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बंगाली परंपरा के अनुसार काशी नगरी में 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम का आयोजन

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Published : Oct 20, 2019, 11:18 PM IST

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बंगीय समाज ने बंगाली परंपरा के अनुसार 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम का आयोजन किया. कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय कलाकार प्रोफेसर हरेकृष्ण हवलदार ने श्री खोल वादन की शानदार प्रस्तुति की.

बंगीय समाज ने किया 'विजया सम्मिलनी' आयोजित.

वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी कही जाने वाली काशी को नवरात्र के दिनों में मिनी बंगाल कहा जाता है. अगर बंगाल की बात करें तो बनारस में बंगाल की सारी परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. इसी के तहत रविवार को वाराणसी में बंगाली समाज ने कोलकाता की परंपरा अनुसार 'विजया सम्मिलनी' उत्सव का आयोजन किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय कलाकार हरेकृष्ण हलदार ने श्री खोल वादन की प्रस्तुति दी.

बंगीय समाज ने किया 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम का आयोजन.

'विजया सम्मिलनी' उत्सव का आयोजन
जिले के बंगाली टोला इंटर कॉलेज में बंगीय समाज ने बंगाली परंपरा के अनुसार 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम आयोजित किया. यह कार्यक्रम नवरात्र के बाद आयोजित किया जाता है. कार्यक्रम में सुप्रभात कलाकारों ने ढाक-ढोल के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी. वहीं इस शानदार प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए.

नवरात्र कार्यक्रम का समापन
देवाशीष दास ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, जो बंगाली समाज कोलकाता के तर्ज पर करता है. रविवार को अंतर्राष्ट्रीय कलाकार प्रोफेसर हरेकृष्ण हवलदार ने कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति की. इस कार्यक्रम के साथ ही मां के आशीर्वाद के साथ नवरात्र कार्यक्रम का समापन किया गया.

इसे भी पढ़ें- गोरखपुर: पिपराइच में सर्वप्रथम हुई थी दुर्गा प्रतिमा की स्थापना

वाराणसीः धर्म और अध्यात्म की नगरी कही जाने वाली काशी को नवरात्र के दिनों में मिनी बंगाल कहा जाता है. अगर बंगाल की बात करें तो बनारस में बंगाल की सारी परंपराओं का निर्वहन किया जाता है. इसी के तहत रविवार को वाराणसी में बंगाली समाज ने कोलकाता की परंपरा अनुसार 'विजया सम्मिलनी' उत्सव का आयोजन किया. कार्यक्रम में मुख्य रूप से अंतरराष्ट्रीय कलाकार हरेकृष्ण हलदार ने श्री खोल वादन की प्रस्तुति दी.

बंगीय समाज ने किया 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम का आयोजन.

'विजया सम्मिलनी' उत्सव का आयोजन
जिले के बंगाली टोला इंटर कॉलेज में बंगीय समाज ने बंगाली परंपरा के अनुसार 'विजया सम्मिलनी' कार्यक्रम आयोजित किया. यह कार्यक्रम नवरात्र के बाद आयोजित किया जाता है. कार्यक्रम में सुप्रभात कलाकारों ने ढाक-ढोल के माध्यम से शानदार प्रस्तुति दी. वहीं इस शानदार प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए.

नवरात्र कार्यक्रम का समापन
देवाशीष दास ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन किया है, जो बंगाली समाज कोलकाता के तर्ज पर करता है. रविवार को अंतर्राष्ट्रीय कलाकार प्रोफेसर हरेकृष्ण हवलदार ने कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुति की. इस कार्यक्रम के साथ ही मां के आशीर्वाद के साथ नवरात्र कार्यक्रम का समापन किया गया.

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Intro:धर्म और अध्यात्म की नगरी काशी यहां की परंपरा भी अनोखी है जैसा कि यहां का दुर्गा पूजा इतना खास होता है कि बनारस को नवरात्र में मिनी बंगाल कहा जाता है जब बंगाल की बात करें तो बनारस के बंगाल की सारी परंपराओं का निर्वहन किया जाता है इसी के तहत आज बंगाली समाज द्वारा कोलकाता की परंपरा अनुसार " विजया सम्मिलनी"उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप अंतरराष्ट्रीय कलाकार हरेकृष्ण हलदार श्री खोल वादन प्रस्तुत किया।


Body:जिले के बंगाली टोला इंटर कॉलेज में बंगीय समाज द्वारा आयोजित" विजया सम्मिलनी" कार्यक्रम से एक तरह बंगाल के परंपरा के अनुसार आज दुर्गा पूजा का जो कार्यक्रम होता है उसका विदाई होता है सारे लोग मिलते हैं ऐसे में सुप्रभात कलाकारों द्वारा प्रस्तुति किया गया। ढाक -ढोल की शानदार प्रस्तुति से दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए इनके सहयोगी कलाकारों ने भी शानदार प्रस्तुति दिया।


Conclusion:देवाशीष दास ने बताया हम लोग दुर्गा पूजा के बाद इस कार्यक्रम का आयोजन करते हैं जो बंगाली समाज कोलकाता के तर्ज पर करता है आज हमारे बीच अंतर्राष्ट्रीय कलाकार प्रोफेसर हरेकृष्ण हवलदार ने शानदार प्रस्तुति किया इस कार्यक्रम के साथ ही हम मां के आशीर्वाद के साथ नवरात्रि कार्यक्रम का समापन करते हैं।

बाईट :-- देवाशीष दास, सचिव, बंगीय समाज,

आशुतोष उपाध्याय,वाराणसी

9005099684
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