वाराणसी: एक तरफ वैश्विक महामारी कोरोना का कहर तो दूसरी तरफ गर्मी का प्रकोप. कुछ ऐसा ही आलम इन दिनों देश के अधिकांश शहरों में देखने को मिल रहा है. इस तपिश में धर्मनगरी वाराणसी भी इससे अछूती नहीं हैं, क्योंकि यहां बीते चार दिनों से गर्मी ने कहर ढा रखा है. 41 डिग्री से लेकर 45 डिग्री के बीच तापमान बना हुआ है. लगातार बढ़ रही गर्मी और तेज धूप की वजह से हर कोई बेहाल है. इस बार गर्मी का दंश इसलिए भी ज्यादा समझ में आ रहा है, क्योंकि हर गर्मी में राहत देने वाला आम का पन्ना, शरबत नदारद है. इन्हीं चीजों से बाहर निकलने वाले लोगों को राहत महसूस होती थी. वहीं इस बार इनके न मिलने की वजह से लोग गर्मी से बेहाल होते दिख रहे हैं.
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इन सबके बीच दुकानदार भी परेशान हैं, क्योंकि नियम के मुताबिक सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक की दुकानों को खोलने की अनुमति है. प्रचंड गर्मी की वजह से लोग 11 बजे से लेकर चार बजे तक घरों से ही नहीं निकलना चाह रहे हैं. मजबूरी में जो लोग अपनी ड्यूटी पर निकल रहे हैं, उनके सामने भी परेशानियां कम नहीं हैं. गर्मी और लू के थपेड़ों से बचने के लिए हर बार ठेले-खोमचे पर बिकने वाले राहत के सामान भी गायब हैं. लोग इधर-उधर पानी भी नहीं पीना चाह रहे हैं. सबसे बड़ी बात है कि हर बार जहां वाराणसी में लगभग 200 से ज्यादा अस्थाई प्याऊ का प्रबंध किया जाता था, जिसमें सामाजिक संस्थाएं भी इसकी व्यवस्था करती थी. वह भी इस बार पूरी तरह से नदारद हैं, जिसकी वजह से बाहर निकलने वाले लोगों को इस बेतहाशा गर्मी में मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है.