वाराणसीः जिले के विश्वनाथ धाम में हुए हादसे के बाद अब सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी का एक प्रतिनिधि मंडल अस्पताल पहुंचकर पीड़ितों का हाल जाना. इस दौरान कांग्रेस ने सरकार से मांग की कि मृतक के परिवारों को 25 लाख मुआवजा, एक व्यक्ति को नौकरी और घायलों को 5 लाख आर्थिक सहायता दी जाए.
घायलों को 5-5 लाख मुआवजा दे सरकार
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री अजय राय ने कहा कि पीड़ितों के सर पर पहाड़ टूट पड़ा है. इसलिए सरकार मृतकों को 25-25 लाख मुआवजा और मृतक आश्रितों को सरकारी नौकरी दी जाए. इसके अलावा घायलों को 5-5 लाख मुआवजा सरकार तत्काल प्रभाव से दे. उन्होंने कहा कि हादसे में शिकार लोग रोज की मेहनत ही इनकी जीविका है. ऐसे में मजदूरों को समुचित मुआवजा राशि देकर सरकार मदद करे.
प्रधानमंत्री की राजनिति को समझने लगा है हिंदू समाजः शानवाज आलम
इस मामले में अल्पसंख्यक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज आलम ने भी सरकार पर तंज कसा है. पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत दर्जनों प्राचीन मंदिरों को ध्वस्त किया गया है. जिसका हिंदू संगठनों और आम नागरिकों ने विरोध भी किया था. बावजूद निर्माण हो रहा है. इस कॉरिडोर में काम करने के लिए हिंदू मजदूरों का नहीं मिलना यह साबित करता है कि हिंदू समाज अब पीएम मोदी के सनातन धर्म विरोधी राजनीति को समझने लगा है. उन्होंने कहा कि कॉरिडोर का ठेका लेने वाली कंपनी को बंगाल के गरीब मुस्लिम मजदूरों से काम कराना पड़ रहा है. इस धर्मविरोधी काम के लिए कोई भी स्थानीय हिंदू मजदूर तैयार नहीं है. उन्होंने कहा कि पीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट में मजदूरी करने वालों को मानकों के हिसाब से रहने और सोने की सुविधा तक मुहैया नहीं है.
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दो मजदूरों की हुई है मौत
बता दें कि मंगलवार को सुबह विश्वनाथ कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित ललिता घाट पर जर्जर दो मंजिला गोयनका छात्रावास भरभराकर गिर गया. जहां मकान में नीचे कार्यदायी संस्था के सो रहे दो श्रमिकों की दबकर मौत हो गई और अन्य कई मजदूर घायल है. जिनका मण्डलीय अस्पताल में इलाज चल रहा है.