वाराणसी : महादेव के रौद्र रूप बाबा भैरव यानी काशी के कोतवाल काल भैरव का जन्मोत्सव मंगलवार मनाया गया. भैरव अष्टमी के मौके पर काल भैरव मंदिर में भक्तों की भीड़ जबरदस्त तरीके से उमड़ी. सुबह मंगला आरती के साथ बाबा का मंगला शृंगार और दोपहर में भोग आरती के बाद भोग शृंगार हुआ. इस दौरान पूरे परिसर को गुब्बारों और फूलों से सजा गया. इस दौरान बाबा को 1051 किलो का अद्भुत केक अर्पित किया गया. यह केक एक दिसंबर से बनना शुरू हुआ. केक लगभग एक क्विंटल से ज्यादा बूंदी और 50 किलो से ज्यादा फल, काजू, किशमिश, चिरौंजी और पिस्ता के अलावा कई ड्राई फ्रूट्स से तैयार किया गया. इस में 12 लोगों की टीम ने सहयोग किया. 14 टेबल पर सजाए गए केक को देखने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंचे और बाबा के दर्शन भी किए.
बाबा भैरव का जन्मोत्सव : दरअसल वाराणसी में बाबा भैरव का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया जाता है. मंगलवार सुबह मंगल आरती के साथ बाबा का दरबार दर्शन के लिए खोला गया और दोपहर लगभग 2:00 बजे भोग आरती में बाबा के सामने 1051 किलो वाला पंचमेवा और फलों से बना केक काटा गया और भक्तों में इसका वितरण भी किया गया. केक को तैयार करने वाले प्रिंस कुमार गुप्ता का कहना है कि अब तक भारत वर्ष में किसी भी मंदिर में समर्पित होने वाला यह सबसे बड़ा केक है. पिछले साल हमने 851 किलो का केक तैयार था, लेकिन इस साल केक 1051 किलो का बनाया गया है.
केक में डाली गई सामग्री : केक तैयार करने में लगभग 50 किलो से ज्यादा फल, जिसमें सेब, केला, संतरा, अनार, मौसंबी और कीवी का प्रयोग हुआ. साथ ही 20 किलो काजू, 30 किलो किशमिश, 10 किलो पिस्ता, 10 किलो चिरौंजी डाली गई. इसके अलावा दो बोतल क्रीम, एक क्विंटल बूंदी और 50 किलो खोया डाला गया. केक को आठ बड़े प्लाईवुड और 14 बड़े टेबल रखा गया था.
केक पर अखंड भारत का नक्शा : केक के जरिए देश की पांच ट्रिलियन इकोनामी दिखाने की कोशिश की. केक पर अखंड भारत का नक्शा भी है. प्रिंस बताते हैं कि केक बनाने में 12 लोगों ने चार दिनों तक अथक सहयोग किया है. ये सभी लोग व्यापारी वर्ग से जुड़े हैं. केक बनाने वाले सिर्फ दो ही लोग हैं जो कारीगर हैं और एक्सपर्ट हैं. बाकी लोग अपनी श्रद्धा और भाव के साथ जुटे रहे और बाबा को समर्पित केक लोगों में बांट रहे हैं.
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