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वाराणसी: स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बनाई PM मोदी के लिए राखी - पीएम मोदी ताजा खबर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र काशी में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने पीएम मोदी को भेजने के लिए अपने हाथों से राखियां तैयार की है. स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अभी तक 50 हजार राखियां तैयार की हैं और उन्हें मार्केट में भी सप्लाई किया गया है.

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बनाई राखी
स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बनाई राखी
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Published : Jul 30, 2020, 1:08 PM IST

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डूडा के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से राखियां तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने के लिए तैयार की हैं. साथ ही 25 हजार राखी अभी तक मार्केट में सप्लाई के लिए दे चुकीं हैं. महिलाओं का कहना है कि अभी रक्षाबंधन के पहले 50 हजार का टारगेट है. वहीं डूडा अधिकारी का कहना है कि स्वदेशी चीजों से बनाई गई राखियों की वजह से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं चाइना के प्रोडक्टों का बहिष्कार भी भरपूर किया जा रहा है.

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बनाई राखी
दरअसल, इन महिलाओं ने देसी सामानों का प्रयोग कर सभी राखियां बनाई हैं. जिसमें मिट्टी, फूलों, रुद्राक्ष और तुलसी का भी इस्तेमाल किया गया है. देसी सामानों से तैयार की गई इन राखियों की खूबसूरती देखने योग्य है. फिलहाल महिलाओं का कहना है कि हम अपने यशस्वी प्रधानमंत्री को अपने हाथों से बनाई गई राखियां भेज रहे हैं और यह उनसे आग्रह कर रहे हैं कि बनारस से भेजी गई राखियों को वह अपने कलाई पर जरूर सजाएं.वहीं डूडा परियोजना अधिकारी जया सिंह का मानना है कि जिस तरीके से आत्मनिर्भर भारत की बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं, उसे देखते हुए कहीं ना कहीं इन महिलाओं ने जो कदम उठाया है वह बेहद सराहनीय है और महिलाएं पचास हजार का टारगेट अभी तक कर चुकी हैं. राखियों को बनाने के लिए जो मार्केट में खूब सराही जा रही हैं. यही नहीं महिलाओं को कुछ आर्थिक रूप में मदद भी हो रही है. फिलहाल महिलाएं बेहद उत्साहित हैं और आगे भी इस तरह की कामों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.

वाराणसी: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में डूडा के अंतर्गत स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने अपने हाथों से राखियां तैयार कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजने के लिए तैयार की हैं. साथ ही 25 हजार राखी अभी तक मार्केट में सप्लाई के लिए दे चुकीं हैं. महिलाओं का कहना है कि अभी रक्षाबंधन के पहले 50 हजार का टारगेट है. वहीं डूडा अधिकारी का कहना है कि स्वदेशी चीजों से बनाई गई राखियों की वजह से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं. वहीं चाइना के प्रोडक्टों का बहिष्कार भी भरपूर किया जा रहा है.

स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने बनाई राखी
दरअसल, इन महिलाओं ने देसी सामानों का प्रयोग कर सभी राखियां बनाई हैं. जिसमें मिट्टी, फूलों, रुद्राक्ष और तुलसी का भी इस्तेमाल किया गया है. देसी सामानों से तैयार की गई इन राखियों की खूबसूरती देखने योग्य है. फिलहाल महिलाओं का कहना है कि हम अपने यशस्वी प्रधानमंत्री को अपने हाथों से बनाई गई राखियां भेज रहे हैं और यह उनसे आग्रह कर रहे हैं कि बनारस से भेजी गई राखियों को वह अपने कलाई पर जरूर सजाएं.वहीं डूडा परियोजना अधिकारी जया सिंह का मानना है कि जिस तरीके से आत्मनिर्भर भारत की बात देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करते हैं, उसे देखते हुए कहीं ना कहीं इन महिलाओं ने जो कदम उठाया है वह बेहद सराहनीय है और महिलाएं पचास हजार का टारगेट अभी तक कर चुकी हैं. राखियों को बनाने के लिए जो मार्केट में खूब सराही जा रही हैं. यही नहीं महिलाओं को कुछ आर्थिक रूप में मदद भी हो रही है. फिलहाल महिलाएं बेहद उत्साहित हैं और आगे भी इस तरह की कामों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा ताकि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया जा सके.
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