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Varanasi : काशी के मोर्चरी हाउसों में दबाव कम हुआ तो सुधरने लगी व्यवस्था

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मर्चरी हाउस के केयरटेकर बनारसी ने बताया कि मर्चरी हाउस में के कोल्ड चेंबर भी पर्याप्त मात्रा में है. इससे शव को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. कहा कि कोरोना काल में कुछ दिन पहले तक शवों की संख्या अत्यधिक होने से स्थितियां काफी बदतर हो गयी थीं.

Varanasi : काशी के मोर्चरी हाउसों में दबाव कम हुआ तो सुधरने लगी व्यवस्था
Varanasi : काशी के मोर्चरी हाउसों में दबाव कम हुआ तो सुधरने लगी व्यवस्था
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Published : Jun 4, 2021, 8:39 AM IST

Updated : Jun 4, 2021, 1:32 PM IST

वाराणसी : कोरोना संक्रमण के दौरान निजी अस्पतालों की मनमानी अपने चरम पर थी. ऐसे में शासन-प्रशासन द्वारा मनमानी रोकने के साथ सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाओं व व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कवायद की जा रही थी. इसी क्रम में मर्चरी हाउस को भी सुविधाओं से लैस करने की बात की गई थी. वर्तमान समय में मर्चरी हाउस की क्या स्थिति है, किस तरीके से वहां शवों का रखरखाव किया जाता है, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की. एक रिपोर्ट..

Varanasi : काशी के मोर्चरी हाउसों में दबाव कम हुआ तो सुधरने लगी व्यवस्था

शवों की संख्या अधिक हुई तो बदतर हो गयी स्थिति

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मर्चरी हाउस के केयरटेकर बनारसी ने बताया कि मर्चरी हाउस में के कोल्ड चेंबर भी पर्याप्त मात्रा में है. इससे शव को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. कहा कि कोरोना काल में कुछ दिन पहले तक शवों की संख्या अत्यधिक होने से स्थितियां काफी बदतर हो गयी थीं. हालांकि स्थितियां बेहतर होते ही व्यवस्थाएं संभलने लगी हैं. कहा कि यदि कोई कोरोना संक्रमित शव आता है तो उसे पीपीई किट में ही रखा जाता है. उसके बाद जैसा शासन का निर्देश होता है, शव का अंतिम संस्कार कराया जाता है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में बीमारी से ग्रसित युवक ने गोली मारकर की आत्महत्या

कोरोना संक्रमित शव की अलग व्यवस्था

शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के एसआईसी प्रसन्ना कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोर्चरी हाउस के रखरखाव की व्यवस्थाओं को दिन-प्रतिदिन बेहतर कराया जा रहा है. बताया कि हमारे अस्पताल में मोर्चरी हाउस की देखभाल इमरजेंसी के स्टाफ करते हैं. पहले हमारे यहां जरूर डीप फ्रीजर की कमी थी लेकिन बीते दिनों रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा हमें 4 नए डीप फ्रीजर मिले हैं. इससे हमारी वह समस्या भी समाप्त हो गई है. बताया कि सामान्य शवों के अपेक्षा कोरोना संक्रमित शवों के लिए अलग व्यवस्था हैं.

संक्रमण काल में बढ़ी थी शवों की संख्या

बता दें कि जब वाराणसी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब अपनी पीक पर थी, उस दौरान संक्रमण के साथ-साथ मृतक आंकड़े में भी इजाफा हो रहा था. इसके कारण मोर्चरी हाउस में शवों की कतार लगी हुई थी. इसमें कोरोना संक्रमित लोगों के साथ-साथ अन्य घटना दुर्घटना के शव भी रखे जाते थे. हालांकि जब संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो मौत के आंकड़े भी कम हुए. इसके कारण अब स्थिति सामान्य हो गई है. पहले जहां 18 से 20 शव हाउस में प्रतिदिन रखे जाते थे, वहां अब महज पांच-सात शव ही प्रतिदिन रखे जाते हैं.

वाराणसी : कोरोना संक्रमण के दौरान निजी अस्पतालों की मनमानी अपने चरम पर थी. ऐसे में शासन-प्रशासन द्वारा मनमानी रोकने के साथ सरकारी अस्पतालों की स्वास्थ्य सुविधाओं व व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने की कवायद की जा रही थी. इसी क्रम में मर्चरी हाउस को भी सुविधाओं से लैस करने की बात की गई थी. वर्तमान समय में मर्चरी हाउस की क्या स्थिति है, किस तरीके से वहां शवों का रखरखाव किया जाता है, इसे लेकर ईटीवी भारत की टीम ने पड़ताल की. एक रिपोर्ट..

Varanasi : काशी के मोर्चरी हाउसों में दबाव कम हुआ तो सुधरने लगी व्यवस्था

शवों की संख्या अधिक हुई तो बदतर हो गयी स्थिति

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के मर्चरी हाउस के केयरटेकर बनारसी ने बताया कि मर्चरी हाउस में के कोल्ड चेंबर भी पर्याप्त मात्रा में है. इससे शव को सुरक्षित रखने में मदद मिलती है. कहा कि कोरोना काल में कुछ दिन पहले तक शवों की संख्या अत्यधिक होने से स्थितियां काफी बदतर हो गयी थीं. हालांकि स्थितियां बेहतर होते ही व्यवस्थाएं संभलने लगी हैं. कहा कि यदि कोई कोरोना संक्रमित शव आता है तो उसे पीपीई किट में ही रखा जाता है. उसके बाद जैसा शासन का निर्देश होता है, शव का अंतिम संस्कार कराया जाता है.

यह भी पढ़ें : वाराणसी में बीमारी से ग्रसित युवक ने गोली मारकर की आत्महत्या

कोरोना संक्रमित शव की अलग व्यवस्था

शिव प्रसाद गुप्त मंडलीय अस्पताल के एसआईसी प्रसन्ना कुमार ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा मोर्चरी हाउस के रखरखाव की व्यवस्थाओं को दिन-प्रतिदिन बेहतर कराया जा रहा है. बताया कि हमारे अस्पताल में मोर्चरी हाउस की देखभाल इमरजेंसी के स्टाफ करते हैं. पहले हमारे यहां जरूर डीप फ्रीजर की कमी थी लेकिन बीते दिनों रेड क्रॉस सोसाइटी के द्वारा हमें 4 नए डीप फ्रीजर मिले हैं. इससे हमारी वह समस्या भी समाप्त हो गई है. बताया कि सामान्य शवों के अपेक्षा कोरोना संक्रमित शवों के लिए अलग व्यवस्था हैं.

संक्रमण काल में बढ़ी थी शवों की संख्या

बता दें कि जब वाराणसी में कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर जब अपनी पीक पर थी, उस दौरान संक्रमण के साथ-साथ मृतक आंकड़े में भी इजाफा हो रहा था. इसके कारण मोर्चरी हाउस में शवों की कतार लगी हुई थी. इसमें कोरोना संक्रमित लोगों के साथ-साथ अन्य घटना दुर्घटना के शव भी रखे जाते थे. हालांकि जब संक्रमण की रफ्तार कम हुई तो मौत के आंकड़े भी कम हुए. इसके कारण अब स्थिति सामान्य हो गई है. पहले जहां 18 से 20 शव हाउस में प्रतिदिन रखे जाते थे, वहां अब महज पांच-सात शव ही प्रतिदिन रखे जाते हैं.

Last Updated : Jun 4, 2021, 1:32 PM IST
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