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गंगा के बाद अब वरुणा ने दिखाया रौद्र रूप, पलायन करने को मजबूर हुए लोग

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में नदियों का जलस्तर बढ़ने से लोगों को घरों में पानी घुस रहा है. इससे लोग पलायन करने को मजबूर हो गए. इसके साथ ही किसानों की तैयार फसल भी बर्बाद हो रही है.

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Published : Sep 16, 2019, 1:51 PM IST

varuna river water level increased very fast

वाराणसी: काशी में लगातार नदियाें का जलस्तर बढ़ने से लोगों के पलायन की खबरें सामने आ रही हैं. जहां एक तरफ गंगा रौद्र रूप में आ चुकी हैं तो वहीं दूसरी तरफ वरुणा नदी में भी बाढ़ के कारण लगभग 100 बीघे से अधिक लगी फसल को नुकसान हुआ है. लोगों ने अपने घरों से पलायन करना शुरू कर दिया है. वरुणा नदी के किनारे किसानों की लगी फसल जिसमें सब्जी, धान, तिल, सनई जैसी कई फसलें थी. बाढ़ के पानी के चपेट में आने के बाद सब बर्बाद हो चुकी हैं. सैकड़ों किसान परेशान हैं और अपने रोजगार के लिए कोई और जगह या साधन ढूंढ रहे हैं.

वाराणसी में नदियों का लगातार बढ़ रहा है जलस्तर.
  • प्रशासन की तरफ से भी चेतावनी जारी कर दी गई है.
  • गौरतलब है कि गंगा 21 अगस्त को सबसे अधिक बढ़ाव का रिकॉर्ड तोड़ कर 70 मीटर के पार पहुंच चुकी हैं.
  • अब खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर प्रति रफ्तार से बढ़ रही हैं.
  • इसका सीधा असर वरुणा नदी पर भी दिखाई दे रहा है.
  • वरुणा के बढ़ते जलस्तर से आसपास के रिहायशी इलाकों से लोग पलायन करने लगे हैं.
  • सलारपुर क्षेत्र में 25 परिवारों के लगभग 200 लोग मकान छोड़कर किराए के मकान में रहने को मजबूर हो गए हैं.

सैकड़ों लोगों के घर में पानी घुस चुका है. इसके कारण तैयार खड़ी फसलों को नुकसान हो गया है. सैकड़ों बीघा फसलें खराब हो चुकी हैं.
-मलखान सिंह, निवासी

वरुणा भी गंगा नदी की तरह ही खतरे के निशान की तरफ काफी तेजी से बढ़ रही हैं और अगर ऐसा लगातार होता रहा तो शहर में स्थिति काफी खराब हो जाएगी.
-गोपाल यादव, प्रधान प्रतिनिधि

वाराणसी: काशी में लगातार नदियाें का जलस्तर बढ़ने से लोगों के पलायन की खबरें सामने आ रही हैं. जहां एक तरफ गंगा रौद्र रूप में आ चुकी हैं तो वहीं दूसरी तरफ वरुणा नदी में भी बाढ़ के कारण लगभग 100 बीघे से अधिक लगी फसल को नुकसान हुआ है. लोगों ने अपने घरों से पलायन करना शुरू कर दिया है. वरुणा नदी के किनारे किसानों की लगी फसल जिसमें सब्जी, धान, तिल, सनई जैसी कई फसलें थी. बाढ़ के पानी के चपेट में आने के बाद सब बर्बाद हो चुकी हैं. सैकड़ों किसान परेशान हैं और अपने रोजगार के लिए कोई और जगह या साधन ढूंढ रहे हैं.

वाराणसी में नदियों का लगातार बढ़ रहा है जलस्तर.
  • प्रशासन की तरफ से भी चेतावनी जारी कर दी गई है.
  • गौरतलब है कि गंगा 21 अगस्त को सबसे अधिक बढ़ाव का रिकॉर्ड तोड़ कर 70 मीटर के पार पहुंच चुकी हैं.
  • अब खतरे के निशान से दो सेंटीमीटर प्रति रफ्तार से बढ़ रही हैं.
  • इसका सीधा असर वरुणा नदी पर भी दिखाई दे रहा है.
  • वरुणा के बढ़ते जलस्तर से आसपास के रिहायशी इलाकों से लोग पलायन करने लगे हैं.
  • सलारपुर क्षेत्र में 25 परिवारों के लगभग 200 लोग मकान छोड़कर किराए के मकान में रहने को मजबूर हो गए हैं.

सैकड़ों लोगों के घर में पानी घुस चुका है. इसके कारण तैयार खड़ी फसलों को नुकसान हो गया है. सैकड़ों बीघा फसलें खराब हो चुकी हैं.
-मलखान सिंह, निवासी

वरुणा भी गंगा नदी की तरह ही खतरे के निशान की तरफ काफी तेजी से बढ़ रही हैं और अगर ऐसा लगातार होता रहा तो शहर में स्थिति काफी खराब हो जाएगी.
-गोपाल यादव, प्रधान प्रतिनिधि

Intro:वाराणसी। बनारस में लगातार नदियां बढ़ने से लोगों के पलायन की खबरें सामने आ रही है जहां एक तरफ गंगा रौद्र रूप में आ चुकी है तो वहीं दूसरी तरफ वरुणा नदी में भी बाढ़ के कारण लगभग 100 बीघे से अधिक लगी और तैयार फसल को नुकसान हुआ है और उसके साथ ही लोगों ने अपने घरों से पलायन करना शुरू कर दिया है। हरहुआ क्षेत्र के कई इलाकों में वरुणा नदी में आई बाढ़ की वजह से लगभग 100 बीघे से ज्यादा तैयार फसल का नुकसान हुआ है और नदी के किनारे किसानों की लगी फसल जिसमें सब्जी, धान, तिल, सनई और इस जैसी कई फसलें थी, बाढ़ के पानी के चपेट में आने के बाद बर्बाद हो चुकी है। सैकड़ों किसान परेशान हैं और अपने रोजगार के लिए कोई और जगह और साधन ढूंढ रहे हैं। फिलहाल बढ़ते पानी ने जनजीवन की मुश्किल है बढ़ा दी है और इस समय वरुणा भी एक भयानक रूप ले चुकी है।Body:VO1: गंगा के प्रलय से वरुणा भी उफान पर है और तटीय इलाके में लोगों ने घर छोड़कर सुरक्षित ठिकानों की ओर रुख कर लिया है, तो वहीं प्रशासन की तरफ से भी चेतावनी जारी कर दी गई है। गौरतलब है कि गंगा 21 अगस्त को सबसे अधिक बढ़ाव का रिकॉर्ड तोड़ कर 70 मीटर के पार पहुंच चुकी है और खतरे के निशान से 2 सेंटीमीटर प्रति रफ्तार से बढ़ रही है और इसका सीधा असर बनारस की वरुणा नदी पर भी दिखाई दे रहा है। वरुणा के बढ़ते जलस्तर से आसपास के रिहायशी इलाकों से लोग पलायन करने लगे हैं। वरुणा का पानी अब लोगों के घरों में घुसने लगा है। सलारपुर क्षेत्र में 25 परिवारों के लगभग 200 लोग मकान छोड़कर किराए के मकान में रहने को मजबूर हो गए तो वहीं दर्जनों लोगों के घरों में वरुणा का पानी घुस गया है। कोनिया से लेकर चौकाघाट के बीच तटवर्ती इलाकों में सैकड़ों घरों में वरुणा नदी का पानी घुस गया है। अधिकांश लोग चोरी के भय से निचले तल को खाली करके ऊपरी मंजिल पर रह रहे हैं। जिन लोगों के घर नीचे तटवर्ती इलाकों पर आते हैं वह लोग अपने घरों को छोड़कर अब किराए के घरों में रहने को मजबूर हो गए हैं। वरुणा नदी के इस रूप से न सिर्फ आम जनजीवन बल्कि फसलों को भी खासा नुकसान पहुंच रहा है।

बाइट: गोपाल यादव, प्रधान प्रतिनिधि, मलखान सिंह तहसील पिंडरा (वरुणा किनारे के निवासी)Conclusion:VO2: वरुणा किनारे रहने वाले लोगों का कहना है कि सैकड़ों लोगों के घर में पानी घुस चुका है। जिसके कारण तैयार खड़ी फसलों को नुकसान हो गया है। गांव के लोग कहते हैं कि सैकड़ों टन फसलें खराब हो चुकी है। लोगों को घरों से निकलने और घरों में रहने दोनों की ही तकलीफ है। पहनने ओढ़ने के लिए कपड़े भी बाढ़ के पानी में खराब हो गए हैं और इसके साथ ही लोग या तो ऊपरी तल पर रहने को मजबूर है या पलायन करने को।बनारस के लोगों का कहना है कि वरुणा गंगा नदी की तरह ही खतरे के निशान की तरफ काफी तेजी से बढ़ रही है और अगर ऐसा लगातार होता रहता है तो शहर में स्थिति काफी खराब हो जाएगी।
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