वाराणसी: विजयादशमी पर एक ओ जहां दुर्गा माता का विसर्जन किया जा रहा है. वहीं, दूसरी तरफ उनकी विदाई की तैयारी की जा रही है. इससे पहले महिलाओं ने बंगाली परंपरा के अनुसार 'सिंदूर खेला' किया. पांडालों में पहुंचकर महिलाओं ने उत्साह के साथ विसर्जन से पहले माता को सिंदूर लगाने के बाद आपस में सिंदूर लगाकर अखंड सौभाग्य की कामना की. इस दौरान महिलाओं ने एक दूसरे के लिए अच्छी कामनाएं कीं और माता के जयकारे लगाए.
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हर साल महिलाएं करती हैं सिंदूर खेला: महिलाओं ने कहा कि माता के जाने का दुख तो हमें रहता ही है. लेकिन, अगले साल फिर माता के आने को लेकर हम खुश भी रहते हैं. दोबारा हम लोग इस तरह से सजेंगे. हम सबसे अधिक सिंदूर लगाने के दिन का इंतजार करते हैं. इसमें कोई किसी को जानता नहीं है, लेकिन फिर भी एक दूसरे को सिंदूर लगाकर इस उत्सव को मनाते हैं. ये सबसे बड़ी विशेषता होती है. हर साल हम इस परंपरा को निभाते हैं. महिलाओं ने बताया कि सुहागिनें माता को सिंदूर लगाती हैं. इसके बाद एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं. इसके बाद मां की विदाई की जाती है. हम माता से मांगते हैं कि घर परिवार के साथ सुहाग की रक्षा करें.
प्रशासन ने किए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम: वाराणसी में शाम 4 बजे से कुंड तालाब में प्रतिमाएं विसर्जित होनी शुरू हो जाएंगी. कई स्थानों सुबह से ही पंडालों में भीड़ लगने लगी है. माता की विशाल प्रतिमाओं को कुंड पर ले जाने के लिए तैयारी शुरू हो गई है. सिगरा स्थित भारत सेवा श्रम में सबसे पहले माता की प्रतिमा को अपने स्थान से खिसकाया गया. इस दौरान भक्त काफी संख्या में मौजूद थे. वहीं, प्रशासन ने मूर्तियों के विसर्जन को लेकर तैयारियां कर ली हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. शहर भर में करीब एक दर्जन से अधिक तालाबों में विसर्जन की व्यवस्था बनाई गई है. पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगा दी गई है.
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