वाराणसीः मां गंगा के तट पर बसा विश्व का सबसे प्राचीनतम शहर है काशी. इसकी सुंदरता इसके घाट से शुरू होती है. लगातार हो रही बारिश की वजह से गंगा के घाटों पर जलकुंभी गंगा में काफी मात्रा में आ गई हैं. इस समस्या पर ईटीवी भारत ने खबर दिखाई थी जिसका असर देखने को मिला है. जिला प्रशासन और नगर निगम ने घाटों पर जमा जलकुंभियों को हटाना शुरू कर दिया है. जलकुंभी की वजह से घाट की सुंदरता पर दाग जैसा दिख रहा था.
काशी के घाटों पर जलकुंभी की समस्या को ईटीवी भारत ने 11 जून को प्रमुखता से दिखाया था. इस पर संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन और नगर निगम ने जलकुंभियों को साफ करवाने का काम शुरू करावा दिया है. इससे नाविकों और सैलानियों को भी राहत मिली है. साथ ही घाट फिर से सुंदर दिखने लगे हैं.
11 जून को दिखाई गई थी खबर
काशी में मोक्ष दायिनी मां गंगा लॉकडाउन के दौरान प्रदूषण कम होने की वजह से साफ हुई हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में बारिश होने की वजह से अब जलकुंभी घाटों की सुंदरता को दाग लगा रही थी. घाटों पर अभी भी तमाम जलकुंभी देखी जा सकती है, लेकिन नगर निगम इन जलकुंभियों को घाटों से हटा रहा है.
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23 जून से वाराणसी के जिला अधिकारी ने नाव पर बैठकर नाव संचालन को फिर से शुरू कर दिया. इसके बाद अब सैलानी भी बनारस के घाटों पर पहुंचने लगे हैं. ऐसे में जलकुंभी से उनको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था, लेकिन नगर निगम के प्रयास से अब घाट पहले की तरह साफ नजर आ रहे हैं.