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अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस: वाराणसी के संत छेदी बाबा पानी में करते हैं योग

यूपी के वाराणसी जिले में संत प्रमुख की उपाधि प्राप्त छेदी बाबा गंगा नदी के तट पर रहते हैंं. दरअसल छेदी बाबा पीएम मोदी के आदर्श गांव डुमरी के रहने वाले हैं. छेदी बाबा बहते पानी में तैरते हुए योगासन करते हैं. इनकी इसी कला के मुरीद होकर देश-विदेश के कई छात्र इनसे योग सीखने आते हैं.

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Published : Jun 21, 2020, 4:20 PM IST

varanasi
संत छेदी बाबा.

वाराणसी: पूरे विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाया जा रहा है. लोग विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से योग कर रहे हैं. कई लोग ऐसे हैं, जिनका योग करने का तरीका काफी अलग है. ऐसे ही योग को अलग तरीके से करने वाले वाराणसी के एक संत हैं, जो कि जल योग करते हैं. संत छेदी बाबा की खूबी यह है कि ये बहते पानी में तैरते हुए योगासन करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श गांव डुमरी में गंगा नदी के तट पर रहने वाले छेदी बाबा को संत प्रमुख की उपाधि से भी नवाजा गया है. यह अपने परिवार के साथ रहते हैं, जो कि पिछले 40 वर्षों से जल योग कर रहे हैं. छेदी बाबा लोगों को योग के प्रति जागरूक करने का कार्य भी कर रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने छेदी बाबा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह पानी पर कई योगासन करते हैं. इसमें पद्मासन, हलासन, शवासन, के साथ-साथ जप माला मुद्रा, प्रार्थना मुद्रा, शक्ति मुद्रा सहित कई अन्य मुद्राएं भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रेरणा उनको उनके पिता से मिली. वह अपने पिता की विरासत को सहेजे हुए हैं और दिन प्रतिदिन उसको और प्रसारित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल योग एक तपस्या है और इसे सीखने के लिए योग और तैरना दोनों का आना ही बेहद जरूरी है.

अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर संत छेदी बाबा ने पानी में किया योग.

देश-विदेश के युवाओं को दे रहे योग शिक्षा
छेदी बाबा ने बताया कि वे पिछले कई सालों से विद्यार्थियों को योग शिक्षा भी देते आए हैं. उन्होंने बताया कि हमारे देश के विभिन्न राज्यों, आसपास के क्षेत्रों के साथ विदेशों से भी काफी संख्या में यहां छात्र आते हैं. विदेशी छात्र योग की शिक्षा ग्रहण करके अपने देश जाकर इसका प्रसार-प्रचार करते हैं. छेदी बाबा कहते हैं कि जब भारत की विरासत लोग विदेश में अपनाते हैं तो उन्हें बेहद खुशी होती है. इस बात के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तहे दिल से धन्यवाद कहा है. साथ ही कहा कि पीएम मोदी ने भारतीय विरासत को विश्व पटल पर स्थापित किया है. इससे पूरे विश्व में भारत का परचम लहराएगा.

पूरा विश्व मान रहा है योग का लोहा
छेदी बाबा कहते हैं कि कोरोना जैसी महामारी में भी योगाभ्यास करके विजय पाई जा सकती है. योग का लोहा पूरा विश्व मान रहा है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रतिदिन योग करने का संकल्प सभी लोग लें. योग का अभ्यास हो जाने के बाद एक अलग ही अनुभूति होगी, जिसको केवल करने वाला ही महसूस कर आनंद ले सकता है. इस आनंद को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

योग से हैं कई फायदे
छेदी बाबा संत प्रमुख ने बताया कि यह एक विद्या है, जिसे लगातार प्रयास के बाद आसानी से किया जा सकता है. वे लोग, जो तैरना जानते हैं वे कई आसन पानी में कर सकते हैं. जल योग से शरीर में लचीलापन आता है और पानी में रहने से शरीर के रोम कूप खुल जाते हैं, जिससे त्वचा में चमक आ जाती है. शरीर के सभी अवशिष्ट पदार्थ भी इससे बाहर निकल जाते हैं. पानी में योग करने की न कोई उम्र है और न ही कोई साइड इफेक्ट. तैराकी और जल योग न सिर्फ शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाता है, बल्कि मन को भी तरोताजा रखता है.

वाराणसी: पूरे विश्व में आज अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस मनाया जा रहा है. लोग विभिन्न क्षेत्र में अलग-अलग तरीके से योग कर रहे हैं. कई लोग ऐसे हैं, जिनका योग करने का तरीका काफी अलग है. ऐसे ही योग को अलग तरीके से करने वाले वाराणसी के एक संत हैं, जो कि जल योग करते हैं. संत छेदी बाबा की खूबी यह है कि ये बहते पानी में तैरते हुए योगासन करते हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदर्श गांव डुमरी में गंगा नदी के तट पर रहने वाले छेदी बाबा को संत प्रमुख की उपाधि से भी नवाजा गया है. यह अपने परिवार के साथ रहते हैं, जो कि पिछले 40 वर्षों से जल योग कर रहे हैं. छेदी बाबा लोगों को योग के प्रति जागरूक करने का कार्य भी कर रहे हैं.

अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस के मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने छेदी बाबा से बातचीत की. उन्होंने बताया कि वह पानी पर कई योगासन करते हैं. इसमें पद्मासन, हलासन, शवासन, के साथ-साथ जप माला मुद्रा, प्रार्थना मुद्रा, शक्ति मुद्रा सहित कई अन्य मुद्राएं भी शामिल हैं. उन्होंने बताया कि यह प्रेरणा उनको उनके पिता से मिली. वह अपने पिता की विरासत को सहेजे हुए हैं और दिन प्रतिदिन उसको और प्रसारित कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि जल योग एक तपस्या है और इसे सीखने के लिए योग और तैरना दोनों का आना ही बेहद जरूरी है.

अंतरराष्ट्रीय योगा दिवस पर संत छेदी बाबा ने पानी में किया योग.

देश-विदेश के युवाओं को दे रहे योग शिक्षा
छेदी बाबा ने बताया कि वे पिछले कई सालों से विद्यार्थियों को योग शिक्षा भी देते आए हैं. उन्होंने बताया कि हमारे देश के विभिन्न राज्यों, आसपास के क्षेत्रों के साथ विदेशों से भी काफी संख्या में यहां छात्र आते हैं. विदेशी छात्र योग की शिक्षा ग्रहण करके अपने देश जाकर इसका प्रसार-प्रचार करते हैं. छेदी बाबा कहते हैं कि जब भारत की विरासत लोग विदेश में अपनाते हैं तो उन्हें बेहद खुशी होती है. इस बात के लिए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तहे दिल से धन्यवाद कहा है. साथ ही कहा कि पीएम मोदी ने भारतीय विरासत को विश्व पटल पर स्थापित किया है. इससे पूरे विश्व में भारत का परचम लहराएगा.

पूरा विश्व मान रहा है योग का लोहा
छेदी बाबा कहते हैं कि कोरोना जैसी महामारी में भी योगाभ्यास करके विजय पाई जा सकती है. योग का लोहा पूरा विश्व मान रहा है. उन्होंने सभी से आग्रह किया कि प्रतिदिन योग करने का संकल्प सभी लोग लें. योग का अभ्यास हो जाने के बाद एक अलग ही अनुभूति होगी, जिसको केवल करने वाला ही महसूस कर आनंद ले सकता है. इस आनंद को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है.

योग से हैं कई फायदे
छेदी बाबा संत प्रमुख ने बताया कि यह एक विद्या है, जिसे लगातार प्रयास के बाद आसानी से किया जा सकता है. वे लोग, जो तैरना जानते हैं वे कई आसन पानी में कर सकते हैं. जल योग से शरीर में लचीलापन आता है और पानी में रहने से शरीर के रोम कूप खुल जाते हैं, जिससे त्वचा में चमक आ जाती है. शरीर के सभी अवशिष्ट पदार्थ भी इससे बाहर निकल जाते हैं. पानी में योग करने की न कोई उम्र है और न ही कोई साइड इफेक्ट. तैराकी और जल योग न सिर्फ शरीर को हृष्ट-पुष्ट बनाता है, बल्कि मन को भी तरोताजा रखता है.

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