वाराणसी: 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता में आने के साथ ही उनके संसदीय क्षेत्र वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर विस्तारीकरण के तहत विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर का प्लान तैयार हुआ था. 8 मार्च 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना का शिलान्यास कर इसकी शुरुआत कर दी है. मंदिर प्रशासन के अनुसार इस सप्ताह से तकनीकि टीम मंदिर कॉरिडोर निर्माण कार्य शुरू करने के लिए मिट्टी की गुणवत्ता की जांच के साथ ही अंडर ग्राउंड वाटर लेवल की जांच करेगी.
इसके साथ ही राजकीय निर्माण निगम जिसे कार्यदाई संस्था बनाया गया है, उसके द्वारा निर्माण कार्य शुरू होगा. फर्स्ट फेज में 360 करोड़ रुपये की लागत से काम होना था. इन पैसों का इस्तेमाल विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के लिए जमीन उपलब्ध कराने के लिए लगभग 300 भवनों की खरीद-बिक्री में किया गया है. अब मंदिर प्रशासन को 110 करोड़ रुपये की और जरूरत है. मंदिर प्रशासन का कहना है कि इस राशि की जानकारी शासन को प्रेषित कर दी गई है और मार्च के अंत तक यह राशि मिलने के बाद काम में तेजी आएगी.
लगभग 7 लाख स्क्वायर फीट में बनने वाले विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर में ललिता घाट से लेकर विश्वनाथ मंदिर तक कॉरिडोर का निर्माण काम होना है. इसमें एक मंदिर चौक और दूसरा कॉरिडोर चौक विकसित करते हुए गेस्ट हाउस, हैंडलूम हाउस, पुजारी भवन, एडमिन कक्ष, सिक्योरिटी रूम, शौचालय, यात्री सुविधा केंद्र और यात्रियों के विश्राम के लिए जगह बनाई जानी है. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी विशाल सिंह का कहना है कि जल्द ही काम शुरू कर लिया जाएगा. निर्माण कार्य में तेजी लाने के लिए 110 करोड़ रुपये की मांग सरकार से की गई है जिसकी जल्द ही मिलने की उम्मीद है.
विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की निर्माण प्रक्रिया शुरू होने का सबसे बड़ा फायदा यहां आने वाले भक्तों को मिलने वाला है. एक तरफ जहां मंदिर परिसर में एक साथ 10 हजार लोग मौजूद होंगे, वहीं पूरे कॉरिडोर परिसर में लगभग 5 लाख लोग एक बार में आसानी से रह सकेंगे. मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी का कहना है कि कॉरिडोर का निर्माण कार्य इस सप्ताह शुरू करने के बाद आने वाले दो साल में इसका कार्य पूरा कर लिया जाएगा. अगले फेज कार्य में हेरिटेज जोन के डेवलपमेंट का काम होगा, जिसके तहत गलियों का सुंदरीकरण निर्माण के दौरान सामने आए 40 मंदिरों का सुंदरीकरण और घाटों का कायाकल्प करने का काम होगा.