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Varanasi News : लोगों में तेजी से बढ़ रहा कोलोरेक्टल कैंसर, 30 से 40 वर्ष के लोग हो रहे पीड़ित

अनियमित जीवनशैली, मोटापा व अनियमित खानपान से लोगों में कई तरह की गंभीर बीमारियां हो रही हैं. इनमें कोलोरेक्टल कैंसर सबसे खतरनाक तरीके से बढ़ रहा है.

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Published : Mar 28, 2023, 8:09 PM IST

वाराणसी : वर्तमान दौर में अनियमित जीवनशैली, मोटापा व अनियमित खानपान लोगों में तमाम तरीके की समस्याओं को उत्पन्न कर रहे हैं. उन समस्याओं में से सबसे भयानक समस्या है कैंसर की. जी हां अनियमित जीवन शैली और अन्य समस्याओं के कारण इन दिनों कोलोरेक्टल कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बड़ी बात यह है कि हर दिन ओपिडी में 200 से ज्यादा की संख्या में कैंसर से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं और अपना इलाज करा रहे हैं. यह आंकड़ा पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ओर से जारी विज्ञप्ति का है.


कोलोरेक्टल कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहा रहता है. इसे लोग ज्यादा नजरअंदाज कर देते हैं. यही वजह है कि इस बीमारी से लोगों को बचाना मुश्किल हो जाता है. कोलोरेक्टल कैंसर को लेकर के पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने एक आंकड़ा जारी किया है और इस आंकड़े के तहत कोलोरेक्टल कैंसर की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब हर साल औसतन लगभग ढाई हजार से ज्यादा मरीज इस कैंसर के ओपीडी में पहुंचे हैं, जिनका इलाज सुनिश्चित कराया जा रहा है.


अनियमित जीवन शैली बढ़ा रही कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा : इस बारे में कैंसर केन्द्र के सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर स्वप्निल पटेल ने बताया कि वर्तमान समय में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादातर मरीजों में यह देखा गया है कि वह इलाज के लिए काफी देरी से इनिशिएटिव लेते हैं. जिसकी वजह से उनकी बीमारी को ठीक करना मुश्किल हो जाता है. इस कैंसर से लड़ने के लिए सही समय पर उपचार की सबसे ज्यादा जरूरत है.

उपचार में देरी हो सकती है घातक : आंकड़ों की बात करें तो कोलोरेक्टल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हमारे यहां कैंसर अस्पताल में हर महीने 200 और एक साल में लगभग 25 सौ से ज्यादा मरीज कोलोरेक्टल कैंसर के आते हैं. अमूमन पश्चिमी देशों में यह कैंसर सामान्यतः 50 वर्ष की उम्र में लोगों को होता है, लेकिन भारत में 30 से 40 वर्ष की उम्र में ही लोग इस कैंसर से जूझ रहे हैं. दिक्कत की बात यह है कि इस कैंसर से जूझने वाले लगभग 60 से ज्यादा फ़ीसदी लोग एडवांस में अपना इलाज कराने आते हैं. जिसकी वजह से उन्हें ठीक कर पाना मुश्किल होता है.

300 से ज्यादा मरीजों की हो चुकी है सर्जरी : डॉ. पटेल बताते हैं कि इस कैंसर को ठीक करने के लिए मरीजों का इलाज रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी के जरिए किया जाता है. हमारे कैंसर अस्पताल में इन सभी आधुनिक तकनीकी की सुविधा उपलब्ध है. यहां पर लेप्रोस्कोपिक विधि के जरिए हम मरीजों की सर्जरी करते हैं. जिससे न सिर्फ़ सर्जरी करने में कम समय लगता है. बल्कि मरीज के घाव भरने में भी कम समय की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि इस विधि की खासियत यह है कि इसमें मरीज को दर्द भी बेहद कम होता है. 2021 में सर्जरी की शुरुआत हमारे कैंसर केंद्र पर की गई थी और अब तक 300 से ज्यादा मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है.

ये हैं लक्षण : कोलेस्ट्रोल कैंसर बड़ी आत में होने वाला कैंसर है. जिसे कोलन कैंसर भी कहा जाता है. यदि मरीजों को बार-बार कब्ज हो, पेट में दर्द हो मल के रास्ते खून आए या इस प्रकार की अन्य समस्या दिखे तो बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और ऐसी परिस्थिति में चिकन, शराब ज्यादा तेल मसाला खाने से परहेज करना चाहिए.

यह भी पढ़ें : लक्षद्वीप के अयोग्य सांसद से सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'किस मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ ?'

वाराणसी : वर्तमान दौर में अनियमित जीवनशैली, मोटापा व अनियमित खानपान लोगों में तमाम तरीके की समस्याओं को उत्पन्न कर रहे हैं. उन समस्याओं में से सबसे भयानक समस्या है कैंसर की. जी हां अनियमित जीवन शैली और अन्य समस्याओं के कारण इन दिनों कोलोरेक्टल कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. बड़ी बात यह है कि हर दिन ओपिडी में 200 से ज्यादा की संख्या में कैंसर से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं और अपना इलाज करा रहे हैं. यह आंकड़ा पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल की ओर से जारी विज्ञप्ति का है.


कोलोरेक्टल कैंसर को बड़ी आंत का कैंसर भी कहा रहता है. इसे लोग ज्यादा नजरअंदाज कर देते हैं. यही वजह है कि इस बीमारी से लोगों को बचाना मुश्किल हो जाता है. कोलोरेक्टल कैंसर को लेकर के पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र एवं होमी भाभा कैंसर अस्पताल ने एक आंकड़ा जारी किया है और इस आंकड़े के तहत कोलोरेक्टल कैंसर की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. अब हर साल औसतन लगभग ढाई हजार से ज्यादा मरीज इस कैंसर के ओपीडी में पहुंचे हैं, जिनका इलाज सुनिश्चित कराया जा रहा है.


अनियमित जीवन शैली बढ़ा रही कोलोरेक्टल कैंसर का खतरा : इस बारे में कैंसर केन्द्र के सर्जरी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर स्वप्निल पटेल ने बताया कि वर्तमान समय में कोलोरेक्टल कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. ज्यादातर मरीजों में यह देखा गया है कि वह इलाज के लिए काफी देरी से इनिशिएटिव लेते हैं. जिसकी वजह से उनकी बीमारी को ठीक करना मुश्किल हो जाता है. इस कैंसर से लड़ने के लिए सही समय पर उपचार की सबसे ज्यादा जरूरत है.

उपचार में देरी हो सकती है घातक : आंकड़ों की बात करें तो कोलोरेक्टल कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है. हमारे यहां कैंसर अस्पताल में हर महीने 200 और एक साल में लगभग 25 सौ से ज्यादा मरीज कोलोरेक्टल कैंसर के आते हैं. अमूमन पश्चिमी देशों में यह कैंसर सामान्यतः 50 वर्ष की उम्र में लोगों को होता है, लेकिन भारत में 30 से 40 वर्ष की उम्र में ही लोग इस कैंसर से जूझ रहे हैं. दिक्कत की बात यह है कि इस कैंसर से जूझने वाले लगभग 60 से ज्यादा फ़ीसदी लोग एडवांस में अपना इलाज कराने आते हैं. जिसकी वजह से उन्हें ठीक कर पाना मुश्किल होता है.

300 से ज्यादा मरीजों की हो चुकी है सर्जरी : डॉ. पटेल बताते हैं कि इस कैंसर को ठीक करने के लिए मरीजों का इलाज रेडियोथैरेपी, कीमोथेरेपी और सर्जरी के जरिए किया जाता है. हमारे कैंसर अस्पताल में इन सभी आधुनिक तकनीकी की सुविधा उपलब्ध है. यहां पर लेप्रोस्कोपिक विधि के जरिए हम मरीजों की सर्जरी करते हैं. जिससे न सिर्फ़ सर्जरी करने में कम समय लगता है. बल्कि मरीज के घाव भरने में भी कम समय की जरूरत होती है. उन्होंने बताया कि इस विधि की खासियत यह है कि इसमें मरीज को दर्द भी बेहद कम होता है. 2021 में सर्जरी की शुरुआत हमारे कैंसर केंद्र पर की गई थी और अब तक 300 से ज्यादा मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है.

ये हैं लक्षण : कोलेस्ट्रोल कैंसर बड़ी आत में होने वाला कैंसर है. जिसे कोलन कैंसर भी कहा जाता है. यदि मरीजों को बार-बार कब्ज हो, पेट में दर्द हो मल के रास्ते खून आए या इस प्रकार की अन्य समस्या दिखे तो बिना किसी देरी के तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और ऐसी परिस्थिति में चिकन, शराब ज्यादा तेल मसाला खाने से परहेज करना चाहिए.

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