ETV Bharat / state

फुलवरिया वरुणा एप्रोच रोड निर्माण में घोटाले की रकम आई सामने, अब विशेष ऑडिट की तैयारी - वाराणसी फुलवरिया फोरलेन

वाराणसी में फुलवरिया फोरलेन वरुणा एप्रोच रोड धंसने के बाद सरकार ने जांच के आदेश दिए थे. प्रारंभिक जांच में रोड निमार्ण के लिए स्वीकृत बजट से ज्यादा की रकम खर्च किए जाने की बात सामने आई है.

Etv Bharat
फुलवरिया फोरलेन वाराणसी
author img

By

Published : Sep 23, 2022, 12:58 PM IST

वाराणसी: योगी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी सजग रहती है. राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त न करने का दावा भी करती है. इसी कड़ी में वाराणसी फुलवरिया फोरलेन के निर्माण में हुई अनियमितता के बाद अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में करीब 7 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बातें सामने आ रही हैं. इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर अब विशेष ऑडिट कराए जाने की तैयारी की जा रही है.

गौरतलब है कि बीते दिनों फुलवरिया फोरलेन वरुणा पुल एप्रोच मार्ग की सड़क धंसने के बाद काफी हड़कंप मच गया था. निर्माण कार्य के दौरान हुए धांधली को लेकर इस पूरे प्रकरण में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर की तरफ से कार्रवाई के आदेश दिए गए. इस दौरा राजकीय सेतु निगम के कई अधिकारियों और इंजीनियर्स पर गाज गिरी थी. इस मामले में सेतु निगम के पूर्व उप परियोजना प्रबंधक सूरज गर्ग, सहायक अभियंता ज्ञानेंद्र वर्मा और अवर अभियंता राजेश कुमार को दोषी पाया गया था.

प्राथमिक जांच में दोषी मिलने के बाद सेतु निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने आजमगढ़ के मुख्य परियोजना प्रबंधक संतराज को जांच अधिकारी नामित किया था. साथ ही तीनों आरोपितों को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया था. सरकार तीनों आरोपितो पर पहले ही एक्शन ले चुकी है, लेकिन अब, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है परत दर परत चीजें खुलती जा रही हैं.

इस पूरे मामले में सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक संजीव भारद्वाज का कहना है कि इस प्रकरण में विशेष आडिट के आदेश दिए गए हैं. क्योंकि इस सड़क के निर्माण का बजट 34.5 करोड़ रुपए स्वीकृत था. जबकि निर्माण में 42 करोड़ खर्च किए गए हैं, आखिर लगभग 7.50 करोड़ रुपए कहां और किस मद में खर्च हुआ. इसकी जांच अनिवार्य है.

इसलिए तकनीकी स्वीकृति के अनुसार लागत, सारांश तकनीकी स्वीकृति के विरुद्ध सेतु पर किए गए व्यय का पूरा विवरण, इकाई को मुख्यालय से उपलब्ध करवाई गई राशि, हर साल किया गया ऑडिट का खर्च और सेतु पर सीए द्वारा सत्यापित जीएसटी के अलावा कुछ अन्य जानकारियां इस रिपोर्ट में देने के लिए कही गई हैं. फिलहाल भ्रष्टाचार की जड़ें कहां तक फैली है. यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन सेतु निगम की इस लापरवाही से पैसे के साथ-साथ लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है.

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर, चित्रकूट, अमेठी और प्रयागराज में स्थापित होंगे पेप्सिको के प्लांट

वाराणसी: योगी सरकार प्रदेश में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए काफी सजग रहती है. राज्य सरकार भ्रष्टाचारियों को किसी भी हाल में बर्दाश्त न करने का दावा भी करती है. इसी कड़ी में वाराणसी फुलवरिया फोरलेन के निर्माण में हुई अनियमितता के बाद अब इसकी जांच शुरू कर दी गई है. प्रारंभिक जांच में करीब 7 करोड़ रुपए से ज्यादा के घोटाले की बातें सामने आ रही हैं. इस पूरे प्रोजेक्ट को लेकर अब विशेष ऑडिट कराए जाने की तैयारी की जा रही है.

गौरतलब है कि बीते दिनों फुलवरिया फोरलेन वरुणा पुल एप्रोच मार्ग की सड़क धंसने के बाद काफी हड़कंप मच गया था. निर्माण कार्य के दौरान हुए धांधली को लेकर इस पूरे प्रकरण में पीडब्ल्यूडी मिनिस्टर की तरफ से कार्रवाई के आदेश दिए गए. इस दौरा राजकीय सेतु निगम के कई अधिकारियों और इंजीनियर्स पर गाज गिरी थी. इस मामले में सेतु निगम के पूर्व उप परियोजना प्रबंधक सूरज गर्ग, सहायक अभियंता ज्ञानेंद्र वर्मा और अवर अभियंता राजेश कुमार को दोषी पाया गया था.

प्राथमिक जांच में दोषी मिलने के बाद सेतु निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने आजमगढ़ के मुख्य परियोजना प्रबंधक संतराज को जांच अधिकारी नामित किया था. साथ ही तीनों आरोपितों को आरोप पत्र जारी करने का निर्देश दिया गया था. सरकार तीनों आरोपितो पर पहले ही एक्शन ले चुकी है, लेकिन अब, जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है परत दर परत चीजें खुलती जा रही हैं.

इस पूरे मामले में सेतु निगम के परियोजना प्रबंधक संजीव भारद्वाज का कहना है कि इस प्रकरण में विशेष आडिट के आदेश दिए गए हैं. क्योंकि इस सड़क के निर्माण का बजट 34.5 करोड़ रुपए स्वीकृत था. जबकि निर्माण में 42 करोड़ खर्च किए गए हैं, आखिर लगभग 7.50 करोड़ रुपए कहां और किस मद में खर्च हुआ. इसकी जांच अनिवार्य है.

इसलिए तकनीकी स्वीकृति के अनुसार लागत, सारांश तकनीकी स्वीकृति के विरुद्ध सेतु पर किए गए व्यय का पूरा विवरण, इकाई को मुख्यालय से उपलब्ध करवाई गई राशि, हर साल किया गया ऑडिट का खर्च और सेतु पर सीए द्वारा सत्यापित जीएसटी के अलावा कुछ अन्य जानकारियां इस रिपोर्ट में देने के लिए कही गई हैं. फिलहाल भ्रष्टाचार की जड़ें कहां तक फैली है. यह तो बाद में पता चलेगा लेकिन सेतु निगम की इस लापरवाही से पैसे के साथ-साथ लोगों की जिंदगी से भी खिलवाड़ होता दिखाई दे रहा है.

ये भी पढ़ेंः गोरखपुर, चित्रकूट, अमेठी और प्रयागराज में स्थापित होंगे पेप्सिको के प्लांट

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.