वाराणसी: चैत्र शुक्ल प्रतिपदा संवत 2077 को काशी के केदार क्षेत्र स्थित श्री विघामठ में नव संवत्सरोत्सव आयोजित हुआ. यह आयोजन शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने किया.
ऐप से मिल सकेगा धार्मिक जिज्ञासाओं का समाधान
रविवार को पीयूष शुक्ला के द्वारा निर्मित PDS1008 ऐप का महाराज ने उद्घाटन किया. इस ऐप को प्ले स्टोर से किसी भी एन्ड्रॉइड मोबाइल पर डाउनलोड किया जा सकता है. इससे सभी सनातन धर्मावलंबी सीधे अविमुक्तेश्वरांनद सरस्वती से अपनी धार्मिक जिज्ञासाओं का समाधान पा सकते हैं.
परमधर्मसंसद वेबसाइट का उद्घाटन किया गया
इसके साथ ही परमधर्मसंसद वेबसाइट का उद्घाटन किया गया. सनातन वैदिक हिन्दू परमधर्मसंसद 1008 के वेबसाइट का उद्घाटन किया गया. इस वेबसाइट का निर्माण कोलकाता के अमित केशव गुप्ता ने किया और लोकार्पण हिमाचली पं.कंठिराम ने किया.
सनातनी पंचांग का विमोचन
प्रतिवर्ष शंकराचार्य घाट पर नव वर्ष के प्रथम सूर्य को अर्घ्य देकर उत्सव के वातावरण में सनातनी पंचांग का विमोचन सम्पन्न होता था .काशी के सबसे बडे कार्यक्रम के रूप में ख्याति प्राप्त प्रातर्मंगलम् के साथ ही यह सम्पन्न होता था. इस बार श्रीविद्यामठ में भगवती श्रीविद्याम्बा देवी की दिव्य सन्निधि में मठ परिसर में ही यह विमोचन कार्यक्रम सम्पन्न हुआ.
कोटिचण्डीसत्रयाग का आरम्भ
विश्वकल्याण कोटिचण्डीसत्रयाग का भी संकल्प लिया गया. इतनी बड़ी विभीषिका उसके निवारण के लिए उतने ही बड़े अनुष्ठान की आवश्यकता है. इसी पावन उद्देश्य से एक करोड़ चण्डी पाठ का संकल्प लेकर पाठ आरम्भ हुआ.
हम अपनी सनातन परम्पराओं का अपने जीवन में पालन करें
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि यह जरूरी नहीं कि हम बहुत बडा आयोजन ही करें. उससे भी अधिक जरूरी यह है कि हम अपनी सनातन परम्पराओं का अपने जीवन में पालन करें. कोरोना के कारण यह स्थिति बनी हुई है कि लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे. पर हम सबको इसके सकारात्मक पक्ष को भी देखना चाहिए. इसी बहाने लोग अपने घरों में अपने परिवार के साथ नव संवत्सरोत्सव मना पा रहे हैं.
सब मिलकर देवी की आराधना करें
भगवत्पाद आद्य शंकराचार्य जी ने कहा है कि आपत्ति के समय पराम्बा भगवती के चरणों का ध्यान किया जाए तो विपत्ति दूर हो जाती है. सौभाग्य से यह नवरात्र का समय देवी आराधना का ही है. इसलिए सब मिलकर देवी की आराधना करें और शीघ्र ही संकट दूर होने की कामना करें.