वाराणसी: कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर दिया है. नवरात्र, दशहरा और दिवाली से पहले व्यापारी सशंकित थे कि इस बार बाजार का क्या होगा. दुकानों पर सन्नाटा और लोगों का घरों के बाहर न निकलना व्यापारियों की चिंता बढ़ा रहा था. हालांकि दशहरे से शुरू हुआ त्योहारी सीजन धीरे-धीरे व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला साबित हुआ. दिवाली नजदीक आने से पहले ही बाजार में रौनक दिखने लगी और व्यापारियों के मायूस चेहरे खिल गए. लॉकडाउन और आर्थिक संकट की मार झेल रहे खुदरा कपड़ा बाजार को त्योहारों ने ऑक्सीजन देने का काम किया है.
त्योहारों ने दी खुदरा कपड़ा बाजार को ऑक्सीजन, बाजार फिर से गुलजार - त्यौहारी सीजन से कपड़ा बाजार में लौटी रौनक
उत्तर प्रदेश के वाराणसी के कपड़ा बाजार में फिर से रौनक लौटने लगी है. कोरोना को लेकर हुए लॉकडाउन के बाद जिले के खुदरा कपड़ा बाजार की स्थिति खराब चल रही थी. दशहरे से शुरू हुआ त्योहारी सीजन धीरे-धीरे व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला साबित हुआ. दिवाली नजदीक आने से पहले ही बाजार में ग्राहक खरीदारी करने पहुंच रहे हैं.
![त्योहारों ने दी खुदरा कपड़ा बाजार को ऑक्सीजन, बाजार फिर से गुलजार वाराणसी का कपड़ा बाजार गुलजार.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-9530433-thumbnail-3x2-varansi.jpg?imwidth=3840)
वाराणसी: कोरोना की वजह से हुए लॉकडाउन ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को डांवाडोल कर दिया है. नवरात्र, दशहरा और दिवाली से पहले व्यापारी सशंकित थे कि इस बार बाजार का क्या होगा. दुकानों पर सन्नाटा और लोगों का घरों के बाहर न निकलना व्यापारियों की चिंता बढ़ा रहा था. हालांकि दशहरे से शुरू हुआ त्योहारी सीजन धीरे-धीरे व्यापारियों के चेहरे पर मुस्कान लाने वाला साबित हुआ. दिवाली नजदीक आने से पहले ही बाजार में रौनक दिखने लगी और व्यापारियों के मायूस चेहरे खिल गए. लॉकडाउन और आर्थिक संकट की मार झेल रहे खुदरा कपड़ा बाजार को त्योहारों ने ऑक्सीजन देने का काम किया है.