वाराणसी : कोविड-19 की पहली लहर जब मार्च 2020 के बाद शुरू हुई तो पूरे देश की रफ्तार थम गई. मार्च, अप्रैल, मई, जून, जुलाई या यूं कहिए कि 2021 का इसका पूरा साल कोविड संक्रमण की वजह से बर्बाद हो गया. इस दौरान सबसे बुरे हालात पर्यटन उद्योग का हुआ. क्योंकि एक दूसरे शहर में जाने पर प्रतिबंध लग गया और लोग भी अपनी जान को जोखिम में नहीं डालना चाहते थे. हालांकि, दिसंबर के बाद चीजें सामान्य होना शुरू हुईं और मार्च 2021 तक धीरे-धीरे पर्यटन उद्योग रफ्तार पकड़ने लगा. लेकिन, अप्रैल में फिर से कोविड-19 की दूसरी लहर की शुरुआत हुई और इस बार हालात 2020 से भी बदतर थे. यही वजह है कि अप्रैल से लेकर मई-जून तक स्थिति फिर से बिगड़ गई. इस दौरान पर्यटन उद्योग बर्बादी की कगार पर आ गया, लेकिन अब अच्छी खबर आई है. लंबे वक्त के बाद वाराणसी के पर्यटन ने एक बार फिर रफ्तार पकड़ी है और धर्मनगरी वाराणसी जिसे पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थल माना जाता है वहां पर्यटकों की आमद तेजी से बढ़ रही है. 2021 जुलाई से यहां आने वाले सैलानियों के आंकड़े तेजी से सुधरने लगा है. जिसकी वजह से पर्यटन कारोबार अब एक बार फिर पटरी पर लौट रहा है.
20 से 25 परसेंट की ग्रोथ
पर्यटन विभाग की तरफ से मिले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो अप्रैल के बाद पर्यटन कारोबार में लगभग 80% की गिरावट दर्ज की गई थी जो जुलाई के महीने से 800% की ग्रोथ के साथ तेजी से ऊपर चढ़ा है. पर्यटन अधिकारी की मानें तो महज 2 महीने में लगभग 20 से 25% का इजाफा पर्यटन कारोबार में हुआ है और तेजी से लोकल सैलानियों के आने की वजह से बनारस में पर्यटन का स्तर एक बार फिर से सुधरने लगा है. बाजारों में भी भीड़ है और पर्यटन स्थलों पर भी.
पर्यटन विभाग से मिले आंकड़ों पर यदि गौर करें तो जनवरी के महीने में जहां 20698 पर्यटक वाराणसी आए थे तो वहीं फरवरी में यह संख्या घटकर 17001 हो गई थी. मार्च के महीने में संख्या एक बार फिर से बढ़ी. होली की वजह से वाराणसी में मस्ती मजाक करने के लिए 20424 पर्यटक पहुंचे, लेकिन अप्रैल में कोविड-19 की लहर की शुरुआत और आंशिक लॉकडाउन ने 17653 पर्यटकों को ही काशी आने दिया और जब कोरोना की दूसरी लहर अपनी चरम पर हुई तो पर्यटकों की संख्या अचानक से गिरकर 2093 पर पहुंच गई. यानी लगभग 80% की गिरावट जनवरी से मई के महीने में देखने को मिली, लेकिन कोविड-19 के सामान्य होने के साथ ही लोकल टूरिज्म मजबूत होता गया और 16385 पर्यटक जून के महीने में काशी पहुंचे. हालांकि अब स्थिति सामान्य होने लगी है. जिसके बाद जुलाई के महीने में 32183 सैलानी वाराणसी आ चुके हैं. अगस्त के महीने में भी अब तक लगभग 35000 से ज्यादा पर्यटक वाराणसी आए हैं और सितंबर में भी शुरुआत अच्छी हो चुकी है.
पर्यटन करोबार के जल्द पटरी पर लौटेन की उम्मीद
यानी कुल मिलाकर अब पर्यटन उद्योग पटरी पर लौट कर आने लगा है. पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव का कहना है कि पर्यटन कारोबार का पटरी पर आना बेहद जरूरी है, क्योंकि इससे जुड़े होटल इंडस्ट्री रेस्टोरेंट कारोबारी और व्यापारी वर्ग बनारस में पूरी तरह से पर्यटन पर निर्भर हैं. बनारस की 80% से ज्यादा जीडीपी पर्यटन पर निर्भर करती है और लगातार दो साल से पर्यटन का नीचे जाना यहां की जीडीपी को प्रभावित कर रहा था. हालांकि अब चीजें पटरी पर लौटने लगी हैं और उम्मीद है कि देव दीपावली तक बनारस का पर्यटन कारोबार पूरी तरह से सामान्य हो जाएगा, क्योंकि अब तक जनवरी से लेकर जुलाई के महीने तक काशी में 555 विदेशी सैलानी भी आ चुके हैं. यानी बनारस में देशी और विदेशी सैलानियों का आना शुरू हो चुका है, जो यह संकेत दे रहा है कि पर्यटन कारोबार अब धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रहा है और उम्मीद है कि चीजें जल्द ही सामान्य हो जाएंगी.
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2021 में काशी आने वाले पर्यटकों की संख्या
महीना | पर्यटकों की संख्या |
जनवरी | 20,698 |
फरवरी | 17,001 |
मार्च | 20,424 |
अप्रैल | 17,653 |
मई | 2,093 |
जून | 16,385 |
जुलाई | 32,183 |
अगस्त | 34,289 |
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2020 में काशी आने वाले पर्यटकों की संख्या
महीना | पर्यटकों की संख्या |
---|---|
जनवरी | 10,06,737 |
फरवरी | 9,69,425 |
मार्च | 7,31,621 |
अप्रैल | 0 |
मई | 0 |
जून | 8,946 |
जुलाई | 33,970 |
अगस्त | 37,661 |