, 15 लीटर की टीन में भरके पैक किया जाता था. जैसे ही किसी का ऑर्डर आता था, उस ऑर्डर के हिसाब से इन पर लेबल चिपका दिए जाते थे. फैक्ट्री में 18 अलग-अलग ब्रांडों का नकली घी बनाकर उत्तर भारत के अलग-अलग राज्यों में भेजा जाता था.



डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि पुलिस को फैक्ट्री में तीन गोदाम मिले हैं. एक गोदाम में नकली घी तो दूसरे गोदाम में रॉ मटेरियल था. तीसरे गोदाम में नकली घी बनाकर रखा था. यहीं से घी को सप्लाई किया जाता था. पहले टीन पर स्टिकर नहीं लगाते थे. ऑर्डर के हिसाब से कंपनी का स्टिकर लगाया जाता था. जिस फैक्ट्री में छापा मारा है, उसके मालिक का नाम नीरज अग्रवाल है. ये फैक्ट्री एक नाम से रजिस्टर्ड है. मालिक ने खुद के एक ब्रांड का रजिस्ट्रेशन करा रखा है. इसका लाइसेंस ग्वालियर से बना है. फैक्ट्री से रिफाइंड, पाम ऑयल, वनस्पति तेल, यूरिया और घी का एसेंस (परफ्यूम) मिला है. जिससे ही नकली घी बनाया जाता था.


इन पांच राज्यों में जाता था नकली घी : डीसीपी सिटी सूरज राय ने बताया कि लगातार इस फैक्ट्री से हर दिन माल बाहर भेजा जाता था. गुरुवार को फैक्ट्री से एक ब्रांड के नाम पर तैयार करके 50 टीन नकली घी ट्रक से मेरठ भेजा गया है. पुलिस की एक टीम ट्रक पकड़ने गई है. फैक्ट्री से मिले दस्तावेज में मिले हिसाब-किताब के मुताबिक, नकली घी बड़ी मात्रा में मेरठ, जयपुर, प्रयागराज, वाराणसी, हरियाणा का सिरसा, लखीमपुर, पूर्णिया बिहार, आगरा, गाजीपुर, बिजनौर के नजीबाबाद, रुद्रपुर, जम्मू, पारसपुर भेजा जाता था. ये सब एक डायरी में लिखा है.

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